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  • Fact Check: पूरी तरह सुरक्षित हैं कोविड-19 वैक्सीन, जहर मिलाए जाने की खबर अफवाह, एक्सपर्ट सबको वैक्सीनेशन की दे रहे सलाह विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल मैसेज में किया गया ये दावा झूठा निकला है कि कोविड-19 वैक्सीन में जहर होता है। इसमें किए गए दावे मनगढ़ंत हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि क्लिनिकल ट्रायल में सुरक्षित पाए जाने के बाद ही कोविड-19 वैक्सीन आम लोगों के लिए उपलब्ध कराई गई हैं। अबतक करोड़ों लोग अलग-अलग वैक्सीन की डोज ले चुके हैं। एक्सपर्ट्स ऐसी अफवाहों पर ध्यान न देने की बात कहते हुए सभी को कोविड-19 वैक्सीन लेने की सलाह दे रहे हैं। - By: ameesh rai - Published: May 7, 2021 at 06:34 PM विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया पर कोविड-19 की वैक्सीन से जुड़ा एक अजीबोगरीब मैसेज वायरल हो रहा है। इस वायरल मैसेज में दावा किया जा रहा है कि कोरोना वैक्सीन के प्रति 20 एमएल में 5.6 एमएल जहर मिलाया जाता है, जो किसी को मृत्यु तक ले जाने के लिए काफी है। इस वायरल मैसेज को डॉक्टर के हवाले से वायरल किया जा रहा है। हालांकि, इसमें किसी के नाम का जिक्र नहीं है। इस वायरल मैसेज में कोरोना वायरस को सामान्य सर्दी जुकाम और फ्लू भी बताया जा रहा है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये वायरल दावा झूठा निकला है। इसमें किए गए दावे मनगढ़ंत हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि क्लिनिकल ट्रायल में सुरक्षित पाए जाने के बाद ही कोविड-19 वैक्सीन आम लोगों के लिए उपलब्ध कराई गई हैं। अबतक करोड़ों लोग अलग-अलग वैक्सीन की डोज ले चुके हैं। एक्सपर्ट्स ऐसी अफवाहों पर ध्यान न देने की बात कहते हुए सभी को कोविड-19 वैक्सीन लेने की सलाह दे रहे हैं। क्या हो रहा है वायरल विश्वास न्यूज को अपने फैक्ट चेकिंग वॉट्सऐप चैटबॉट (+91 95992 99372) पर भी ये दावा फैक्ट चेक के लिए मिला है। यूजर्स ने वॉट्सऐप पर वायरल मैसेज का स्क्रीनशॉट शेयर कर इसका सच जानना चाहा है। चैटबॉट पर मिले वायरल मैसेज को यहां नीचे देखा जा सकता है। कीवर्ड्स से सर्च करने पर हमें यह मैसेज सोशल मीडिया के दूसरे प्लेटफॉर्म्स पर भी वायरल मिला है। फेसबुक यूजर सनातनी हिंदू आकाश ने 26 अप्रैल 2021 को इस वायरल मैसेज को शेयर किया है। इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है। पड़ताल इस वायरल मैसेज में मुख्य रूप से दो दावे किए गए हैं। पहला दावा कोरोना वैक्सीन में जहर मिलाए जाने का और दूसरा दावा इसे सामान्य सर्दी-जुकाम और फ्लू बता रहा है। इससे पहले भी WHO का हवाला देकर एक मैसेज वायरल किया गया था, जिसमें कहा गया था कि कोरोना वायरस का सटीक इलाज ढूंढना संभव नहीं और इसकी तुलना नजला, जुकाम, मौसमी बुखार और खांसी से की गई थी। विश्वास न्यूज ने तब उस दावे की पड़ताल की थी और इसे फर्जी पाया था। इस पड़ताल को यहां नीचे देखा जा सकता है। सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की वेबसाइट पर मौजूद एक लेख में भी फ्लू (इन्फ्लूएंजा) और कोविड-19 में फर्क बताया गया है। इसके मुताबिक, ये दोनों संक्रामक श्वसन संबंधी बीमारियां हैं, लेकिन ये अलग-अलग वायरसों के कारण होती हैं। COVID-19 एक नए कोरोनावायरस (जिसे SARS-CoV-2 कहा जाता है) के संक्रमण के कारण होता है और फ्लू इन्फ्लूएंजा वायरस के संक्रमण से फैलता है। इस लेख को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है। विश्वास न्यूज ने इस जानकारी को जुटाने के बाद वायरल मैसेज के दूसरे हिस्से की पड़ताल शुरू की, जिसमें वैक्सीन में जहर होने का दावा किया गया है। हमने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट से भारत में कोविड-19 वैक्सीनेशन के ताजे आंकड़े हासिल किए। 