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Fact Check
दिल्ली स्थित शहीदों के स्मारक ‘इंडिया गेट’ को लेकर इन दिनों सोशल मीडिया पर एक पोस्ट तेजी से वायरल हो रहा है। दावा किया गया है कि ‘इंडिया गेट’ पर आजादी की लड़ाई लड़ने वाले 95,300 भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों के नाम दर्ज हैं, जिनमें 61,395 सिर्फ मुस्लिम सेनानियों के ही नाम हैं।
वायरल पोस्ट का आर्काइव लिंक यहाँ देखें।
इस दावे को हमारे आधिकारिक WhatsApp नंबर पर भेजकर, इसकी सत्यता की जांच का अनुरोध किया गया था।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस दावे का सच जानने के लिए, हमने पड़ताल आरम्भ की। इस दौरान कुछ कीवर्ड्स के माध्यम से गूगल खोजना शुरू किया। इस दौरान हमने जाना कि वायरल दावा साल 2018 से ही इंटरनेट पर शेयर किया जा रहा है। पहले कांग्रेस नेता ‘Hitendra Pithadiya’ ने इसे 13 अक्टूबर साल 2018 को अपने ट्विटर हैंडल से शेयर किया था।
इस दावे को साल 2019 में AMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने भी एक मंच पर अपने भाषण में इस्तेमाल किया था। उनके इस भाषण का वीडियो हमें यूट्यूब पर मिला, जिसे 14 जुलाई साल 2019 को अपलोड किया गया था।
वीडियो में 29 मिनट 40 सेकंड पर ओवैसी को कहते हुए सुना जा सकता है, “इंडिया गेट पर 95,300 फ्रीडम फाइटर (स्वतंत्रता सेनानियों) के नाम दर्ज हैं, जिन्होंने देश को आज़ाद कराने के लिए, अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी और इन 95,300 में से कुल 61,945 सिर्फ मुसलमानों के नाम हैं।”
वायरल दावे की सटीक जानकारी के लिए, हमने इंडिया गेट के इतिहास की जानकारी के लिए खोजना शुरू किया। इस दौरान हमें ABP की वेबसाइट पर इंडिया गेट को लेकर प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के मुताबिक, इंडिया गेट को ‘एड्विन लैंडसियर लूट्यन्स’ द्वारा डिजाइन किया गया था और 12 फरवरी साल 1931 को यह बनकर तैयार हुआ।
लेख में आगे जानकारी देते हुए बताया गया है कि प्रथम विश्व युद्ध और तीसरे एंग्लो-अफगान युद्ध में, ब्रिटिश इंडियन आर्मी के शहीद हुए सैकड़ों जवानों के सम्मान में इंडिया गेट का निर्माण किया गया था।
गौरतलब है कि इंडिया गेट का निर्माण आजादी की लड़ाई से पहले ही हो गया था। क्या देश की आजादी की लड़ाई में शहीद हुए जवानों के नाम भी यहाँ दर्ज हैं? इस बात की जानकारी प्राप्त करने के लिए, हमने गूगल पर बारीकी से खोजना शुरू किया।
खोज के दौरान हमें दिल्ली पर्यटन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर इंडिया गेट को लेकर प्रकाशित एक लेख मिला। लेख के मुताबिक, इंडिया गेट की नींव ड्यूक ऑफ कनॉट ने 1921 में रखी थी और 10 साल बाद लॉर्ड इरविन ने इसका उद्घाटन किया था।
वेबसाइट पर जानकारी दी गयी थी कि प्रथम विश्व युद्ध के दौरान करीब 70,000 भारतीयों ने ब्रिटिश फौज की ओर से जान गंवाई। इन्हीं सैनिकों की याद में इंडिया गेट स्मारक बनाया गया था। लेख के मुताबिक, इस स्मारक में 1919 के अफगान युद्ध में उत्तर पश्चिमी सीमा पर मारे गए 13,000 से अधिक भारतीय सैनिकों के नाम दर्ज हैं।
स्मारक में कितने लोगों के नाम दर्ज हैं, इस बात की पुष्टि के लिए, हमने Commonwealth war Graves की वेबसाइट पर भी खोजा। कॉमनवेल्थ वॉर ग्रेव्स कमीशन एक ऐसी संस्था है, जो दुनिया भर में युद्ध शहीदों का रिकॉर्ड रखती है। वेबसाइट के मुताबिक, इंडिया गेट पर 13,220 शहीदों के नाम दर्ज हैं।
पड़ताल के दौरान उपरोक्त मिले तथ्यों से हमें पता चला कि वायरल दावा भ्रामक है। इंडिया गेट पर 95,300 स्वतंत्रता सेनानियों के नाम नहीं, बल्कि विश्व युद्ध में ब्रिटिश सेना की और से शहीद हुए कुल 13,220 सैनिकों के नाम दर्ज हैं।
https://www.abplive.com/news/india/india-gate-history-and-unknown-facts-all-you-need-to-know-1070057
https://web.archive.org/web/20201108114818/http://www.delhitourism.gov.in/delhitourism/tourist_place/india_gate.jsp
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