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| - Last Updated on जुलाई 31, 2023 by Neelam Singh
सारांश
एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए दावा किया जा रहा है कि हेडफोन का इस्तेमाल करने से कानों में बैक्टीरिया की संख्या 700 गुना ज़्यादा बढ़ जाती है। जब हमने इस पोस्ट का तथ्य जाँच किया तब पाया कि यह दावा आधा सत्य है।
दावा
एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए दावा किया जा रहा है कि हेडफोन का इस्तेमाल करने से कानों में बैक्टीरिया की संख्या 700 गुना ज़्यादा बढ़ जाती है।
तथ्य जाँच
क्या कान का संबंध केवल सुनने की शक्ति से है?
कान की संरचना तीन भागों में विभाजित किया गया है, बाहरी, मध्य और आंतरिक कान। मध्य कान में कर्णपटह झिल्ली होती है, जिसे Tympanum कहा जाता है। इसके अलावा मैलियस, इनकस और स्टेप्स छोटी हड्डियां पायी जाती हैं। ये तीनों ध्वनि तरंगों के संचरण की अनुमति देते हैं और कर्णपटह झिल्ली को आंतरिक कान से जोड़ते हैं।
शोध बताते हैं कि कान का संबंध केवल सुनने की शक्ति से नहीं है बल्कि कान शरीर को संतुलित रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। शरीर का संतुलन बनाए रखने में वेस्टिबुलर तंत्र की अहम भूमिका होती है, जो कान के आंतरिक हिस्से में पाया जाता है।
कान में संक्रमण होने के क्या कारण हो सकते हैं?
शोध के अनुसार Staphylococcus aureus, Proteus mirabilis, Proteus vulgaris, Escherichia coli और Pseudomonas aeruginosa बैक्टीरिया के कारण होने वाले संक्रमण में प्रमुख है। हालांकि शोध यह भी बताता है कि इस विषय पर गहन जानकारी के लिए और शोध की आवश्यकता है।
वहीं एक अन्य शोध बताता है कि Otitis media (OM) एक संक्रमण है, जो मध्य कान में होता है। यह संक्रमण कान के आसपास की संरचनाओं के साथ-साथ श्रवण प्रणाली को भी प्रभावित कर सकता है। शारीरिक संरचना और विकासशील प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण यह छोटे बच्चों को प्रभावित करने वाली सबसे आम बीमारियों में से एक है।
क्या हेडफोन का इस्तेमाल कान के लिए हानिकारक है?
आजकल लोगों द्वारा हेडफोन या इयरफोन का इस्तेमाल करने की प्रवृति काफी बढ़ गई है। इसके अलावा आजकल लोग एक-दूसरे के हेडफोन या इयरफोन को भी धड़ल्ले से शेयर कर रहे हैं। जैसे- एक ही हेडफोन या इयरफोन का दो लोगों द्वारा एक साथ इस्तेमाल करना।
शोध बताता है इयरफोन के बार-बार और निरंतर उपयोग से कान में बैक्टीरिया की वृद्धि बढ़ जाती है और इयरफोन को शेयर करना संक्रमण को बढ़ा भी सकता है इसलिए बचाव के लिए जरूरी है कि हमेशा अपने हेडफोन या इयरफोन को साफ रखें और शेयर करने से बचें। हालांकि शोध इस बात की पुष्टि नहीं करता है कि यह संक्रमण कान के किन हिस्सों को प्रभावित कर सकता है इसलिए इस विषय पर और शोध की आवश्यकता है, जो यह बता सके कि संक्रमण कान के किन हिस्सों में हो सकता है और उसकी गति क्या हो सकती है। एक अन्य शोध के अनुसार हेडफोन या इयरफोन संक्रमण का वाहक हो सकते हैं, जिससे otitis externa होने की संभावना बढ़ जाती है।
क्या हेडफोन लगाने के कारण संक्रमण की खबर आई है?
Ear Infection and Hearing Loss Amongst Headphone Users शोध पत्र में मौजूद केस स्टडी के अनुसार हेडफोन पहनने से कान के बाहरी हिस्से में संक्रमण की संभावना होती है क्योंकि लगातार उपयोग करने के कारण कान के बाहरी हिस्से का तापमान और आर्द्रता बढ़ सकती है। साथ ही हेडफोन से आती आवाज़ के कारण त्वचा के घर्षण की संभावना हो सकती है और त्वचा में संक्रमण हो सकता है। हालांकि यह अध्ययन हेडफोन द्वारा कान के बाहरी हिस्से में संक्रमण विकसित होने की संभावना को बढ़ाने की क्षमता को प्रमाणित नहीं करता है। साथ ही घटिया किस्म का earphone या टूटा हुआ हेडफोन भी संक्रमण का कारण बन सकता है। इसके अलावा जिन्हें पहले से ही कान में किसी तरह की तकलीफ है, उनमें संक्रमण होने की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि ऐसा भी नहीं है कि हर व्यक्ति को हेडफोन द्वारा कान में संक्रमण हो लेकिन कुछ जोखिम भरे कारक हैं, जो संक्रमण होने की आशंका को बढ़ा सकते हैं।
एक अन्य शोध पत्र में मौजूद केस स्टडी के अनुसार 76% प्रतिभागियों में हेडफोन का लंबे वक्त तक इस्तेमाल करने के कारण संक्रमण में बढ़ोतरी हुई। शोध कहता है कि जो लोग लंबे वक्त तक हेडफोन का इस्तेमाल करते हैं और साफ-सफाई का ख्याल नहीं रखते हैं, उन्हें संक्रमण होने की संभावना होती है।
ENT विशेषज्ञ डॉ. प्रियजीत पाणिग्रही, (एमबीबीएस, डीएनबी और एमएनएएमएस) बताते हैं, कान में बैक्टीरिया की वृद्धि तब तक नहीं हो सकती है, जब तक साफ हेडफोन या इयरफोन का इस्तेमाल किया जाए। साथ ही बैक्टीरिया का संक्रमण कान के आंतरिक हिस्से में होना थोड़ा कठिन है क्योंकि कान में विभिन्न तरह के glands मौजूद होते हैं, जो बैक्टीरिया की वृद्धि में रुकावट उतपन्न करते हैं। इसके अलावा अगर हेडफोन या इयरफोन का इस्तेमाल बिना किसी मुलायम कवर के या तेज आवाज़ में किया जाए, तो यह सुनने की शक्ति को प्रभावित कर सकता है इसलिए हेडफोन या इयरफोन का इस्तेमाल भीड़भाड़ वाली जगह पर करने से बचना चाहिए और कोशिश करनी चाहिए कि हेडफोन या इयरफोन का उपयोग कम से कम किया जाए।”
हालांकि स्वस्थ कान के लिए जरूरी है कि हेडफोन या इयरफोन का इस्तेमाल करते वक्त साफ-सफाई का खास ध्यान रखें। अगर कानों से जुड़ी कोई तकलीफ है, तो भी हेडफोन या इयरफोन के इस्तेमाल से परहेज करें।
कान को तीन हिस्सों में विभाजित किया जाता है लेकिन दावा कान के किस हिस्से की बात कर रहा है, यह स्पष्ट नहीं है। अतः उपरोक्त शोध पत्रों एवं चिकित्सक के बयान के अनुसार कहा जा सकता है कि यह दावा आधा सत्य है।
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