7 मई 2021 को सुबह 8 बजे तक देश में 16 करोड़ 49 लाख 73 हजार से अधिक वैक्सीनेशन किया जा चुका है। इसी वेबसाइट पर कोविड वैक्सीनेशन के FAQ (आमतौर पर पूछे जाने वाले सवाल) सेक्शन से हमें जानकारी मिली कि सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) ने भारत में दो वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी दी है। कोविशील्ड और कोवैक्सीन। विश्वास न्यूज ने सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा निर्मित कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के बारे में जानकारी जुटानी शुरू की। दोनों कंपनियों ने अपनी-अपनी वेबसाइट पर अपनी वैक्सीनों के बारे में पूरी जानकारी दे रखी है। यहां यह भी बताया गया है कि इन वैक्सीन में कौन-सी चीजें मिलाई गई हैं। इस जानकारी को क्रमशः यहां नीचे देखा जा सकता है। विश्वास न्यूज ने वायरल मैसेज के दावों और इन वैक्सीन में मिलाई गई चीजों (इनग्रेडिएंट्स) की जानकारी एक्सपर्ट डॉक्टर्स संग साझा की। हमने इस संबंध में फोर्टिस हॉस्पिटल नोएडा के कंसल्टेंट पेडिएट्रिशिएन डॉक्टर एके गुप्ता से बात की। उन्होंने इस दावे को सिरे से खारिज करते हुए बताया कि कोविड-19 या दूसरी किसी भी वैक्सीन में जहर नहीं होता। उन्होंने बताया कि भारत में करोड़ों लोगों को कोविड-19 की वैक्सीन दी जा चुकी है। भारत में अभी दी जा रही कोवैक्सीन और कोविशील्ड, दोनों में जो भी तत्व शामिल हैं, वो नॉन टॉक्सिक हैं। उनके मुताबिक, कुछ वैक्सीनों में मरे हुए वायरस का भी इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन ये उनके खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता इस्तेमाल करने के लिए किया जाता है, न कि शरीर में वायरस डालने के लिए। डॉक्टर एके गुप्ता ने लोगों से अपील की है कि वे वैक्सीन से जुड़ी इन अफवाहों पर ध्यान न दें। इस संबंध में हमने कोविड एल-1 राम सागर मिश्रा कंबाइंड अस्पताल के डॉक्टर सुमित से भी संपर्क किया। हमने उनके साथ इस वायरल दावे को साझा किया। डॉक्टर सुमित ने हमें बताया, ‘ये पूरी तरह से भ्रामक है,ऐसा कुछ भी नहीं है। अगर उपरोक्त कथन सही होता तो अब तक करोड़ों लोगों को ये दोनों वैक्सीन लग चुकी हैं। अगर इनमें जहर होता तो ऐसे में वैक्सीन लेने वाले लोगों में गंभीर लक्षण आते, जो कि नहीं आए। यह पोस्ट पूरी तरह से आधारहीन है। फतेहपुर कोविड लेवल 2 में पोस्टेड और एमडी मेडिसिन डॉक्टर जुबैर ने भी इस दावे को लेकर ऐसी ही राय दी। डॉक्टर जुबैर ने हमें बताया कि यह मनगढ़ंत दावा है। कोरोना की वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित हैं, जो लोगों को इस जानलेवा संक्रमण से बचा रही हैं। ऐसे में कोविड-19 वैक्सीनेशन को लेकर किसी के अंदर कोई हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिए। विश्वास न्यूज ने इस वायरल दावे को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर सनातनी हिंदू आकाश की प्रोफाइल को भी स्कैन किया। यूजर ने अपनी जानकारियों को पब्लिक नहीं किया है। निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल मैसेज में किया गया ये दावा झूठा निकला है कि कोविड-19 वैक्सीन में जहर होता है। इसमें किए गए दावे मनगढ़ंत हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि क्लिनिकल ट्रायल में सुरक्षित पाए जाने के बाद ही कोविड-19 वैक्सीन आम लोगों के लिए उपलब्ध कराई गई हैं। अबतक करोड़ों लोग अलग-अलग वैक्सीन की डोज ले चुके हैं। एक्सपर्ट्स ऐसी अफवाहों पर ध्यान न देने की बात कहते हुए सभी को कोविड-19 वैक्सीन लेने की सलाह दे रहे हैं। - Claim Review : कोरोना वैक्सीन के प्रति 20 एमएल में 5.6 एमएल जहर मिलाया जाता है - Claimed By : फेसबुक यूजर सनातनी हिंदू आकाश - Fact Check : झूठ पूरा सच जानें... किसी सूचना या अफवाह पर संदेह हो तो हमें बताएं सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी मैसेज या अफवाह पर संदेह है जिसका असर समाज, देश और आप पर हो सकता है तो हमें बताएं। आप हमें नीचे दिए गए किसी भी माध्यम के जरिए जानकारी भेज सकते हैं...
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