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  • Fact Check: बस की तस्वीर में अंबेडकर की फोटो को चिपका कर गलत दावे के साथ किया जा रहा है वायरल विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा सही नहीं है। ये तस्वीर एडिटेड है। असली तस्वीर 2008 की है, जिसमें बस के ऊपर भीमराव अंबेडकर और उनकी पत्नी की तस्वीर नहीं लगी थी। - By: Pallavi Mishra - Published: Sep 21, 2020 at 02:28 PM नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। सोशल मीडिया पर आज कल पोस्ट वायरल है, जिसमें एक बस के ऊपर भीमराव अंबेडकर और उनकी पत्नी की तस्वीर देखी जा सकती है। पोस्ट के ऊपर लिखा है “कोलंबिया (अमेरिका) की सड़कों पर दौड़ती सिटी बस पर बाबासाहब का चित्र यह असली सम्मान है….।” विश्वास न्यूज़ ने इस तस्वीर की पड़ताल की और पाया था कि यह दावा सही नहीं है। ये तस्वीर एडिटेड है। असली तस्वीर 2008 की है, जिसमें बस के ऊपर भीमराव अंबेडकर और उनकी पत्नी की तस्वीर नहीं लगी थी। क्या हो रहा है वायरल वायरल पोस्ट में एक बस के ऊपर भीमराव अंबेडकर और उनकी पत्नी की तस्वीर देखी जा सकती है। पोस्ट के साथ लिखा है “कोलंबिया (अमेरिका) की सड़कों पर दौड़ती सिटी बस पर बाबासाहब का चित्र यह असली सम्मान है, अमेरिका आज भी बाबा साहब को अपना आदर्श मानता है क्योंकि अमेरिका की अर्थव्यवस्था उसी पुस्तक पर आधारित है जिसे बाबा साहब ने ब्रिटिश काल में अपनी डाक्टर की डिग्री के लिए यिसिस के रूप में लिखा था ‘ द प्राब्लम आफ रुपी’ जिसके आधार पर भारतीय रिजर्व बैंक की भी स्थापना हुई। और हमारे यहाँ पर बाबा साहब की मूर्ति को तोडते हैं। सोचो अगर बाबा साहब ने इंग्लैंड तत्कालीन प्रधानमंत्री रैम्स मैग्डानोल्ड के अनुरोध पर इंग्लैंड की नागरिकता स्वीकार कर ली होती तो बहुजनों का क्या होता??।” इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां देखा जा सकता है। पड़ताल इस पोस्ट की पड़ताल करने के लिए हमने इस तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। हमें commons.wikimedia.org पर बस की ये तस्वीर मिली मगर उसमें बस के ऊपर अंबेडकर की तस्वीर नहीं थी। इस तस्वीर के साथ लिखा था ” City Sightseeing’s 273 (EU05 VBJ), a Volvo B7L/Ayats Bravo City, in Bath, Somerset, England. Unlike many City Sightseeing tours which are run under frachicse to other operators, this one is run directly by the company themseleves.” वेबसाइट के अनुसार, तस्वीर को 28 जुलाई 2008 को एड्रियन पिंगस्टोन नाम के एक फोटोग्राफर द्वारा खींचा गया था। हमने इन दोनों तस्वीरों की तुलना की, जिसे आप नीचे देख सकते हैं। दोनों तस्वीरें हूबहू एक जैसी हैं, सिर्फ अंबेडकर की तस्वीर का फर्क है। जिससे यह साबित होता है कि बस की तस्वीर के ऊपर एडिटिंग टूल्स की मदद से अंबेडकर की तस्वीर को चिपकाया गया है। हमने इस विषय में एड्रियन पिंगस्टोन के बेटे से संपर्क किया। उनके बेटे जॉन पिंगस्टोन ने हमें कन्फर्म किया, ‘असली तस्वीर 2008 की है, जिसे उनके पिता ने खींचा था। वायरल तस्वीर एडिटेड है।’ उन्होंने हमें बताया कि फोटोग्राफी उनके पिता की हॉबी है पर फिलहाल वे रिटायर हो चुके हैं। ढूंढ़ने पर हमें चिपकायी गयी अंबेडकर की तस्वीर आउटलुक की एक गैलरी में मिली। इसी तस्वीर को बस की तस्वीर के ऊपर एडिट करके चिपकाया गया है। हमने कीवर्ड सर्च की मदद से ढूंढ़ने की कोशिश की कि क्या कोलंबिया की सड़कों पर अंबेडकर की तस्वीर लगी बसें चल रहीं हैं? हमें कहीं भी ऐसी कोई खबर नहीं मिली। आपको बता दें कि अंबेडकर ने अपनी पढ़ाई कोलंबिया विश्वविद्यालय (न्यूयॉर्क) से की थी। अंबेडकर की आत्मकथा ‘वेटिंग फॉर ए वीजा’ कोलंबिया विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में अभी भी शामिल है। इसके अलावा 08 नवंबर 2010 को भारतीय संसद में अपने भाषण में अंबेडकर के बारे में बात करते हुए तत्कालीन अमरीकी राष्ट्रपति ओबामा ने कहा था “just as a Dalit like Dr Ambedkar could lift himself up and pen the words of the Constitution that protects the rights of all Indians, every person can fulfil their god-given potential” जिसका हिंदी अनुवाद होता है “जिस तरह एक दलित डॉ अंबेडकर ने खुद को इस लायक बनाया कि भारतीयों के अधिकारों की रक्षा के लिए इस देश का संविधान रचा, हर व्यक्ति अपने आप को इस लायक बना सकता है।” इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर कई लोग शेयर कर रहे हैं। इन्हीं में से एक है Mayur Khobragade नाम का फेसबुक यूजर। यूजर महारष्ट्र का रहने वाला है। इस यूजर के फेसबुक पर 4,997 फ़ॉलोअर्स हैं। निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा सही नहीं है। ये तस्वीर एडिटेड है। असली तस्वीर 2008 की है, जिसमें बस के ऊपर भीमराव अंबेडकर और उनकी पत्नी की तस्वीर नहीं लगी थी। - Claim Review : कोलंबिया (अमेरिका) की सड़कों पर दौड़ती सिटी बस पर बाबासाहब का चित्र यह असली सम्मान है - Claimed By : Mayur Khobragade - Fact Check : झूठ पूरा सच जानें... किसी सूचना या अफवाह पर संदेह हो तो हमें बताएं सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी मैसेज या अफवाह पर संदेह है जिसका असर समाज, देश और आप पर हो सकता है तो हमें बताएं। आप हमें नीचे दिए गए किसी भी माध्यम के जरिए जानकारी भेज सकते हैं...
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