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  • Fact Check: लक्ष्मी मित्तल ने नहीं की भारतीय धर्मनिरपेक्षता की आलोचना, वायरल दावा फेक है भारत की धर्मनिरपेक्षता की आलोचना और हिंदू धर्म को भारत का आधिकारिक धर्म बनाए जाने की वकालत करता उद्योगपति लक्ष्मी मित्तल के नाम से वायरल हो रहा ऑडियो क्लिप फेक है। सोशल मीडिया पर यह क्लिप समय-समय पर समान संदर्भ में वायरल होता रहा है। - By: Abhishek Parashar - Published: Dec 12, 2024 at 04:57 PM - Updated: Dec 12, 2024 at 06:07 PM नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर उद्योगपति लक्ष्मी मित्तल का एक ऑडियो क्लिप वायरल हो रहा है, जिसमें उन्हें कथित तौर पर भारत की धर्मनिरपेक्षता की आलोचना करते हुए सुना जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि उन्होंने धर्मनिरपेक्षता की आलोचना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की और भारत को हिंदू देश बताते हुए कहा कि यहां 99 फीसदी से अधिक आबादी हिंदुओं की है और इस आधार पर भारत का आधिकारिक धर्म भी हिंदू धर्म होना चाहिए, जैसा कि अन्य पश्चिमी देशों के साथ है। विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया। वायरल ऑडियो क्लिप लक्ष्मी मित्तल का नहीं है और उनकी कंपनी आर्सेलर मित्तल ने इस दावे का खंडन किया है। सोशल मीडिया पर यह फेक ऑडियो क्लिप 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान वायरल हो चुका है। क्या है वायरल? विश्वास न्यूज के टिपलाइन नंबर +91 9599299372 पर भी कई यूजर्स ने इस ऑडियो क्लिप को सुनील मित्तल का बताते हुए शेयर किया है। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर कई अन्य यूजर्स ने इस ऑडियो क्लिप को समान दावे के साथ शेयर किया है। पड़ताल वायरल ऑडियो क्लिप करीब चार मिनट का है, जिसमें लक्ष्मी मित्तल को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “one. Religion is in trouble. Uh, US has got one. Religion. The Western world has got one religion, which is Christianity. The Middle East has got, uh, Islam as their only the East has got Buddhism or Christianity as their religion. It is only India, which is multicultural, multi religious. We did not thrust. I mean, the the the independence was thrust upon us by the Muslim League. They wanted a separate state for themselves. And having done that, then it was Nehru’s fault to have declared India as a secular country. Today, 99% of the politicians are bending backwards to appease the minorities as if there is no other agenda. There is no development, nothing else. The first thing that they started is we are a secular state. Who the fuck is you are a secular state or not? Britain is not a secular state. They are a developed country. Germany is not a secular state. They are a developed country. Italy, France, Canada, America. Name it. What has secularism got us? Hindu by nature is secular. That’s why 1000 years we have been ruled by Ma. We don’t need to be preached and taught secularism by these, Johnny, it is all a question of, uh, you know, suppressing the majority. And when they find a messia and Modi, why is everybody today? Uh, you know, up in arms. This is one community which has been subjugated, has been humiliated, has been massacred. Our temples destroyed our books destroyed. This is an old civilization. 