About: http://data.cimple.eu/claim-review/8f8200b0a8c6ce62d5c6d8d871d5acd77dcda3079a0de0d961f7fa48     Goto   Sponge   NotDistinct   Permalink

An Entity of Type : schema:ClaimReview, within Data Space : data.cimple.eu associated with source document(s)

AttributesValues
rdf:type
http://data.cimple...lizedReviewRating
schema:url
schema:text
  • Fact Check: मलेशिया में घर लौटने का इंतजार कर रहे बांग्लादेशियों की तस्वीर को भारत का बताकर किया जा रहा है वायरल हमने अपनी पड़ताल में पाया कि यह तस्वीर असल में मलेशिया की है और इस तस्वीर में दिख रहे लोग इलीगल बांग्लादेशी इमिग्रेंट्स है जो अपने घर वापसी के लिए मलेशिया सरकार के एमनेस्टी प्रोग्राम के अंडर क्लीयरेंस का इंतजार कर रहे थे। यह तस्वीर भारत की नहीं है और यह दावा गलत है कि यह लोग लॉकडाउन के चलते दिल्ली में फंसे हुए हैं। - By: Pallavi Mishra - Published: Apr 14, 2020 at 03:44 PM - Updated: Aug 30, 2020 at 07:58 PM नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर आजकल एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें एक तंग गलियारे में बहुत-से लोगों को सोते हुए और बैठे हुए देखा जा सकता है। इस तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर भारत की है और यह लोग हिंदू हैं जो लॉकडाउन की वजह से फंस गए हैं। विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह तस्वीर दिसंबर 2019 में मलेशिया की है और तस्वीर में दिख रहे लोग बांग्लादेशी है जो अपने घर लौटने का इंतजार कर रहे थे। क्या हो रहा है वायरल? तस्वीर में एक गलियारे में बहुत सारे लोगों को एक साथ लेटे हुए और बैठे हुए देखा जा सकता है। पोस्ट के साथ डिस्क्रिप्शन में लिखा है, “These Helpless People are not Tablighis ,They are Poor Hindus Who are Stranded due to Lockdown .Has any TV Chanel discussed This” जिसका हिंदी अनुवाद होता है कि “यह बेचारे लोग तबलीगी नहीं, बल्कि हिंदू हैं जो लॉकडाउन की वजह से फंस गए हैं। कोई भी टीवी चैनल यह डिस्कस नहीं कर रहा।” इस पोस्ट के फेसबुक वर्जन को यहां और आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है। पड़ताल इस पोस्ट की पड़ताल करने के लिए हमने सबसे पहले इस पोस्ट को ठीक से देखा। पोस्ट के कमेंट में किसी व्यक्ति ने पूछा है कि यह कहां की तस्वीर है तो पोस्ट को शेयर करने वाले रहमत सिद्दीकी ने लिखा है, ‘दिल्ली’ की। अब हमने इस तस्वीर का स्क्रीनशॉट लिया और उसे गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। ढूंढने पर हमें यह तस्वीर jagonews24.com नाम की एक बांग्लादेशी वेबसाइट पर मिली। इस खबर के अनुसार, यह सभी बांग्लादेशी इलीगल इमिग्रेंट्स थे जो मलेशिया में अवैध रूप से रह रहे थे और मलेशियाई सरकार के एमनेस्टी प्रोग्राम के चलते इन्हें वापस अपने घर बांग्लादेश जाने का एक मौका मिला था। क्लीयरेंस के इंतजार में यह लोग इमीग्रेशन सेंटर के गलियारे में ही अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। हमें यह तस्वीर matopath.com नाम की एक वेबसाइट पर भी मिली। इस खबर के अनुसार, ये लोग बांग्लादेशी थे जो मलेशिया में अवैध रूप से रह रहे थे। मलेशियाई सरकार के एमनेस्टी प्रोग्राम के चलते इन्हें अपने घर वापस जाने का मौका मिला था और वह क्लीयरेंस के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। इस विषय में ज्यादा पुष्टि के लिए हमने jagonews24.com के डिप्टी न्यूज़ रिपोर्टर शिराजुस्मान (Shirazuzzsman) से संपर्क किया। फोन पर हमसे बात करते हुए उन्होंने कन्फर्म किया कि “jagonews24.com वेबसाइट पर खबर में लगी तस्वीर बिल्कुल सही संदर्भ में लगी है और यह तस्वीर असल में मलेशिया की ही है, जहां पर यह बांग्लादेशी इलीगल इमिग्रेंट्स अपने घर वापसी के लिए क्लीयरेंस का इंतजार कर रहे थे।” इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर कई लोग शेयर कर रहे हैं। इन्हीं में से एक है रहमत सिद्दीकी नाम का फेसबुक यूजर जिसने इस पोस्ट को 10 अप्रैल को शेयर किया था। इस यूजर के प्रोफाइल इन्फॉर्मेशन के अनुसार, यह कोलकाता का रहने वाला है और इसके फेसबुक पर 1,777 फॉलोअर्स हैं। निष्कर्ष: हमने अपनी पड़ताल में पाया कि यह तस्वीर असल में मलेशिया की है और इस तस्वीर में दिख रहे लोग इलीगल बांग्लादेशी इमिग्रेंट्स है जो अपने घर वापसी के लिए मलेशिया सरकार के एमनेस्टी प्रोग्राम के अंडर क्लीयरेंस का इंतजार कर रहे थे। यह तस्वीर भारत की नहीं है और यह दावा गलत है कि यह लोग लॉकडाउन के चलते दिल्ली में फंसे हुए हैं। - Claim Review : These Helpless People are not Tablighis ,They are Poor Hindus Who are Stranded due to Lockdown .Has any TV Chanel discussed This . - Claimed By : Rahmat Siddique - Fact Check : झूठ पूरा सच जानें... किसी सूचना या अफवाह पर संदेह हो तो हमें बताएं सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी मैसेज या अफवाह पर संदेह है जिसका असर समाज, देश और आप पर हो सकता है तो हमें बताएं। आप हमें नीचे दिए गए किसी भी माध्यम के जरिए जानकारी भेज सकते हैं... बहुत बहुत धन्यवाद विश्वास news का आप सभी के मेहनत मेहनत के कारण ऐसे अफवाहों से हमलोग अवगत हुए। बस ऐसे ही आपलोग अपने कर्यो के प्रति निष्ठावान रहे यही कामना औऱ यही शुभकामना
schema:mentions
schema:reviewRating
schema:author
schema:datePublished
schema:inLanguage
  • English
schema:itemReviewed
Faceted Search & Find service v1.16.115 as of Oct 09 2023


Alternative Linked Data Documents: ODE     Content Formats:   [cxml] [csv]     RDF   [text] [turtle] [ld+json] [rdf+json] [rdf+xml]     ODATA   [atom+xml] [odata+json]     Microdata   [microdata+json] [html]    About   
This material is Open Knowledge   W3C Semantic Web Technology [RDF Data] Valid XHTML + RDFa
OpenLink Virtuoso version 07.20.3238 as of Jul 16 2024, on Linux (x86_64-pc-linux-musl), Single-Server Edition (126 GB total memory, 5 GB memory in use)
Data on this page belongs to its respective rights holders.
Virtuoso Faceted Browser Copyright © 2009-2025 OpenLink Software