About: http://data.cimple.eu/claim-review/aae39fcea33bf18bda3216559c92967f74a4028a7acd041bbb2b0336     Goto   Sponge   NotDistinct   Permalink

An Entity of Type : schema:ClaimReview, within Data Space : data.cimple.eu associated with source document(s)

AttributesValues
rdf:type
http://data.cimple...lizedReviewRating
schema:url
schema:text
  • Fact Check: केले में एचआईवी संक्रमित खून डालने का दावा करने वाली पोस्ट फर्जी है - By: Urvashi Kapoor - Published: Jun 25, 2019 at 06:58 PM - Updated: Jul 15, 2020 at 08:31 PM नई दिल्ली (विश्वास टीम)। फेसबुक पर एक पोस्ट वायरल हो रही है। इस पोस्ट में लोगों को चेतावनी दी जा रही है कि ऐसे किसी फल को न खाएं जिसके अंदर अजीब सा लाल रंग (red weird color) हो। इस पोस्ट में दो तस्वीरों के साथ एक कैप्शन लिखा हुआ है। एक तस्वीर केले की है जिसमें सूई से खून जैसा कुछ डाला जा रहा है। दूसरी तस्वीर एक छिले हुए केले की है जिसके अंदर लाल रंग दिख रहा है। विश्वास न्यूज ने इसकी पड़ताल की। हमारी पड़ताल में यह दावा फर्जी पाया गया कि केले में एचआईवी संक्रमित खून डाला गया है। क्या है वायरल पोस्ट में? इस फेसबुक पोस्ट में एक फोटो है जिसका कैप्शन अंग्रेजी में है। इसमें लिखा है कि, ‘चेतावनी! अगर आप ऐसा फल देखें जिसमें अजीब लाल रंग (red weird color) हो तो इसे न खाएं क्योंकि लोगों का एक ग्रुप फलों में सूई से एचआईवी और एड्स वाला खून मिला रहा है। इनका लक्ष्य पूरी दुनिया में लाखों लोगों को मारना है। यह शैतानी (Satanism) ताकत है। कृपया इस पोस्ट को शेयर करें और दूसरों को बचाएं।’ असल में इस तस्वीर में दो तस्वीरें लगी हैं। एक में दिखाया जा रहा है कि सूई की मदद से केले में कुछ लाल रंग का तरल पदार्थ डाला जा रहा है। दूसरी तस्वीर में एक छिला हुआ केला है जिसके अंदर लाल रंग दिख रहा है। इस तस्वीर को Spiritual Warfare and Tactics Squad- SWATSनाम के फेसबुक पेज पर शेयर किया गया है। पड़ताल हमने अपनी पड़ताल की शुरुआत इस रिसर्च से की कि आखिर केले में लाल रंग का क्या मतलब है। Canadian Food Inspection Agencyकी आधिकारिक वेबसाइट पर हमें एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट के मुताबिक, ‘पौधे की ऐसी कई सारी बीमारियां हैं जिनकी वजह से केले के अंदर का रंग बिगड़कर लाल रंग का हो सकता है। इस रंग बिगड़ने की ही वजह से केले में खून होने के झूठे दावे सामने आए हैं। निग्रोस्पोरा एक फंगल रोग है जो केले के अंदर बीच वाले हिस्से को गहरे लाल रंग में बदल देता है। निग्रोस्पोरा उन उष्णकटिबंधीय जलवायु में फल को संक्रमित कर सकताहै जहां केले उगाए जाते हैं। मोकिलो, मोको और ब्लड डिजीज बैक्टीरियम, बैक्टीरिया जनित रोग हैं। इनकी वजह से भी केले का रंग बिगड़कर लाल हो सकता है। ऐसे केलों को खाने की सलाह नहीं दी जा रही है लेकिन ऐसे रोगों से पीड़ित केले मनुष्यों के स्वास्थ्य के लिए खतरा नहीं हैं। हालांकि जब भी आशंका हो या तो फेंक दीजिए या कंपोस्ट कर दीजिए।’ हमने आगे की पड़ताल में जानना चाहा कि क्या एचआईवी संक्रमण खाने के माध्यम से फैल सकता है या नहीं। रोग नियंत्रण एवं निवारण केंद्र की आधिकारिक वेबसाइट पर हमें एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट के मुताबिक, ‘आपको खाने से एचआईवी नहीं हो सकता। अगर खाने में कुछ मात्रा में एचआईवी संक्रमित खून या सीमेन मिला भी है तो हवा, गरमी, पकाने के दौरान की गरमी और पेट के एसिड वायरस को नष्ट कर देंगे। केवल ऐसे दुर्लभ मामलों को छोड़कर जिनमें बच्चों ने एचआईवी संक्रमित देखभालकर्ता के चबाए हुए खाने का इस्तेमाल किया।’ आगे की पड़ताल में हमें थाईलैंड विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी एक प्रेस रिलीज मिली। इसमें लिखा है, ‘मिनिस्ट्री ऑफ पब्लिक हेल्थ के डिपार्टमेंट ऑफ डिजीज कंट्रोल के मुताबिक, एचआईवी को एक ह्यूमन होस्ट सेल की जरूरत होती है। मानव के शरीर के बाहर एचआईवी संक्रमण का मिलना असंभव है। मानव के शरीर से बाहर, या जमीन या जानवरों के शरीर से एचआईवी का संक्रमण नहीं हो सकता। एचआईवी मानव शरीर के बाहर के तापमान को झेल नहीं सकता। किसी शरीर में लिक्विड फॉर्म जैसे ब्लड या सीमेन में मौजूद रहना ही इसके बचने की एकमात्र संभावना है। हालांकि हवा के संपर्क में आते ही एचआईवी मर जाता है।’ डॉ सजीव कुमार (सीएससी, डीसीएच, एमबीबीएस, जनरल फिजिशियन) भी इस बात की पुष्टि करते हैं। उनके मुताबिक, ‘किसी को भी खाने से एचआईवी का संक्रमण नहीं हो सकता। अगर खाने में कुछ मात्रा में एचआईवी संक्रमित खून या सीमेन मिला भी है तो हवा के संपर्क में आते ही वायरस मर जाएगा।’ निष्कर्ष हमारी पड़ताल से सामने आया कि केले में एचआईवी संक्रमित खून का दावा करने वाली पोस्ट फर्जी है। किसी को खाने के माध्यम से एचआईवी का संक्रमण नहीं हो सकता। अगर खाने में कुछ मात्रा में एचआईवी संक्रमित खून या सीमेन मौजूद है तो भी हवा के संपर्क, कूकिंग की हीट और पेट के एसिड से वायरस से खत्म हो जाएगा। पूरा सच जानें… सब को बताएं सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews।com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्यम से भी सूचना दे सकते हैं। - Claim Review : केले में एचआईवी संक्रमित खून डालने का दावा - Claimed By : FB Page: Spiritual Warfare and Tactics Squad- SWATS - Fact Check : झूठ
schema:mentions
schema:reviewRating
schema:author
schema:datePublished
schema:inLanguage
  • English
schema:itemReviewed
Faceted Search & Find service v1.16.115 as of Oct 09 2023


Alternative Linked Data Documents: ODE     Content Formats:   [cxml] [csv]     RDF   [text] [turtle] [ld+json] [rdf+json] [rdf+xml]     ODATA   [atom+xml] [odata+json]     Microdata   [microdata+json] [html]    About   
This material is Open Knowledge   W3C Semantic Web Technology [RDF Data] Valid XHTML + RDFa
OpenLink Virtuoso version 07.20.3238 as of Jul 16 2024, on Linux (x86_64-pc-linux-musl), Single-Server Edition (126 GB total memory, 3 GB memory in use)
Data on this page belongs to its respective rights holders.
Virtuoso Faceted Browser Copyright © 2009-2025 OpenLink Software