10,000 year old. I have friends in UK and Germany and Italy. I was working in Munich for 3.5 years, and everybody in Europe appreciates and accepts this fact that when you guys had universities in India, we were out. Came men out here. India was left behind because of the fact that British ruled us at the time when the industrial revolution was happening. World war. My grandfather was one of the second largest steel manufacturers in the country after Tatas. And we were so heavily restricted by the British government not to allow not to manufacture more. We were not even allowed to manufacture screws and nails which used to be imported from Sheffield and Manchester and Bristol. That is what India has come out for. And this is one first Prime Minister. We have had who looks at India first and we are accusing him. He happens to be in the Soviet. It’s a 10,000 year old country. It is Hindus belong here, wherever else. Where will they go? There are close to 70 80 countries that were Christian and Catholic. There are 50 countries which are Islamic. Show me one Hindu country. If if one does not Hinduism here, everybody has a problem here. Nobody goes and says the same thing to Vatican, To Saudi Arabia, to America. Why only here And if If if that wasn’t the case, could we be focusing on development? We are not. Because half the time the fighters, anything that it has is seen with the prism of Hinduism.” इसे हिंदी में ऐसे पढ़ा जा सकता है, “पहली बात, धर्म संकट में है। अमेरिका में एक धर्म है। पश्चिमी दुनिया को एक धर्म मिला है, जो ईसाई धर्म है। मध्य पूर्व के लिए इस्लाम है। पूर्व के लिए बौद्ध धर्म या ईसाई धर्म है। यह केवल भारत ही है, जो बहुसांस्कृतिक, बहुधार्मिक है। हमने जोर नहीं लगाया…मेरा मतलब है, आजादी हम पर मुस्लिम लीग ने थोपी थी। वे अपने लिए एक अलग राज्य चाहते थे। और ऐसा करने के बाद, भारत को एक धर्मनिरपेक्ष देश घोषित करना नेहरू की गलती थी। आज 99% राजनेता अल्पसंख्यकों को खुश करने के लिए ऐसे झुक रहे हैं मानो कोई और एजेंडा ही न हो। न कोई विकास है, न कुछ और। पहली बात जो उन्होंने शुरू की वह यह है कि हम एक धर्मनिरपेक्ष राज्य हैं। यह कौन तय करेगा कि आप एक धर्मनिरपेक्ष राज्य हैं या नहीं? ब्रिटेन एक धर्मनिरपेक्ष राज्य नहीं है, और वह एक विकसित देश हैं। जर्मनी एक धर्मनिरपेक्ष राज्य नहीं है, वह भी विकसित देश हैं। इटली, फ्रांस, कनाडा, अमेरिका….सब के साथ ऐसा है। धर्मनिरपेक्षता ने हमें क्या दिया? हिन्दू स्वभावतः धर्मनिरपेक्ष है। इसीलिए 1000 वर्षों से हम पर आक्रांताओं का शासन रहा है। हमें इनसे धर्मनिरपेक्षता का उपदेश देने और सीखने की ज़रूरत नहीं है, यह सब, उह, आप जानते हैं, बहुसंख्यकों को दबाने का सवाल है। और जब उन्हें कोई मसीहा और मोदी मिल जाता है, तो आज हर कोई शिकायत कर रहा है? तुम्हें पता है,यह एक ऐसा समुदाय है जिसे दबाया गया है, अपमानित किया गया है, उसका नरसंहार किया गया है। हमारे मन्दिर नष्ट हो गये, हमारी पुस्तकें नष्ट हो गयीं। यह एक पुरानी सभ्यता है, 10,000 वर्ष पुराना! यूके, जर्मनी और इटली में मेरे मित्र हैं। मैं साढ़े तीन साल से म्यूनिख में काम कर रहा था और यूरोप में हर कोई इस बात की सराहना करता है और स्वीकार करता है कि जब आप लोगों के पास भारत में विश्वविद्यालय थे, तो हम कहीं नहीं थे। भारत इस कारण पीछे रह गया क्योंकि जिस समय औद्योगिक क्रांति हो रही थी उस समय अंग्रेजों ने हम पर शासन किया था। विश्व युद्ध ..मेरे दादाजी टाटा के बाद देश के दूसरे सबसे बड़े इस्पात निर्माताओं में से एक थे। और हम पर ब्रिटिश सरकार द्वारा इतनी सख्ती से प्रतिबंध लगा दिया गया था कि हम और अधिक निर्माण न कर सकें। हमें स्क्रू और कीलों के निर्माण की भी अनुमति नहीं थी जो शेफील्ड और मैनचेस्टर और ब्रिस्टल से आयात किए जाते थे। भारत इन सबसे बाहर निकल कर आया है। और ये एक पहले प्रधानमंत्री हैं, हमारे पास वह व्यक्ति है, जो भारत को सबसे पहले देखता है और हम उस पर आरोप लगा रहे हैं। उन्हें सोवियत संघ में होना चाहिए। यह 10,000 साल पुराना देश है. हिंदू यहीं हैं, कहीं और नहीं। वे कहां जाएंगे? लगभग 70 से 80 देश ऐसे हैं, जो ईसाई और कैथोलिक थे। 