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| - “कृपया इस वीडियो को दुनियाभर में फॉरवर्ड करें कि भाजपा के अनुयायी क्या कर रहे हैं। ठीक ISIS की तरह, इंडियन स्टेट ऑफ इंटरनेशनल टेररिज़्म (ISIT) के रूप में ज्ञात भाजपा द्वारा स्थापित और आर्थिक मदद से कार्यरत इन समूहों के बारे में यह वीडियो एशिया, अमेरिका, अफ्रीका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त राष्ट्र सभी तक पहुंचना चाहिए।”-(अनुवाद)
उपरोक्त संदेश के साथ, एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया में साझा की गई है, जिसमें कुछ लोगों के बीच हिंसक झड़प दिखाई दे रही है।
Please forward this video around the Globe what the bjp followers are doing.Just like ISIS,This video should go to all of Asia,America, Africa,Europe,Australia n the UNITED NATIONabout these groups founded n funded by the BJP(ISIT)knownas INDIAN STATE OF INTERNATIONAL TERRORISM. pic.twitter.com/X6GcVFlCbB
— Sajjad Ahamd SA (@SajjadAhmadC) September 1, 2019
2:20 मिनट लंबे इस वीडियो की शुरुआत ज़मीन पर गिरे हुए एक आदमी की भीड़ द्वारा बेरहमी से पिटाई किए जाने से होती है। हिंसक होकर आपे से बाहर यह भीड़ आगे बढ़ती है। वीडियो के दूसरे भाग में, एक गेट के सामने व्यक्ति छड़ी और लाठी से पिटता हुआ दिखाई देता है, जिसे पुलिसवाले दूर से देख रहे होते हैं (1:18 मिनट पर)। उपरोक्त उदाहरण के अलावा, यह वीडियो समान दावे के साथ कई फेसबुक उपयोगकर्ताओं ने साझा किया है।
तथ्य-जांच
सोशल मीडिया का दावा कि हिंसा में लिप्त दिख रहे लोग भाजपा समर्थक हैं, गलत है। ऑल्ट न्यूज़ ने ऊपर पोस्ट किए गए ट्वीट के टिप्पणी में कई उपयोगकर्ताओं के प्रतिक्रिया देखे, जिन्होंने लिखा था कि यह घटना चेन्नई में हुई थी और एक कॉलेज में हुई हिंसक झड़प से संबंधित थी।
इस आधार पर, ऑल्ट न्यूज़ ने गूगल पर संबधित कीवर्ड्स के साथ सर्च किया तो हमें 2009 में यूट्यूब पर पोस्ट किए गए इस घटना के वीडियो मिले। उन वीडियो में से एक, वायरल वीडियो क्लिप में दिखलाई गई उसी घटना की खबर CNN IBN (अब CNN News18) का प्रसारण भी था। नीचे वीडियो में वायरल वीडियो के संबंधित दृश्यों को 13वें सेकंड से देखा जा सकता है।
2008 में चेन्नई के लॉ कॉलेज में जातीय हिंसा की घटना
12 नवंबर, 2008 को चेन्नई के डॉ. अंबेडकर लॉ कॉलेज में छात्रों के बीच जाति-आधारित हिंसा भड़की थी, जिसे रोकने में नाकाम रही पुलिस भीड़ से अलग होकर देख रही थी। इस हिंसक झड़प में चार छात्र गंभीर रूप से घायल हुए थे। कई छात्रों को गिरफ्तार किया गया और 43 लोगों को इस मामले में आरोपी बनाया गया था। चेन्नई के पुलिस आयुक्त स्थानांतरित और एक सहायक आयुक्त को निलंबित कर दिया गया था।
झड़प के कारण का जिक्र करती, हिंदुस्तान टाइम्स की उस समय की एक रिपोर्ट के अनुसार,“दो हफ्ते पहले स्वतंत्रता सेनानी पसुम्पोन्न मुथुरामलिंगा थेवर का 101वां जन्मदिन कॉलेज द्वारा मनाये जाने के बाद से दो पक्षों के बीच तनाव बढ़ने लगा था। ‘थेवर’ समुदाय के छात्रों ने जो पोस्टर लगाए थे उनमें कॉलेज के नाम के पहले “डॉ. अम्बेडकर” नहीं लगाया था। दलित छात्रों ने इसे अपमान के रूप में लिया और मामला यहां तक बढ़ गया।”-अनुवादित। इस घटना की खबर द टाइम्स ऑफ इंडिया और द न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने भी प्रकाशित की थी। हाल ही में इस मामले में, मद्रास उच्च न्यायालय ने तीन साल के कारावास की सजा सुनाए गए सभी 21 छात्रों को आरोपों से बरी कर दिया।
10 साल पहले चेन्नई में हुई छात्रों की हिंसक झड़प का वीडियो सोशल मीडिया में इस दावे के साथ प्रसारित किया जा रहा है कि ये लोग भाजपा समर्थक हैं।
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