About: http://data.cimple.eu/claim-review/98ef5fe5479c1a4ab3c53fa5e3e5e7b1b7f74edfc0a155c0ed5f07ce     Goto   Sponge   NotDistinct   Permalink

An Entity of Type : schema:ClaimReview, within Data Space : data.cimple.eu associated with source document(s)

AttributesValues
rdf:type
http://data.cimple...lizedReviewRating
schema:url
schema:text
  • बांग्लादेश में रवींद्रनाथ टैगोर की मूर्ति का सिर मिलने से हड़कंप, पूरी बात हमें पता चली बांग्लादेश में हो रही हिंसा के दौरान एक तस्वीर वायरल है जिसमें नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर की खंडित मूर्ति नज़र आ रही है. दावा किया जा रहा कि यह मूर्ति हालिया हिंसा के दौरान तोड़ी गईं थी. बांग्लादेश में पिछले दिनों हुए राजनीतिक उथल-पुथल के बाद हिंसा (Bangladesh Violence) की लगातार खबरें सामने आ रही हैं. बीती 5 अगस्त को वहां हुए तख्तापलट के दौरान ‘बंगबंधु’ शेख मुजीबुर रहमान की मूर्तियां तोड़ दी गईं. इसी बीच एक तस्वीर वायरल है जिसमें रवींद्रनाथ टैगोर की खंडित मूर्ति नज़र आ रही है. दावा किया जा रहा कि यह मूर्ति हालिया हिंसा के दौरान तोड़ी गई थी. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक यूजर ने वायरल तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा, “बांग्लादेश का राष्ट्रगीत ‘अमार सोनार बांग्ला’ लिखने वाले कवि रवींद्रनाथ टैगोर की मूर्ति तोड़ दी गई. आखिर क्यों तोड़ी होगी? वो क्या सोच होगी? आखिर स्टूडेंट प्रोटेस्ट से इसका क्या लेना-देना होगा? पूरी दुनिया इन जाहिलों से परेशान है.” इसी तरह के दावे कई अन्य यूजर्स ने भी किए हैं जिनकी पोस्ट आप यहां और यहां देख सकते हैं.पड़ताल क्या बांग्लादेश में हालिया हिंसा के दौरान रवींद्रनाथ टैगोर की मूर्ति तोड़ी गई? सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड्स सर्च किए. हमें बांग्लादेश के प्रमुख मीडिया संस्थान ‘DhakaTribune’ की वेबसाइट पर 18 फरवरी, 2023 को छपी एक रिपोर्ट में वायरल तस्वीर मिली. रिपोर्ट के मुताबिक, यह टैगोर के स्टैच्यू का ही एक हिस्सा है जो एक पुस्तक मेले के परिसर में पड़ा हुआ था. मामले के बारे में अधिक जानकारी हमें ‘दी प्रिंट’ में 19 फरवरी, 2023 को छपी एक रिपोर्ट में मिली. इसके अनुसार, फरवरी 2023 में बांग्लदेश में पुस्तक मेला शुरू हुआ था. इस दौरान 14 फरवरी को ढाका यूनिवर्सिटी के ऑर्ट्स फैकल्टी के कुछ छात्रों ने टैगोर की प्रतिमा कैंपस के नजदीक राजू मेमोरियल के पास लगाई थी. नोबेल विजेता टैगोर के स्टैच्यू में उनके मुंह पर टेप चिपका हुआ था. छात्रों का कहना था कि यह स्टैच्यू यूनिवर्सिटी में बढ़ रहे सेंसरशिप के विरोध में स्थापित की गई थी. रिपोर्ट के अनुसार, प्रतिमा स्थापित किए जाने के कुछ दिन बाद यह गायब हो गई थी. विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी प्रतिमा को स्थापित किए जाने का विरोध किया था. लेकिन 18 फरवरी को इसके कुछ हिस्से पुस्तक मेले में मिले. उसके बाद यह तस्वीर उस वक्त भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी. इस घटना से जुड़ी रिपोर्ट कई बांग्लादेशी मीडिया आउटलेट ने छापी थी. इनमें वायरल तस्वीर मौजूद है. हालांकि इन रिपोर्ट्स से ये साफ नहीं हुआ कि मूर्ति तोड़ी गई थी या किसी और वजह से टूटी थी. लेकिन इतना जरूर साफ है कि तस्वीर अभी की नहीं है.नतीजा कुल मिलाकर, बांग्लादेश में हुए हालिया हिंसा के दौरान रवींद्रनाथ टैगोर की प्रतिमा को तोड़े जाने का भ्रामक दावा वायरल है. तस्वीर पुरानी है. फरवरी 2023 की है. पड़ताल की वॉट्सऐप हेल्पलाइन से जुड़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें. ट्विटर और फेसबुक पर फॉलो करने के लिए ट्विटर लिंक और फेसबुक लिंक पर क्लिक करें. वीडियो: मुनाफे में रही BSNL मोदी सरकार आने के बाद घाटे में चली गई? वायरल दावे का सच जान लें
schema:reviewRating
schema:author
schema:inLanguage
  • Hindi
schema:itemReviewed
Faceted Search & Find service v1.16.115 as of Oct 09 2023


Alternative Linked Data Documents: ODE     Content Formats:   [cxml] [csv]     RDF   [text] [turtle] [ld+json] [rdf+json] [rdf+xml]     ODATA   [atom+xml] [odata+json]     Microdata   [microdata+json] [html]    About   
This material is Open Knowledge   W3C Semantic Web Technology [RDF Data] Valid XHTML + RDFa
OpenLink Virtuoso version 07.20.3238 as of Jul 16 2024, on Linux (x86_64-pc-linux-musl), Single-Server Edition (126 GB total memory, 2 GB memory in use)
Data on this page belongs to its respective rights holders.
Virtuoso Faceted Browser Copyright © 2009-2025 OpenLink Software