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| - Last Updated on जुलाई 15, 2024 by Nivedita
सारांश
“नींबू (साइट्रस) एक चमत्कारी फल है जो कैंसर कोशिकाओं को मारता है। यह कीमोथेरेपी से अधिक शक्तिशाली है।” – यह एक असाधारण दावा है जो हर कुछ महीनों के बाद कई स्रोतों से पुनर्जीवित होता रहता है। हालांकि ऐसे दावे पहले भी किये गए है जिसका श्रेय किसी ‘मेरीलैंड कॉलेज ऑफ़ मेडिसिन’ के ‘डॉ गुप्ता’ को जाता है, पर यह विशेष पोस्ट ‘इंस्टिट्यूट ऑफ़ हेल्थ साइंसेज’ से कैंसर का इलाज करने का दावा करता है। इसी तरह के संदेश ईमेल फोरम पोस्ट तथा व्हाट्सप्प मेस्सगेस द्वारा समय समय पर साझे किये जाते है। हमने जांच की और यह पाया की जबकि काफी शोधो से यह पता चला है की नींबू के कैंसर पर काफी लाभकारी प्रभाव है पर यह दावा की नींबू के रस से कीमोथेरेपी को अत्यधिक रूप से अतिरंजित किया जाता है। हम इसे अधिकतर गलत बताते हैं।
दावा
इस दावे के एक भाग के अनुसार: “नींबू (साइट्रस) एक चमत्कारी फल है जो कैंसर कोशिकाओं को मारता है। यह कीमोथेरेपी से १०००० गुना शक्तिशाली है। “ इस दावे का आशुचित्र नीचे दिया गया है और इसका एक संग्रहीत संस्करण यहां देखा जा सकता है।
इस तरह के कई और दावे सोशल मीडिया पर लोकप्रिय है जिनका श्रेय अन्य कई डॉक्टर या अनुसंधान संस्थान को दिए गए है। इस तरह के एक पोस्ट का संग्रहीत संस्करण यहां है।
फैक्ट चेक
क्या ‘इंस्टिट्यूट ऑफ़ हेल्थ साइंस’, बालिमोरे में मौजूद है? क्या उन्होंने ऐसा कोई बयान जारी किया है?
बाल्टिमोर में एक हेल्थ साइंसेज इंस्टिट्यूट ऑफ़ बाल्टिमोर नाम के संस्थान मौजूद है (हम यह मानते है की यह वही संस्था है जिसे पोस्ट वः संदेशो में उल्लेख किया गया है क्योंकि उस क्षेत्र में कोई अन्य समान नाम का संगठन मौजूद नहीं है)।
उन्होंने ऐसा कोई बयान जारी नहीं किया है।
कई मीडिया संगठनों को मेल द्वारा संस्था प्रतिक्रिया व्यक्त कर के यह स्पष्ट करता है “पोस्ट में दी गयी जानकारी और ईमेल हेल्थ साइंसेज इंस्टिट्यूट ऑफ़ बाल्टिमोर से नहीं आई थी। जिसने भी यह झूटी ईमेल फैलाई है, उसने हमारी कुछ प्रकाशित सामग्री का उपयोग किया है – जिसका किसी भी तरह से नींबू से कोई लेना-देना नहीं था – और इसमें नींबू के बारे में जानकारी सम्मिलित की गयी थी। यह गलत है और इससे हमें बहुत परेशानी हुई है। इसके बावजूद, सबसे अधिक परेशानी की बात यह है कि यह कैंसर से पीड़ित लोगों को झूठी या बिना जांच वाली चिकित्सकीय सलाह दे रहा है। हो सकता है की शायद खट्टे फलों में कुछ कैंसर-रोधी गुण होते हैं या नहीं होते हैं (मैं उस पर बोलने के लिए योग्य नहीं हूं), लेकिन एक बात जो मैं निश्चित रूप से जानता हूं, वह है इस जानकारी का ‘स्रोत’ – स्वास्थ्य विज्ञान संस्थान – ने इस जानकारी को प्रकाशित नहीं किया। इस ईमेल या इसमें मौजूद जानकारी से हमारा कोई लेना-देना नहीं था।”
क्या नींबू पानी या गर्म नींबू पानी कैंसर को ठीक कर सकता है?
डॉ मनीष सिंघल दिल्ली के वरिष्ठ ऑन्कोलॉजिस्ट जो थिप के समीक्षक टीम का एक हिस्सा है कहते है की “गर्म पानी के साथ नींबू का रस पीना एक अच्छी आदत है। लेकिन केवल नींबू पानी पीने से कैंसर ठीक हो सकता है या कीमोथेरेपी उपचारों को प्रतिस्थापित किया जा सकता है, ऐसे सोच भ्रामक और खतरनाक है । अगर इसा हो पता ओह कैंसर के ऊपर इतने रिसर्च करने की जरुरत ही नहीं पड़ती |”
हालांकि, दुनिया भर में कई विश्वसनीय शोधों में नींबू के रस में एंटी-कार्सिनोजेनिक गुण (तत्व जो कैंसर को रोकने के लिए देखभाल करते हैं) पाए गए हैं।
उन्ही में से एक अनुसंधान का निष्कर्ष कहता है “….ऊपर उल्लेखित प्रायोगिक परिणाम दर्शाते है की साइट्रस लिमोनोइड पर्याप्त कैंसर विरोधी उपाय प्रदान कर सकते हैं। इन यौगिकों को पशु मॉडल में जहरीले प्रभावों से मुक्त पाया गया है। ” (स्रोत)।
संतरे के रस और साइट्रस के औषधीय इस्तेमाल पर इसी तरह के रिसर्च किये गए है और शुरुआती नतीजों में कुछ सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।
हालांकि, इस तरह के अधिकांश शोध मानव कोशिकाओं पर अभी तक गैर-निर्णायक हैं। जैसा कि डॉ मनीष सिंघल कहते हैं, “नींबू पानी पीना एक अच्छी आदत है। यह आपके शरीर को नुक्सान नहीं पहुंचता है। लेकिन यह सोचना कि यह कीमोथेरेपी उपचार की जगह ले सकता है या कैंसर को पूरी तरह से ठीक कर सकता है एक खतरनाक अतिशयोक्ति है ”
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