Fact Check
Fact Check: क्या देश में बेरोज़गारी के मुद्दे पर सफ़ेद झूठ बोल रहे हैं पीएम मोदी?
Viral News
देश के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक निजी समाचार चैनल को दिए इंटरव्यू में रोजगार के मुद्दे पर ऐसी बात कह दी जो युवा वर्ग के एक बड़े तबके को हज़म नही हो रही। रोजगार के मुद्दे पर जवाब देते हुए नरेंद्र मोदी ने कुछ ऐसे आंकड़े पेश किये हैं जो हकीकत से कोसों दूर दिखाई देते हैं। इस वीडियो को बीजेपी ने अपने आधिकारिक ट्वीटर अकाउंट पर अपलोड किया है।
नोटबंदी चुनाव के लिए नहीं की गई थी, लेकिन नोटबंदी के बाद यूपी का चुनाव हमारे विरोधी इसी मुद्दे को लेकर लड़े थे।
वहां की जनता ने उनके मुंह पर ऐसा थप्पड़ मारा कि आज भी वो कभी-कभी रो देते हैं।
2014 में हेडलाइन बनती थी महंगाई, अब महंगाई पर चर्चा ही नहीं होती: पीएम #ModiOnAajTak pic.twitter.com/DAqrTnaEbN
— BJP (@BJP4India) April 26, 2019
Investigation
26 अप्रैल को वाराणसी से नरेंद्र मोदी ने अपना नामांकन किया। नामांकन के दौरान देश-विदेश की मीडिया से उनका साक्षात्कार भी हुआ। मीडिया से बात करने की इसी कड़ी में उन्होंने इण्डिया टुडे के एंकर राहुल कँवल से रोज़गार के मुद्दे पर ऐसी बातें की जो हकीकत से इतर अलग ही तस्वीर पेश करती हैं। दरअसल राहुल कँवल ने मोदी से रोजगार क्राइसिस पर सवाल पूछा। सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा “आप कांग्रेस का एजेंडा चला रहे हैं और आप क्या सेवा करते हैं इस बात की मुझे जानकारी नहीं है”, मोदी ने ईपीएफओ के आंकड़े बताये। उनके मुताबिक़ देश में करोड़ों रोजगार EPFO के जरिये प्राप्त हुआ है। मोदी द्वारा EPFO पर दिए गए बयान की हकीकत इस समाचार चैनल की क्लिप को देखकर जानी जा सकती है।
पीएम मोदी ने बातचीत के दौरान ही मुद्रा योजना से युवाओं को रोजगार की बात की और कहा कि इस योजना से करोड़ों लोगों को पहली बार लोन दिया गया जिससे रोजगार के अवसर अग्रसर हुए हैं। मुद्रा योजना क्या है और उससे देश के युवाओं को कितना रोजगार प्राप्त हो सकता है या प्राप्त हो रहा है उसकी हकीकत नीचे दिए गए लेख को पढ़कर समझी जा सकती है।
देश के पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा रोज़गार पर दिए जवाब की सच्चाई सत्याग्रह के इस लेख को पढ़कर जानी जा सकती हैं।
मोदी के दावे की पड़ताल करने के दौरान हमें बेरोजगारी की मौजूदा स्थति पर हकीकत बयां करता जनसत्ता समाचार का एक लेख मिला जिसे नीचे क्लिक कर पढ़ा जा सकता है।
नोटबंदी से देश में रोजगार कितना प्रभावित हुआ इस बात को पूर्व RBI गवर्नर रघुराम राजन के बयान से समझा जा सकता है।
रोज़गार पर देश की क्या स्थति है इसको खंगालती हुई बेंगलुरु की अज़ीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट को पढ़ा और समझा जा सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2016 से 2018 के बीच करीब 50 लाख बेरोजगार हुए। इस खबर को पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक कीजिये।
हमारी वायरल पड़ताल में देश के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रोजगार पर बताये गए आंकड़े पूरी तरह से सही नहीं पाए गए।
Result: Misleading