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| - सोशल मीडिया पर संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में इजरायल (Israel) के प्रतिनिधि का बताया जा रहा एक वीडियो वायरल है, जिसमें वो कुछ कागज फाड़ते दिख रहे हैं.
दावा है कि UN ने हाल में चल रहे इजरायल - हमास (Israel - Hamas) विवाद को लेकर इजरायल को 20 पन्नों का नोटिस जारी किया था. दावा किया जा रहा है कि ये नोटिस इजरायल द्वारा मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर जारी हुआ था.
वीडियो में क्या बोला जा रहा है : वीडियो में दिख रहा प्रतिनिधि जो कहता है उसका हिंदी अनुवाद कुछ यूं होगा. "यह रिपोर्ट, मानवाधिकारों, सुरक्षा या शांति से संबंधित किसी भी व्यक्ति के लिए इसका कोई स्थान नहीं होना चाहिए. इसका एकमात्र स्थान यहूदी विरोधी भावना के कूड़ेदान में है और हम इसके साथ ठीक इसी तरह व्यवहार करेंगे."
क्या ये सच है ? : वीडियो अक्टूबर 2021 का है और इसका इजरायल - हमास के बीच चल रहे हालिया युद्ध से कोई संबंध नहीं है.
वीडियो में UN में इजरायल के प्रतिनिधि गिलाद (Gilad Erdan) UN की मानवाधिकार परिषद की वार्षिक रिपोर्ट फाड़ते दिख रहे हैं.
वो आरोप लगा रहे हैं कि रिपोर्ट में इजरायल के खिलाफ पक्षपात वाला रवैय्या अपनाया गया है.
हमने सच का पता कैसे लगाया ?: हमने Google पर कुछ कीवर्ड्स के जरिए इस घटना से जुड़ी न्यूज रिपोर्ट्स खोजीं.
30 अक्टूबर 2021 को The Palestine Post पर छपी एक रिपोर्ट मिली, जिसमें वायरल वीडियो का एक स्क्रीनशॉट था.
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि UN में इजरायली प्रतिनिधि गिलाद एर्दान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की वार्षिक रिपोर्ट को यह दावा करते हुए फाड़ दिया कि यह इजरायल के खिलाफ पक्षपाती है.
आगे बताया गया है कि UNHRC की रिपोर्ट में गाजा पर क्रूर हमलों के लिए इजरायल की निंदा और आलोचना की गई है, इस हमले में 260 से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे गए थे.
The Jerusalem Post की एक अन्य रिपोर्ट में भी वायरल वीडियो दिखाया गया है और यही जानकारी दी गई है.
एर्दन ने अपने X (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट से 30 अक्टूबर 2021 को इस वीडियो का लंबा वर्जन भी पोस्ट किया था.
उनके पोस्ट का हिंदी अनुवाद कुछ यूं होगा, "मैंने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया और मानवाधिकार परिषद की वार्षिक रिपोर्ट के आधारहीन, एकतरफा और सरासर झूठे आरोपों के खिलाफ बोला."
उन्होंने यह भी कहा कि संयुक्त राष्ट्र का इजरायल विरोधी पूर्वाग्रह का इतिहास रहा है.
वीडियो में एर्दन कहते दिख रहे हैं : “इसी मंच पर, यहूदियों के एक देश होने के अधिकार को ही नस्लवादी घोषित कर दिया गया था. एक फैसला जिसे उचित रूप से पलट दिया गया. एक निर्णय जिसे उस समय इजराइल के राजदूत चैम हर्ज़ोग ने संयुक्त राष्ट्र के सामने फाड़ दिया था."
एर्दन आगे कहते हैं कि "इस यहूदी विरोधी, विकृत, एकतरफा रिपोर्ट के साथ बिल्कुल यही किया जाना चाहिए. 1975 के उस प्रस्ताव की तरह, सीयनीज़्म को नस्लवाद के साथ जोड़ना अपने आप में यहूदी विरोधी नस्लवाद का एक रूप था. एक बार फिर मानवाधिकार परिषद के इजरायल विरोधी पूर्वाग्रह, इस रिपोर्ट में सामने आए हैं. मानवाधिकार, सुरक्षा या शांति से संबंधित किसी भी व्यक्ति के लिए इस रिपोर्ट की कोई जगह नहीं होनी चाहिए.''
उन्होंने यह कहते हुए कहा कि कि ''ऐसी रिपोर्ट के लिए 'एकमात्र स्थान' यहूदी विरोध के कूड़ेदान में था और हम इसके साथ ऐसा ही व्यवहार करेंगे.''
ये कहते हुए इजरायली प्रतिनिधि ने रिपोर्ट फाड़ दी.
निष्कर्ष : संयुक्त राष्ट्र में सुरक्षा परिषद की रिपोर्ट फाड़ते इजरायली प्रतिनिधि का पुराना वीडियो हाल में चल रहे इजरायल - हमास युद्ध से जोड़कर गलत दावे से शेयर किया जा रहा है.
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