50 देश ऐसे हैं, जो इस्लामिक हैं। मुझे एक हिंदू देश दिखाओ, अगर यहां कोई हिंदू धर्म नहीं अपनाता, तो हर किसी को यहां समस्या है। कोई भी वेटिकन, सऊदी अरब, अमेरिका जाकर यही बात नहीं कहता। केवल यहीं क्यों और यदि ऐसा नहीं होता तो क्या हम विकास पर ध्यान केंद्रित कर पाते? हम नहीं कर रहे हैं। क्योंकि आधा समय यहां जो कुछ भी होता है उसे हिंदू धर्म के चश्मे से देखा जाता है।” यह पूरी बातचीत भारत के धर्मनिरपेक्षता की आलोचना और भारत के आधिारिक धर्म के तौर पर हिंदू धर्म की वकालत करती है। लक्ष्मी मित्तल, वैश्विक मौजूदगी रखने वाली स्टील की दिग्गज कंपनी आर्सेलर मित्तल के एक्जीक्यूटिव चेयरमैन हैं और अमूमन बिजनेस लीडर राजनीतिक बयानबाजी से दूर रहते हैं। ऐसे में मित्तल का भारत की धर्मनिरपेक्षता और संवैधानिक लोकतंत्र की आलोचना करना बेतुका लगता है। और अगर ऐसा होता तो यह खबर के रूप में हर जगह मौजूद होती। हालांकि, हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें उनके ऐसे किसी बयान का जिक्र हो। हालांकि, सर्च में हमें आर्सेलर मित्तल के आधिकारिक एक्स हैंडल से इस बयान का खंडन मिला, जिसमें कहा गया है, “An audio file is circulating online claiming to be remarks on Indian politics and religion by our Chairman and CEO. We do not know who the speaker is, but it is not Mr Lakshmi Mittal.” (“भारतीय राजनीति और धर्म पर टिप्पणी करने के दावे के साथ हमारे चेयरमैन और सीईओ का एक ऑडियो फाइल ऑनलाइन साझ किया जा रहा है। हम इस ऑडियो के वक्ता की पुष्टि नहीं करते हैं, लेकिन यह (श्री) लक्ष्मी मित्तल नहीं हैं।”) हमें अन्य न्यूज रिपोर्ट्स में लक्ष्मी मित्तल का वीडियो इंटरव्यू मिला और इसमें सुनाई दे रही आवाज वायरल ऑडियो क्लिप से मेल नहीं खाती है। यह भी इस ऑडियो क्लिप के फेक होने की पुष्टि करता है। वायरल वीडियो में ऑडियो क्लिप के एआई से बने होने की संभावना की जांच के लिए हमने इसे ट्रू मीडिया टूल की मदद से चेक किया। हालांकि, एनालिसिस रिपोर्ट इस ऑडियो क्लिप के एआई मैनिपुलेटेड होने की न्यूनतम संभावना जताता है। वायरल ऑडियो को लेकर हमने एआई और मशीन लर्निंग पर काम करने वाले अभिजीत पराशर से संपर्क किया और उन्होंने बताया, “एआई डिटेक्ट करने वाले टूल्स की एनालिसिस कई फैक्टर्स पर निर्भर करती है और अगर टूल्स किसी मल्टीमीडिया में मैनिपुलेशन डिटेक्ट नहीं कर पा रहा है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि संबंधित मीडिया सिंथेटिक नहीं है।” उन्होंने कहा कि कई बार नकल करती आवाज के जरिए भी मिस-इन्फॉर्मेशन को फैलाया जाता है और ऐसी स्थिति में कोई भी टूल मानवीय आवाज होने के कारण ऑडियो में मैनिपुलेशन को डिटेक्ट नहीं कर सकता है। निष्कर्ष: हमारी जांच से स्पष्ट है कि भारत की धर्मनिरपेक्षता की आलोचना और हिंदू धर्म को भारत का आधिकारिक धर्म बनाए जाने की वकालत करता उद्योगपति लक्ष्मी मित्तल के नाम से वायरल हो रहा ऑडियो क्लिप फेक है। सोशल मीडिया पर यह क्लिप समय-समय पर समान संदर्भ में वायरल होता रहा है। - Claim Review : लक्ष्मी मित्तल ने की भारत की धर्मनिरपेक्षता की आलोचना। - Claimed By : Tipline User - Fact Check : झूठ पूरा सच जानें... किसी सूचना या अफवाह पर संदेह हो तो हमें बताएं सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी मैसेज या अफवाह पर संदेह है जिसका असर समाज, देश और आप पर हो सकता है तो हमें बताएं। आप हमें नीचे दिए गए किसी भी माध्यम के जरिए जानकारी भेज सकते हैं...
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