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  • Last Updated on जून 16, 2021 by Team THIP सारांश एक WhatsApp मैसेज में बताया गया है कि रात में सोते समय मोज़े पहनने से दिमाग को नुकसान पहुँच सकता है। यही सवाल कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर भी चर्चा में रहा है। हमने इस विषय पर फैक्ट चेक किया और हमने पाया कि यह दावा बिल्कुल गलत है। दावा यह दावा WhatsApp पर काफी वायरल हुआ। इसे हमारे एक पाठक ने हमारे WhatsApp tipline नंबर पर भेजा था। हमने देखा कि यह सवाल Quora सहित कई अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर पूछा जा रहा है। फैक्ट चेक क्या मोज़े पहनकर सोने से दिमाग को नुकसान पहुँच सकता है? Father Muller Medical College के एसोसिएट प्रोफेसर और कंसल्टेंट न्यूरोलॉजिस्ट Dr. Pawan Raj का कहना है कि, “हमारे दिमाग के बाहर एक बहुत मोटी परत होती है जो उसे तापमान के उतार-चढ़ाव से बचाती है। टोपी और मोज़े दिमाग को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं, उल्टा सर्दियों में यह नींद आने में बहुत सहायता करते हैं।” यही सलाह National Sleep Foundation द्वारा भी दी गई है। अपनी वेबसाइट Sleep.org पर, यह दावा करता है कि सोने से पहले अपने पैरों को गर्म रखने से आपके दिमाग को सोने का स्पष्ट संकेत मिलता है कि अब सोने का समय है। 2007 के एक अध्ययन में बताया गया है कि बिस्तर पर सामान्य मोज़े पहनने वालों की तुलना में गर्म मोजे पहनने वालों को तेजी से नींद आती है। 1999 में Nature.com पर भी इसी तरह का एक अध्ययन प्रकाशित हुआ था। क्या मोज़े पहनकर सोने से त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं? Dr. Joyeeta Chowdhury, MD असिस्टेंट प्रोफेसर NRS Medical College and Hospital का कहना है कि, “सामान्य स्थिति में, मोज़े से त्वचा को कोई नुकसान नहीं होगा। लेकिन, जो लोग अस्वास्थ्यकर जीवन शैली को बनाए रखते हैं, जैसे कि रोजाना न नहाना या उन्ही मोज़ो के साथ सो जाना जो वे ऑफिस पहनकर गए थे, तो त्वचा संबंधित समस्याएं हो सकती हैं। मैं प्रतिदिन उन रोगियों को देखती हूँ जिन्हें त्वचा संबंधित इन्फेक्शन है जैसे intertrigo, fungal infections क्योंकि एक बुनियादी स्वच्छता प्रक्रिया का पालन करने के लिए वे या तो बहुत आलसी थे या बहुत व्यस्त थे। बाहर नौकरी करने वाले लोगो को घर पहुंचकर अपने मोज़े बदलने चाहिए, अन्यथा हमेशा संक्रमण की संभावना हो सकती है। न केवल संक्रमण, बल्कि पूरे दिन मोज़े पहनने के कारण स्क्रैचिंग हो सकती है जिसकी वजह से post inflammatory hyper-pigmentation के साथ dermatitis भी हो सकता है। इसलिए, अपने पैरों को धोना आवश्यक है, इसे साफ और सूखा रखें। तो नींद के दौरान मोज़े पहनने से कोई समस्या नहीं है। लेकिन अगर आपके पैरों या पैर की उंगलियों में इन्फेक्शन है, तो कृपया मोज़ों का इस्तेमाल न करें या अपने त्वचा विशेषज्ञ की सलाह लें। इसके अलावा, जिन लोगों को बहुत अधिक पसीना आता है, उन्हें रोजाना अपने मोज़े बदलने चाहिए। जिन लोगों के पैरों में दुर्गंध की समस्या होती है, उन्हें दिन में दो बार मोज़े बदलने चाहिए। अगर आपको एक निश्चित मिश्रित कपडे से एलर्जी है, तो केवल सूती मोज़ों का इस्तेमाल करें।” The Centers for Disease Control and Prevention (CDC) भी “ऐसे कपड़े से बने मोज़े पहनने से बचने की सलाह देता है जो आसानी से नहीं सूखते हैं, (जैसे कि नायलॉन), खासकर उस स्थिति में अगर आपको एथलीट के पैरों जैसा इन्फेक्शन (टिनिया पेडिस) है।”
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