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  • Fact Check: तमिलनाडु में पीओपी से बनी भगवान गणेश की मूर्तियों पर लगी थी रोक, वायरल दावा भ्रामक तमिलनाडु में केमिकल से बनी मूर्तियों पर रोक लगी हुई है। हाईकोर्ट और एनजीटी ने इस तरह की मूर्तियों पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। इसी मामले में पिछले साल गणेश चतुर्थी से पहले पीओपी से भगवान गणेश की मूर्तियां बनाने वालों पर कार्रवाई हुई थी। उस वीडियो को सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। - By: Sharad Prakash Asthana - Published: Jul 30, 2024 at 01:49 PM - Updated: Jul 30, 2024 at 02:46 PM नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। तमिलनाडु के नाम से एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें कुछ महिलाओं और बच्चों को पुलिस व अन्य लोगों के सामने रोते-गिड़गिड़ाते हुए देखा जा सकता है। वीडियो में गैर हिंदी भाषा को भी सुना जा सकता है। इस वीडियो को शेयर कर यूजर्स दावा कर रहे हैं कि तमिलनाडु में भगवान गणेश की मूर्ति बनाने वाले गरीब लोगों को मूर्तियों को नहीं बेचने का नोटिस देते हुए उनके गोदाम को सील कर दिया है। यूजर्स तमिलनाडु सरकार को हिंदू विरोधी बताते हुए वीडियो को शेयर कर रहे हैं। विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। दरअसल, वायरल वीडियो पिछले साल सितंबर का है। इस मामले में करुर जिले के कलेक्टर ने भी साफ किया था कि प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) से बनी मूर्तियों पर कड़ाई से प्रतिबंध लागू है। इसके बाद ऐसी मूर्तियों को बनाने वाले कारीगरों के खिलाफ कार्रवाई हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी पिछले साल गणेश चतुर्थी की पूर्व संध्या पर पीओपी से बनी भगवान गणेश की मूर्तियों की बिक्री पर मद्रास हाईकोर्ट के लगाए गए प्रतिबंध को बरकरार रखा था। क्या है वायरल पोस्ट एक्स यूजर @DrEramElizabeth (आर्काइव लिंक) ने 27 जुलाई को वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, “तमिलनाडु में भगवान कि मूर्ति बनाने वाले गरीब मारवाड़ियों के झोपरपट्टी गोदाम को सील कर के मूर्तियो को ना बेचने का नोटिस दिया,,,अब गणेश चतुर्थी को आर्डर की गयी मूर्तियों को नहीं दे पायेगें तमिलनाडु के I. N. D. I. A मुख्यमंत्री का ऐलान हिन्दू संस्कृति का अंत करने का नया तरीका” फेसबुक यूजर Deva Nand Devraj (आर्काइव लिंक) ने भी वीडियो को इसी तरह के दावे के साथ शेयर किया है। पड़ताल वायरल दावे की जांच के लिए हमने वीडियो को ध्यान से देखा। इस पर पॉलीमर न्यूज का लोगो हुआ है। पॉलीमर न्यूज के यूट्यूब चैनल को स्कैन करने पर 17 सितंबर 2023 को अपलोड वीडियो न्यूज मिली। इसमें वायरल वीडियो के बारे में पूरी न्यूज दी गई है। इसमें वायरल वीडियो को भी देखा जा सकत है। इसका टाइटल है, दस लाख रुपये की कीमत गणपति की मूर्ति, सील लगाई गई, बाद में कड़ी शर्तों के साथ हटाई जाएगी। इसके डिस्क्रिप्शन में लिखा है कि केमिकल से 10 लाख की भगवान गणेश की मूर्तियां बनाने पर हॉल सील होने पर उत्तर राज्य के लोग रो पड़े। हाईकोर्ट की मदुरै शाखा की कड़ी शर्तों के बाद सील हटाई जाएगी। 15 सितंबर 2023 को तमिलनाडु के करुर जिले के कलेक्टर ने एक्स यूजर @LegalLro की पोस्ट का जवाब देते हुए कहा था कि यह खबर तथ्यात्मक रूप से अधूरी और तोड़-मरोड़ कर पेश की गई है। सच्चाई इस प्रकार है- “विभिन्न माननीय उच्च न्यायालयों, एनजीटी और सीपीसीबी द्वारा बार-बार निर्देश दिया गया है कि विनायक चतुर्थी के लिए बनाई जाने वाली मूर्तियां पूरी तरह से बायोडिग्रेडेबल वस्तुओं से बनाई जाएंगी। पीओपी जैसी सामग्री का उपयोग सख्त वर्जित है।” साथ में उन्होंने यह भी लिखा, “इस मामले में पारंपरिक कुम्हार संघ द्वारा शिकायत की गई थी कि कुछ लोग विनायक की मूर्तियां पीओपी से बना रहे हैं। इससे उनकी आजीविका प्रभावित हो रही है। इस मामले में कार्रवाई की गई है। दिनांक 25 सितंबर 2023 को मूर्तियों को सुरक्षित रूप से उन्हें बनाने वालों को वापस कर दिया जाएगा।” इसके साथ उन्होंने मद्रास हाईकोर्ट और एनजीटी के आदेशों की कॉपी भी पोस्ट की है। इनमें केमिकल युक्त मूर्तियों को बनाने पर मनाही की बात कही गई है। एनजीटी के आदेश में ऐसी मूर्तियों से पानी के प्रदूषित होने की बात कही गई है। द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की वेबसाइट पर 19 सितंबर 2023 को छपी खबर में लिखा है, गणेश चतुर्थी की पूर्व संध्या पर सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में पीओपी से बनी गणेश मूर्तियों की बिक्री पर मद्रास उच्च न्यायालय के प्रतिबंध को बरकरार रखा है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने एक विशेष बैठक में मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश को चुनौती देने वाले गणेश मूर्ति कारीगर की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि आप प्राकृतिक मिट्टी से कुछ भी बना सकते हैं।” इससे पहले भी यह वीडियो इस तरह के दावे के साथ वायरल हो चुका है। रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है। इस बारे में तमिलनाडु के स्थानीय पत्रकार सुरेश मूर्ति का कहना है कि यह आदेश केमिकल से बनी मूर्तियों को लेकर था। इसको लेकर पीओपी से मूर्तियां बनाने वालों पर कार्रवाई हुई थी। प्रदूषण की वजह से पीओपी से बनी मूर्तियों पर रोक लगी हुई है। वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले एक्स यूजर की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। यूजर के 1690 फॉलोअर्स हैं। निष्कर्ष: तमिलनाडु में केमिकल से बनी मूर्तियों पर रोक लगी हुई है। हाईकोर्ट और एनजीटी ने इस तरह की मूर्तियों पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। इसी मामले में पिछले साल गणेश चतुर्थी से पहले पीओपी से भगवान गणेश की मूर्तियां बनाने वालों पर कार्रवाई हुई थी। उस वीडियो को सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। - Claim Review : तमिलनाडु में भगवान गणेश की मूर्ति बनाने वाले गरीब लोगों को मूर्तियों को नहीं बेचने का नोटिस देते हुए उनके गोदाम को सील कर दिया है। - Claimed By : X User- DrEramElizabeth - Fact Check : भ्रामक पूरा सच जानें... किसी सूचना या अफवाह पर संदेह हो तो हमें बताएं सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी मैसेज या अफवाह पर संदेह है जिसका असर समाज, देश और आप पर हो सकता है तो हमें बताएं। आप हमें नीचे दिए गए किसी भी माध्यम के जरिए जानकारी भेज सकते हैं...
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