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  • क्या सर्जिकल मास्क पहनने का कोई सही तरीका है? फ़ैक्ट चेक ग़लत दावा किया गया है कि जब आप बीमार नहीं होते हैं और कीटाणुओं को रोकना चाहते हैं तो मास्क के सफ़ेद साइड को बाहर कर पहनना चाहिए। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट तेजी से वायरल हो रहा है। पोस्ट में आमतौर पर मेडिकल पेशेवरों द्वारा पहने जाने वाले तीन लेयर वाले मास्क को पहनने का 'उचित' तरीका बताया गया है| साथ ही यह भी बताया गया है कि मास्क का रंगीन साइड और सफेद साइड अलग संकेत देते हैं। यह दावा ग़लत है। वायरल ग्राफिक में दो लोगों को मास्क पहने हुए दिखाया गया है, जिसमें बताया गया है कि मास्क को दो तरह से, रंगीन साइड भीतर करके या सफेद साइड भीतर कर के पहना जा सकता है। संदेश में बताया गया है कि किस साइड को कब पहनना है। मैसेज में लिखा गया है, "1. यदि आप बीमार हैं तो और अपने कीटाणुओं को चारों ओर फैलाना नहीं चाहते हैं तो रंगीन साइड को बाहर करके पहने, 2. जब आप बीमार नहीं हैं और आप कीटाणुओं को अंदर आने से रोकना चाहते हैं, तो सफेद साइड (यह फिल्टर पार्ट है) को बाहर करके पहने।" यह भी पढ़ें: फ्लोरिडा में चमगादड़ों के एक वीडियो को कोरोना वायरस के श्रोत के रूप में किया वायरल बूम ने एक डॉक्टर से बात की, जिन्होंने कहा कि संदेश भ्रामक है। प्रदूषित हवा और हाल ही में फैलने वाले कोरोनावायरस से खुद को बचाने के लिए लोग भारत के साथ-साथ विदेशों में भी मास्क पहन रहे हैं। प्रामाणिकता की जांच करने के लिए बूम को यह तस्वीर अपने व्हाट्सएप्प हेल्पलाइन पर प्राप्त हुआ है। तस्वीर फ़ेसबुक पर भी व्यापक रुप से वायरल है। आप इस पोस्ट का अर्काइव यहां देख सकते हैं। फ़ैक्ट चेक बूम ने ऑनलाइन "फेस मास्क कैसे पहनें" शब्दों की खोज की और कुछ ऐसे वीडियो और लेख सामने आए, जिनमें फेस मास्क पहनने के सही तरीके का वर्णन किया गया है। सैन फ्रांसिस्को डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक हेल्थ ने मास्क पहनने के सही तरीके का वर्णन किया है। इसमें बताया या है कि आदर्श रूप से, मास्क का रंगीन भाग मुड़ने योग्य किनारे के साथ होता है और बाहर की तरफ रखकर पहना जाना चाहिए। फिल्टर नाक के पास होना चाहिए। व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखना और साबुन और पानी से हाथ धोना विभाग की वेबसाइट पर दोहराए गए हैं। यह भी पढ़ें: मलेशियाई सुपरमार्केट में महिला की मौत हार्ट फेल से हुई, कोरोनावायरस से नहीं टाइम मैगज़ीन के एक वीडियो में मेडिकल एक्सपर्टों ने मास्क पहनने के सही तरीके के बारे में बात की है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया है कि मास्क के रंगीन हिस्से को बाहर की ओर रहना चाहिए, भले ही मास्क पहनने वाले की बीमारी की स्थिति कुछ भी हो। केरल के एक इमरजेंसी फिजिशियन डॉ. जोनाथन फर्नांडीज ने भी मास्क से संबंधित दावों को वैज्ञानिक रूप से ख़ारिज कर दिया है। उन्होंने ट्वीट की एक श्रृंखला में सही पद्धति को समझाया है। #thread— Jonathan 👨⚕️⚕️ (@just1doctorwala) January 31, 2020 Everytime there is a new epidemic different WhatsApp forwards pop up. This particular one i have seen at least 3 times in the last 4 years Short answer The information in this picture is WRONG & FALSE#FactCheck#coronavirusindia #coronarvirus #CoronavirusOutbreak pic.twitter.com/P67Yms9k0n डॉ. फर्नाडीज ने अपने ट्वीट में उल्लेख किया है कि ये मास्क उपयोग करने के लिए सबसे सुरक्षित नहीं हैं और भले ही एन95 महंगा है, किसी भी तरह की बूंदों को दूर रखने में बेहतर काम करते हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया है कि आम सर्जिकल मास्क, आस-पास के लोगों की तुलना में उसे पहनने वाले के लिए ज्यादा होता है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि इस मास्क को पहनने का केवल एक विशेष तरीका है कि रंगीन साइड बाहर की तरफ होना चाहिए। बूम ने डॉ फर्नांडीज से संपर्क किया और यह समझने की कोशिश की कि उन्होंने एन95 मास्क की सिफारिश क्यों की है। उन्होंने कहा कि उन्होंने आगे बढ़ कर इस दावे को ख़ारिज किया क्योंकि उनके अपने पिता ने इस पर विश्वास कर लिया था और उन्हें व्हाट्सएप्प पर यही मैसेज फॉरवर्ड किया था। मास्क के बारे में अंतर समझाते हुए, डॉ. फर्नांडीज ने कहा, "मास्क का मकसद चेहरे के चारों ओर एक तंग सील बनाना होता है ताकि उसके माध्यम से पहनने वाले तक केवल हवा पहुंचने की अनुमति हो। एन95 यह काम करता है। रेगुलर मास्क यह नहीं कर पाता है। रेगुलर मास्क चेहरे से छोटे बूंदों को दूर रखते हैं लेकिन रोगाणुओं या छोटे कणों के लिए कुछ भी नहीं करते हैं। एन 95 इस आधार पर काम करता है कि यह आकार में 0.2 माइक्रोन से कम 95% कणों को बाहर रखता है। " भारत ने मास्क का निर्यात बंद कर दिया भारत ने 3 फरवरी, 2020 को कोरोनावायरस के अपने तीसरे सकारात्मक मामले की पुष्टि की। तीनों मामले केरल के हैं और तीनों मामलों में मरीज ने वुहान की यात्रा की थी। 2019-नोवेल कोरोनावायरस के कारण 427 मौतें हो चुकी हैं और अब तक 20,661 मामलों की पुष्टि की गई है। 31 जनवरी, 2020 को, भारत सरकार ने सभी प्रकार के श्वसन मास्क के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है।
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