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  • "जुल्म की नदियां, कत्लेआम...", चुनाव से पहले NCP के कार्यक्रम में ये सब कहा गया? वायरल वीडियो में शरद पवार एक टोपी पहने हुए हैं और जो ऑडियो सुनाई दे रहा उसमे एक समुदाय को वोट देने का महत्व बताते हुए एकजुट होकर मतदान करने को कहा जा रहा है. लेकिन ये ऑडियो असल में एक झोल है. महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. राज्य की 288 सीटों पर 20 नवंबर को चुनाव होंगे और 23 नवंबर को रिजल्ट आएंगे. चुनावों को लेकर बीजेपी ने 99 कैंडिडेट की पहली सूची भी ज़ारी कर दी है. इन सबके बीच एक वीडियो वायरल है जिसमें महाराष्ट्र के बड़े नेता और राज्यसभा सांसद शरद पवार के साथ राज्य के कई अन्य नेता नज़र आ रहे हैं. वीडियो में शरद पवार एक टोपी लगाए हैं और जो ऑडियो सुनाई दे रहा उसमे एक समुदाय को वोट देने का महत्व बताते हुए एकजुट होकर मतदान करने को कहा जा रहा है. इस वीडियो को हालिया महाराष्ट्र चुनाव से जोड़कर दावा किया जा रहा कि महाराष्ट्र में विपक्षी दलों ने समुदाय विशेष से वोट देने की खास अपील की है. दावे की वजह है वीडियो में बैकग्राउंड से सुनाई दे रही आवाज (ऑडियो). इसमें कोई शख्स कह रहा है, “चुनाव के दिन आप पहले से अपनी जमातें बना लीजिए, अपनी कमेटियां बना लीजिए. एक-एक वोटर मर्द और औरत को इज्जत के साथ ले जाकर वोट डलवाइए. इलेक्शन को दीन से हटकर कोई काम मत समझिएगा. इस इलेक्शन के नतीज़े अगर गलत निकल आए तो क्या होगा, आप समझ भी नहीं सकते. जुल्म की नदियां बहेंगी, कत्लेआम होगा, जेल छोटे पड़ जाएंगे और अल्लाह जाने क्या-क्या होगा.” सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर जितेंद्र सिंह नाम के एक यूजर ने इस ‘वीडियो विद ऑडियो’ को शेयर करते हुए लिखा, “विशेष समुदाय ने कांग्रेस, एनसीपी, शिवसेना (उबाठा) को जिताने की जबरदस्त तैयारी शुरू की है. यह कहा जा रहा है कि किसी भी पार्टी का घोषणा पत्र मत देखो चाहे उद्धव ठाकरे का उम्मीदवार हो, कांग्रेस का उम्मीदवार या शरद पवार का उम्मीदवार. एकदम नालायक हो, नाकारा हो कोई, काम ना करता हो, फिर भी हमें बीजेपी के खिलाफ इन्हें ही जिताना है.” इसी से मिलते-जुलते दावे ‘सन्नी नमो’ नाम के एक यूजर ने भी किया है. उसने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, “अभी ये आपके अस्तित्व की लड़ाई है, आपको बीजेपी शिंदे सेना के उम्मीदवारों को जिताना होगा चाहे उम्मीदवार आपका पसंदीदा हो या ना हो.”पड़ताल तो क्या है वायरल वीडियो की सच्चाई? शरद पवार का वायरल वीडियो कब का है? क्या मंच से समुदाय विशेष को एकजुट होकर वोट डालने की अपील की जा रही है? वीडियो के एक फ्रेम को गूगल सर्च करने पर हमें आम आदमी पार्टी, मुंबई के ‘एक्स’ हैंडल से 30 मार्च, 2024 को किया गया एक पोस्ट मिला. इसमें वायरल वीडियो से मिलते-जुलते कुछ पोस्ट हैं. याद रखें वीडियो, ऑडियो नहीं. यहां दी गई जानकारी के अनुसार, यह इफ्तार पार्टी NCP यानी राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी ने आयोजित की थी, जिसमें मुंबई के आम आदमी पार्टी से जुड़े नेताओं ने भी हिस्सा लिया था. इससे मदद लेते हुए हमने यूट्यूब पर कीवर्ड सर्च किए. हमें ‘Lantarani News Live’ के यूट्यूब चैनल पर 31 मार्च, 2024 को अपलोड किया गया वीडियो मिला. इसमें भी वायरल वीडियो से मिलते-जुलते दृश्य हैं. वीडियो के कैप्शन में लिखी जानकारी के अनुसार, यह कार्यक्रम मुंबई के इस्लाम जिमखाना में हुआ था जहां शरद पवार गुट की NCP ने इफ्तार पार्टी दी थी. लेकिन इसमें कहीं भी बैकग्राउंड वाली आवाज में इस तरह का एलान नहीं किया जा रहा जैसा वायरल वीडियो में सुनाई दे रहा. इससे इतना तो साफ हो गया कि वायरल वीडियो करीब 6 महीने पुराना है. हाल-फिलहाल का नहीं है. यानी इसका आगामी चुनाव से लेना-देना नहीं है. वीडियो को गौर से देखने पर समझ आ रहा कि इसमें चल रहा ऑडियो वीडियो में दिखाए जा रहे विजुअल से मैच नहीं कर रहा. वीडियो में लोगों का कार्यक्रम में आना-जाना, नेताओं का मेल-मिलाप चल रहा है, जो ऑडियो से मेल नहीं खाता. यहां ये बात गौर करने वाली है कि ऑडियो में इतनी बड़ी बात कही जा रही, लेकिन कोई भी नेता उसे गंभीरता से नहीं सुन रहा. मामले की और जानकारी के लिए हमने इस कार्यक्रम में मौजूद रहे AAP मुंबई के अध्यक्ष रूबीन मसकारेंस से संपर्क किया. उन्होंने बताया कि वायरल वीडियो एडिटेड है. रूबीन ने कहा, “जिस इवेंट का यह वीडियो वायरल हो रहा, वहां मैं खुद मंच पर मौजूद था. वहां ऐसा कोई एलान नहीं हुआ था. वीडियो एडिटेड है. उस वक्त लोकसभा चुनाव के चलते आचार संहिता भी लागू थी. तो इस तरह की बात होना संभव भी नहीं. वो एक इफ्तार पार्टी थी जहां लोग एक दूसरे को लोग बधाई दे रहे थे. किसी एक समुदाय को वोट डालने की अपील जैसी बात नहीं हुई थी. ” अब सवाल ये कि वीडियो में नज़र आ रहा ऑडियो किसका है? इसके लिए हमने ऑडियो में सुनाई दे रही लाइन ‘इलेक्शन में वोट डालने को दीन से हट कर काम मत समझिए’ को गूगल सर्च किया. मालूम पड़ा कि यह इस्लामिक स्कॉलर सज्जाद नोमानी की आवाज है. हमने सज्जाद नोमानी के यूट्यूब को खंगाला. वहां हमें 28 मार्च, 2024 को अपलोड किया गया एक वीडियो मिला. इसमें करीब 1 घंटे 12 मिनट से उस हिस्से को सुना जा सकता है, जो वायरल वीडियो में मौजूद है. यानी ये आवाज़ सज्जाद नोमानी की है जिसे वायरल वीडियो में जोड़ कर एडिट किया गया है.नतीजा कुल मिलाकर, हमारी पड़ताल में साफ है कि इफ्तार पार्टी का 6 महीने पुराना वीडियो भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है. वीडियो में मौजूद ऑडियो को अलग से जोड़ा गया है. पड़ताल की वॉट्सऐप हेल्पलाइन से जुड़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें. ट्विटर और फेसबुक पर फॉलो करने के लिए ट्विटर लिंक और फेसबुक लिंक पर क्लिक करें. वीडियो: बहराइच SP वृंदा शुक्ला के बयान पर उठ रहे सवाल, वायरल दावे का सच क्या?
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