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  • Fact Check: बद्रीनाथ को “बदरुद्दीन शाह” मजार बताने वाले मौलाना के पुराने वीडियो को वक्फ विवाद में भ्रामक दावे से किया जा रहा वायरल उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के मौलवी के पुराने वीडियो को वक्फ (संशोधन) विधेयक मामले से जोड़कर इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि अब वक्फ बोर्ड ने बद्रीनाथ धाम मंदिर पर अपना दावा ठोंकते हुए उसे बदरुद्दीन शाह की मजार बताते हुए मुस्लिमों का धार्मिक स्थल करार दिया है। - By: Abhishek Parashar - Published: Nov 4, 2024 at 12:59 PM - Updated: Nov 4, 2024 at 04:04 PM नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। वक्फ संशोधन विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की कार्यवाही के बीच सोशल मीडिया पर एक मौलाना का वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो के हवाले से दावा किया जा रहा है कि बद्रीनाथ धाम पर वक्फ बोर्ड ने दावा करते हुए उसे “बदरुद्दीन शाह” की मजार बताया है। विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को भ्रामक पाया। वायरल वीडियो और इसमें नजर आ रहे मौलाना के दावे का संबंध वक्फ बोर्ड संबंधित मामले से नहीं है। यह वीडियो करीब सात साल पुराना है और इसमें नजर आ रहे मौलाना अब्दुल लतीफ है, जिन्होंने यह बयान देने के बाद माफी मांग ली थी। इसी पुराने वीडियो को हालिया वक्फ (संशोधन) विधेयक से जोड़कर शेयर किया जा रहा है। क्या है वायरल? सोशल मीडिया यूजर ‘Bageshwar Dham Bhakti Place’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “बद्रीनाथ नहीं वो बदरुद्दीन साहा हैं!” वीडियो के कैप्शन में यह लिखा हुआ है कि यह बद्रीनाथ धाम पर वक्फ बोर्ड ने दावा कर दिया है। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो क्लिप को समान संदर्भ में शेयर किया है। पड़ताल वीडियो में नजर आ रहा व्यक्ति यह दावा करता दिख रहा है “…वह बद्रीनाथ नहीं, बदरुद्दीन शाह हैं।” इसके बाद वह इसे मुस्लिमों के धार्मिक स्थल होने का दावा करते हैं। इसी आधार पर की-वर्ड सर्च करने पर हमें न्यूज 18 इंडिया के वेरिफाइड चैनल पर 16 नवंबर 2017 को अपलोड किया गया वीडियो रिपोर्ट मिला, जिसमें 2 मिनट 10 सेकंड के बाद से वायरल वीडियो को देखा जा सकता है। करीब सात साल पुराने इस वीडियो के डिस्क्रिप्शन में वायरल वीडियो में दिख रहे शख्स को मौलाना अब्दुल लतीफ बताया गया है। न्यूज सर्च में हमें दैनिक जागरण की वेबसाइट पर 18 नवंबर 2017 को प्रकाशित रिपोर्ट मिली, जिसमें इस घटना का जिक्र है। रिपोर्ट में मौलाना अब्दुल लतीफ से जुड़े इस वायरल दावे को रिपोर्ट करते हुए बताया गया है कि मौलाना ने अपने बयान के लिए माफी मांगी है। रिपोर्ट के मुताबिक, “दारुल उलूम निसवा के मोहतमिम मौलाना अब्दुल लतीफ द्वारा बद्रीनाथ धाम को बदरुद्दीन शाह का मजार बताने संबंधी कथित बयान पर बवंडर मच गया है। इसी बीच मौलाना लतीफ इस मुद्दे पर बैकफुट पर आ गए हैं। उन्होंने सफाई दी कि टीवी चैनलों ने उनका बयान तोड़मरोड़ कर पेश किया है। कहा कि किसी भी देशवासी को उनके बयान से दुख पहुंचा है तो वह इसके लिए माफी मांगते हैं।” यह पहली बार नहीं है, जब यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ हो। इससे पहले इस वीडियो को उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी के चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद सांप्रदायिक दावे से शेयर किया गया था, जिसकी जांच विश्वास न्यूज ने की थी और पाया था कि वीडयो में नजर आ रहे व्यक्ति का आम आदमी पार्टी (AAP) से कोई संबंध नहीं है। फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है। विश्वास न्यूज ने इसे लेकर दैनिक जागरण के उत्तराखंड स्टेट ब्यूरो के देवेंद्र सती से संपर्क कर उनके साथ वायरल दावे को साझा किया था और उन्होंने आम आदमी पार्टी के उत्तराखंड मीडिया प्रभारी अमित रावत के हवाले से बताया, “बद्रीनाथ धाम को बदरुद्दीन शाह स्थान बताने वाला व्यक्ति आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता नहीं है।” वायरल वीडियो को लेकर हमने देवबंद के दैनिक जागरण के जिला प्रभाी मोइन सिद्दीकी से संपर्क किया और उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि यह पुराना मामला है। गौरतलब है कि प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, आठ अगस्त 2024 को वक्फ (अमेंडमेंट) बिल, 2024 और मुसलमान वक्फ (रिपील) बिल, 2024 को लोकसभा में पेश किया गया था और इसके बाद इस वक्फ (संसोधन) विधेयक, 2024 को संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) को रेफर कर दिया गया था। इसके बाद से इस मामले में जेपीसी की कई बैठक हो चुकी है और इसकी अगली बैठक चार और पांच नवंबर को है। पिछले कई दिनों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिसमें वक्फ ने अलग-अलग संपत्तियों पर दावा किया है। डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, वक्फ बोर्ड ने जहां कर्नाटक के 53 एएसआई स्थलों पर अपना दावा ठोंका है, वहीं इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, बदरुद्दीन अजमल ने दिल्ली की संसद भवन को वक्फ की संपत्ति बताया। वायरल वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब ढ़ाई लाख लोग फॉलो करते हैं। राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय व अर्थव्यवस्था और बिजनेस से संबंधित अन्य एक्सप्लेनर रिपोर्ट्स को विश्वास न्यूज के एक्सप्लेनर सेक्शन में पढ़ा जा सकता है। निष्कर्ष: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के मौलवी के पुराने वीडियो को वक्फ (संशोधन) विधेयक मामले से जोड़कर इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि अब वक्फ बोर्ड ने बद्रीनाथ धाम मंदिर पर अपना दावा ठोंकते हुए उसे बदरुद्दीन शाह की मजार बताते हुए मुस्लिमों का धार्मिक स्थल करार दिया है। - Claim Review : वक्फ बोर्ड ने बद्रीनाथ धाम पर ठोंका दावा। - Claimed By : FB User-Bageshwar Dham Bhakti Place - Fact Check : भ्रामक पूरा सच जानें... किसी सूचना या अफवाह पर संदेह हो तो हमें बताएं सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी मैसेज या अफवाह पर संदेह है जिसका असर समाज, देश और आप पर हो सकता है तो हमें बताएं। आप हमें नीचे दिए गए किसी भी माध्यम के जरिए जानकारी भेज सकते हैं...
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