Last Updated on जनवरी 7, 2025 by Neelam Singh
दावा
सोशल मीडिआ पर एक पोस्ट के जरिए दावा किया जा रहा है कि भारत में HMPV के तेजी से फैलने की संभावना है। जब हमने इस पोस्ट का तथ्य जाँच किया तब पाया कि यह दावा ज्यादातर गलत है।
सारांश
X पर जारी एक पोस्ट के जरिए दावा किया जा रहा है कि भारत में HMPV का पहला मामला सामने आ चुका है। देश में इसकी तेजी से फैलने की संभावना है। चीन में HMPV से सैकड़ों मौतें हो रही हैं और अगर इसे नहीं रोका गया तो यह कोरोना जैसी महामारी और लॉकडाउन जैसी स्थिति उत्पन्न कर सकता है।
तथ्य जाँच
HMPV क्या है और क्या यह एक नया वायरस है?
नहीं। HMPV कोई नया वायरस नहीं है। ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV-Human metapneumovirus) पहली बार साल 2001 में नीदरलैंड में मिला था। यह RSV (respiratory syncytial virus) के परिवार का हिस्सा है और आमतौर पर सांस की बीमारियां फैलाता है। ये बीमारियां हल्के सर्दी-जुकाम से लेकर ब्रोंकियोलाइटिस या निमोनिया जैसी गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। खासकर छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर रोग प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में इसका खतरा ज्यादा हो सकता है।
साथ ही HMPV कोई नया उभरता हुआ रोगजनक या वायरस नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चीन में HMPV मामलों की वर्तमान स्थिति को संबोधित करते हुए कोई आधिकारिक बयान भी जारी नहीं किया है।
क्या HMPV चीन में महामारी का कारण बन रहा है?
वास्तव में नहीं। चीन या कहीं और HMPV के कारण महामारी फैलने का कोई सबूत नहीं है। हालांकि HMPV सहित अन्य वायरस मौसमी समस्याओं का कारण बन सकते हैं लेकिन वे कोविड-19 की तरह व्यापक या गंभीर रूप से नहीं फैलते हैं।
क्या भारत में HMPV के केस सामने आएं हैं?
हां, भारत में HMPV के मामले सामने आए हैं लेकिन वे तत्काल चिंता का विषय नहीं हैं। 7 जनवरी 2025 तक, केवल सात मामले दर्ज किए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने X के जरिए जनता को आश्वस्त किया है कि HMPV कोई नया वायरस नहीं है और घबराने की कोई जरूरत नहीं है। यह वायरस दशकों से मौजूद है और अधिकांश लोगों में पहले से ही इसके प्रति कुछ प्रतिरक्षा प्रणाली मौजूद है।
HMPV के मामले सर्दियों में बढ़ते हैं क्योंकि यह ठंड के मौसम में जल्दी फैलता है। खासकर छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर रोग प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में सांस की बीमारी का कारण बन सकता है लेकिन भारत में इससे कभी बड़ा प्रकोप या सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट नहीं हुआ है। हालांकि स्थिति पर नज़र रखी जा रही है और फिलहाल चिंता की कोई बात नहीं है।
क्या भारत में लोगों को चिंता करने की जरूरत है?
नहीं, तत्काल घबराने की कोई ज़रूरत नहीं है। HMPV कोई नया वायरस नहीं है और इसके प्रभावों को अच्छी तरह से समझा जा सकता है। हालांकि इससे हल्की सांस संबंधी समस्याएं हो सकती हैं लेकिन गंभीर मामले बेहद दुर्लभ हैं और आमतौर पर कमज़ोर व्यक्तियों को प्रभावित करते हैं। चीन से रिपोर्ट आने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने स्थिति की समीक्षा की है। साथ ही पुष्टि की है कि भारत में HMPV के मामलों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं हुई है। राज्यों को निगरानी को मज़बूत करने और हाथ धोने, भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनने और बीमार व्यक्तियों के साथ निकट संपर्क से बचने जैसी सरल सावधानियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने की सलाह दी गई है।
क्या HMPV के कारण लॉकडाउन की आवश्यकता हो सकती है?
नहीं, तत्काल इस तरह की कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है। वहीं सरकार ने लोगों को भरोसा दिलाया है कि भारत किसी भी सांस संबंधी समस्या से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। HMPV में महामारी फैलाने या लॉकडाउन की आवश्यकता उत्पन्न होने की संभावना नहीं है। अच्छी स्वच्छता बनाए रखने और बुनियादी सावधानियां बरतने से संक्रमण के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।
अतः उपरोक्त तथ्यों एवं सबूतों के आधार पर कहा जा सकता है कि तत्काल HMPV को लेकर घबराने की आवश्यकता नहीं है। सोशल मीडिया पर लोगों को भ्रमित करने की मंशा से कई तरह के पोस्ट्स वायरल हो रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप सही जानकारी प्राप्त करें और अन्य लोगों तक पहुंचाएं।