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Fact Check
सोशल मीडिया पर अखबार की एक कटिंग शेयर कर यह दावा किया गया कि योगी आदित्यनाथ की सरकार में रामानुज यादव नामक छात्र को जातिगत भेदभाव के कारण स्कूल में एडमिशन नही दिया गया.
भारत में जातिगत भेदभाव एक ऐसी कुरीति है जिस पर तमाम कानूनी एवं सामाजिक प्रावधानों के बाद भी लगाम नहीं लगाया जा सका है. 1947 में भारतीय गणराज्य की स्थापना के बाद जातिगत भेदभाव एवं सामाजिक असमानता को ख़त्म करने के उद्देश्य से बनाई गई आरक्षण व्यवस्था भी इस कुरीति को रोक पाने में असफल रही है.
जहां एक तरफ जाति प्रथा का खात्मा कर सबको समान सामाजिक दर्जा देकर एक आदर्श समाज की स्थापना की बात की जाती है, तो वहीं दूसरी तरफ समाज के सबसे निचले तबके के अलावा लगभग सभी वर्गों द्वारा अपनी जाति का महिमामंडन इस कुरीति को बढ़ाने का काम करती है. चुनावों के दौरान विभिन्न राजनैतिक दल भी जाति प्रथा का पूरा लाभ उठाते हैं.
पूर्व में Newschecker द्वारा जातीय आधार पर शेयर किये गए कई दावों का फैक्ट चेक किया गया है, जिसे यहां (1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9) पढ़ा जा सकता है.
इसी क्रम में, सोशल मीडिया पर अखबार की एक कटिंग शेयर कर यह दावा किया गया कि योगी आदित्यनाथ की सरकार में रामानुज यादव नामक छात्र को जातिगत भेदभाव के कारण स्कूल में एडमिशन नहीं दिया गया.
योगी आदित्यनाथ की सरकार में रामानुज यादव नामक छात्र को जातिगत भेदभाव के कारण स्कूल में एडमिशन नही देने के दावे के साथ वायरल हो रही अखबार की इस कटिंग का सच जानने के लिए, हमने सबसे पहले तस्वीर को गूगल पर ढूंढा. हालांकि, इस पूरी प्रक्रिया में हमें कुछ अन्य दावों के अलावा कोई अन्य ठोस जानकारी प्राप्त नहीं हो सकी.
हमारे द्वारा “डीएम सर मैं पढना चाहता हूं मास्टर साहब भगा देते हैं” कीवर्ड्स को गूगल पर ढूंढने पर पता चला कि SabrangIndia नामक वेबसाइट तथा ट्विटर अकाउंट द्वारा अख़बार की यही कटिंग 2017 में भी शेयर की गई है.
SabrangIndia द्वारा 3 फ़रवरी, 2017 को प्रकाशित लेख में भी वायरल तस्वीर को प्रकाशित किया गया है.
हमने वायरल खबर से संबंधित कुछ कीवर्ड्स को ट्विटर पर ढूंढा, जहां हमें जातिगत भेदभाव से संबंधित कुछ ट्वीट्स प्राप्त हुए.
‘UPPSS प्राइमरी का मास्टर। Dayanand Tripathi’ नामक ट्विटर यूजर द्वारा 18 सितंबर, 2016 को शेयर किये गए एक ट्वीट में हमें ‘Primary Ka Master’ नामक एक वेबसाइट द्वारा 18 सितंबर, 2016 को ही प्रकाशित एक लेख भी प्राप्त हुआ, जिसमें वायरल तस्वीर मौजूद है.
बता दें कि हमारे द्वारा ‘रामानुज यादव एडमिशन’ कीवर्ड्स को फेसबुक पर ढूंढने पर, हमें वायरल तस्वीर को लेकर 2016 में शेयर किये गए कुछ पोस्ट्स भी प्राप्त हुए, जिनसे इस बात की पुष्टि हो जाती है कि योगी आदित्यनाथ की सरकार में रामानुज यादव नामक छात्र को जातिगत भेदभाव के कारण स्कूल में एडमिशन नही देने के दावे के साथ वायरल हो रही अखबार की यह कटिंग असल में 2016 से ही इंटरनेट पर मौजूद है.
आजतक ने भी वायरल दावे का फैक्ट चेक किया है. आजतक ने अपनी रिपोर्ट में 2016 में ‘हिंदुस्तान’ के लिए यूपी के गोण्डा में रिपोर्टर रहे कमर अब्बास से भी बात की, जहां उन्होंने इस बात का सत्यापन किया कि उक्त खबर वर्षों पुरानी है.
इस तरह हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि योगी आदित्यनाथ की सरकार में रामानुज यादव नामक छात्र को जातिगत भेदभाव के कारण स्कूल में एडमिशन नही देने के दावे के साथ वायरल हो रही अखबार की यह कटिंग, असल में 2016 से ही इंटरनेट पर मौजूद है.
Facebook Posts from 2016: https://www.facebook.com/search/posts?q=%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A5%81%E0%A4%9C%20%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%A6%E0%A4%B5%20%E0%A4%8F%E0%A4%A1%E0%A4%AE%E0%A4%BF%E0%A4%B6%E0%A4%A8
Tweets from 2016: https://twitter.com/search?q=%E0%A4%A1%E0%A5%80%E0%A4%8F%E0%A4%AE%20%E0%A4%B8%E0%A4%B0%20%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A4%B0%20until%3A2016-12-31%20since%3A2016-01-01&src=typed_query
AajTak report: https://www.aajtak.in/fact-check/story/fact-check-samajwadi-party-old-news-yogi-adityanath-viral-on-social-media-ntc-1359961-2021-11-20
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Vasudha Beri
December 13, 2024
Komal Singh
November 11, 2024
Vasudha Beri
October 22, 2024
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