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| - Last Updated on अप्रैल 1, 2024 by Neelam Singh
सारांश
फेसबुक पर जारी सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए दावा किया जा रहा है कि दिल्ली के कई सरकारी अस्पतालों एवं मोहल्ला क्लिनिक में मुफ़्त दवा और मुफ़्त टेस्ट की समस्या हो रही है। जब हमने इस पोस्ट का तथ्य जाँच किया तब पाया कि यह दावा अधिकतर गलत है।
दावा
फेसबुक पर जारी सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए दावा किया जा रहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ईडी की हिरासत से ही अनेक आदेश दिए हैं, जिसमें दिल्ली के कई सरकारी अस्पतालों एवं मोहल्ला क्लिनिक में मुफ़्त दवा और मुफ़्त टेस्ट देने के आदेश शामिल हैं।
तथ्य जाँच
मोहल्ला क्लिनिक क्या है?
दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिक को साल 2015 में सर्वप्रथम पीरागढ़ी में खोला गया था। आम आदमी पार्टी के कार्यकाल के पहले वर्ष के दौरान लोगों के दरवाजे तक साधारण बीमारियों के निदान और उपचार को पहुंचाने के लिए ये क्लीनिक शुरू किए गए थे।
क्या मोहल्ला क्लीनिक में सभी इलाज एवं दवाएं मुफ्त है?
मोहल्ला क्लीनिक में लोगों को मुफ्त परामर्श, मुफ्त दवा और मुफ्त निदान, मुफ्त पैथोलॉजिकल जाँच की जाती है लेकिन यह बात ध्यान देने योग्य है कि यहां केवल प्राथमिक उपचार ही किए जाते हैं। ऐसे में अगर किसी की हालत गंभीर है, तो उसका उपचार या इलाज मोहल्ला क्लीनिक में नहीं हो सकता। यह बात दावाकर्ता ने अपने पोस्ट के साथ नहीं लिखी है, जिससे साफ पता चलता है कि दावाकर्ता ने संपूर्ण जानकारी के अभाव में यह दावा किया है।
क्या दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज और जाँच की सुविधा है?
नहीं। दावाकर्ता ने अपने पोस्ट के जरिए यह भी कहा है कि दिल्ली के कई सरकारी अस्पतालों और मोहल्ला क्लिनिक में मुफ़्त दवा और मुफ़्त टेस्ट की समस्या हो रही है, जबकि ऐसा हरगिज नहीं है। पहली बात, दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में इलाज मुफ्त न होकर subsidised दरों पर किया जाता है हालाँकि सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज या मुफ्त जाँच को लेकर भी कोई ठोस जानकारी नहीं है। दूसरी तरफ, “दिल्ली आरोग्य कोष” (DAK) के तहत जिन लोगों की सालाना आय 3 लाख रुपये है, उन्हें सरकारी अस्पताल में इलाज कराने के लिए 5 लाख की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
क्या केजरीवाल द्वारा ऐसा कोई आदेश दिया गया है?
दिल्ली के सीएम ने ऐसे आदेश जारी किए हैं या नहीं, अभी यह बात स्पष्ट ही नहीं हुई है क्योंकि ईडी का कहना है कि केंद्रीय एजेंसी जांच कर रही है कि क्या हिरासत में रहते हुए किसी मुख्यमंत्री द्वारा ऐसे निर्देश जारी करना PMLA कोर्ट की ओर से दिए गए आदेश के दायरे में आता है या नहीं? क्या हिरासत में रहने के दौरान अरविंद केजरीवाल जरूरी सरकारी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कर सकते हैं? चूंकि वे अभी जेल में हैं इसलिए उन्हें जेल मैनुअल का पालन करना होगा। उन्हें जेल में पेन या पेपर नहीं दिया जा सकता।
इस तरह के दावे क्या दर्शाते हैं?
देखा जाए, तो आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर इस तरह के दावे और दावाकर्ता अनेक भ्रामक बातें फैलाने का काम करते हैं, जिसमें ना संपूर्ण जानकारी होती है और ना ही कोई तर्कसंगत बातें बल्कि इसे केवल लोगों को गुमराह करने के लिए औरसंवेदना बटोरने के लिए साझा किया जाता है।
अतः उपरोक्त तथ्यों के आधार पर कहा जा सकता है कि यह दावा अधिकतर गलत है क्योंकि इसमें आधिकारिक जानकारी का अभाव है साथ ही तथ्यात्मक बातों की भी कमी है। हमने पहले भी इस तरह के पोस्ट्स का तथ्य जाँच किया है, जिसे आप यहां पढ़ सकते हैं।
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