About: http://data.cimple.eu/claim-review/9516bf5b8d9fdcbd5247b3ad22b9388dc0fc6b15fac908916e9566d1     Goto   Sponge   NotDistinct   Permalink

An Entity of Type : schema:ClaimReview, within Data Space : data.cimple.eu associated with source document(s)

AttributesValues
rdf:type
http://data.cimple...lizedReviewRating
schema:url
schema:text
  • सोशल मीडिया पर किसान आंदोलनों को लेकर कई तस्वीरें और वीडियो भ्रामक दावों के साथ फैलाये जा रहें है, वायरल वीडियो में हम पगड़ी पहने एक व्यक्ति को साइनबोर्ड पर हिंदी में लिखे अक्षरों पर कालिख पोतते हुये देख सकतें है | सोशल मीडिया पर इस वीडियो के माध्यम से दावा किया जा रहा है कि ये वीडियो पंजाब से है जहां प्रदर्शनकारी किसान कृषि कानूनों के साथ साथ हिंदी भाषा के प्रयोग का भी विरोध कर रहे हैं, साथ ही ये भी दावा किया जा रहा है कि किसान आंदोलन का असली मकसद हिंदी भाषा और हिंदुओं का विरोध करना ही है | पोस्ट में लिखा गया है कि “असली चेहरा अब सामने आ रहा है। टॉवर तोड़ने के बाद अब पंजाब में हिंदी नही चलेगी… किसान आंदोलनों बहाना है हिन्दू और हिन्दू विरोध असली मकसद है। ये ही है, किसान आंदोलन की हकीकत? ये खालिस्तानी आंदोलन है, किसानों के भेष में आतंकी, उनके समर्थक है, उनका एजेंडा,अराजकता फैलाना, मोदी सरकार को गिराना और देश के आम जनता को परेशान करना है…” इस वीडियो को फेसबुक पर काफी तेजी से फैलाया जा रहा है | वीडियो में दिख रहा है कि साइनबोर्ड में हिंदी, अंग्रेजी और पंजाबी- तीनों भाषाओं में , “उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र” लिखा है और एक व्यक्ति हिंदी में लिखे शब्दों को कालिख लगा मिटा रहा है | अनुसंधान से पता चलता है कि… फैक्ट क्रेसेंडो ने पाया है कि वायरल वीडियो लगभग २ साल पुराना है जब पंजाब के पटियाला में जबरन “हिंदी थोपने” का विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था | जाँच की शुरुवात हमने इस वीडियो को इन्विड टूल की मदद से यांडेक्स रिवर्स इमेज सर्च करने से किया, जिसके परिणाम से हमें यही वीडियो यूट्यूब पर २२ फरवरी २०१९ से उपलब्ध मिला | इस वीडियो के शीर्षक में लिखा गया है कि “पंजाबी फर्स्ट साइन बोर्ड काला पोता |” गूगल सर्च करने पर हमने पाया कि उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र संस्कृति मंत्रालय (North Zone Cultural Centre) के तहत आता है जो कि पंजाब के पटियाला में स्थित है | तत्पश्चात इस घटना के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र संस्कृति के निदेशक प्रोफेसर सौभाग्य वर्धन से संपर्क किया , इस सन्दर्भ में उनके द्वारा हमें बताया कि “यह घटना लगभग दो साल पुरानी है, ये उस समय का प्रकरण है जब पूरे चंडीगढ़-भटिंडा बेल्ट में एक अभियान चला था जिसके तहत प्रदर्शनकारी हिंदी/अंग्रेजी में लिखे साइनबोर्ड मिटा रहे थे, इन प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि साइनबोर्ड पर सबसे ऊपर पंजाबी भाषा होनी चाहिए | इस घटना का किसानों या वर्तमान किसान आंदोलनों से कोई संबंध नहीं है |” ११ जनवरी २०२१ को फैक्ट क्रेसेंडो ने इसी प्रकार के एक और दावे का भी फैक्ट चेक प्रकाशित किया था जहाँ तस्वीरों में कुछ लोग हाईवे पर लगे साइनबोर्ड पर हिंदी/अंग्रेजी में लिखे शब्दों को मिटा रहे थे, इन तस्वीरों के माध्यम से भी दावा किया गया था कि पंजाब में किसान आंदोलन के दौरान हिंदी का विरोध कर रहे हैं, जिसे हमने सरासर गलत पाया था | निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त वीडियो के साथ लिखे गए दावे को गलत पाया है | सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो लगभग 2 साल पुराना है, घटना का वर्तमान किसान आंदोलनों से कोई संबंध नहीं है | Title:क्या पंजाब में कृषि कानूनों के विरोध के साथ-साथ हिंदी भाषा का भी विरोध हो रहा है? जानिये सचFact Check By: Aavya Ray Result: False
schema:mentions
schema:reviewRating
schema:author
schema:datePublished
schema:inLanguage
  • English
schema:itemReviewed
Faceted Search & Find service v1.16.115 as of Oct 09 2023


Alternative Linked Data Documents: ODE     Content Formats:   [cxml] [csv]     RDF   [text] [turtle] [ld+json] [rdf+json] [rdf+xml]     ODATA   [atom+xml] [odata+json]     Microdata   [microdata+json] [html]    About   
This material is Open Knowledge   W3C Semantic Web Technology [RDF Data] Valid XHTML + RDFa
OpenLink Virtuoso version 07.20.3238 as of Jul 16 2024, on Linux (x86_64-pc-linux-musl), Single-Server Edition (126 GB total memory, 3 GB memory in use)
Data on this page belongs to its respective rights holders.
Virtuoso Faceted Browser Copyright © 2009-2025 OpenLink Software