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  • नोट: वीडियो के हिंसक ग्राफ़िक को देखते हुए, इस स्टोरी में सिर्फ स्क्रीनशॉट का इस्तेमाल किया गया है. सोशल मीडिया पर एक मार्मिक वीडियो वायरल है जिसमें चार व्यक्ति एक बैल को बेरहमी से पीट रहे हैं. इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि ये बांग्लादेश में इंटरनेशनल सोसाइटी फ़ॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) के गौशाला वीडियो है. कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने ये भी आरोप लगाया है कि मुसलमान देश में अल्पसंख्यक हिंदू आबादी को भड़काने के लिए इस जानवर पर क्रूरता कर रहे हैं. ये क्लिप ऐसे समय पर शेयर की जा रही है, जब पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों पर किए जा रहे हमले सुर्खियों में हैं. बांग्लादेश में अशांति, जो पूर्व बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ रैलियों से शुरू हुई थी, मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में नई सरकार बनने के बाद भी कम नहीं हुई है. 6 दिसंबर को X यूज़र ‘मिस्टर नेशनलिस्ट’ (@MrNationalistJJ) ने वायरल वीडियो शेयर करते हुए दावा किया कि ये वीडियो इस्कॉन बांग्लादेश का है. ये आर्टिकल लिखे जाने तक, इस पोस्ट को 65 हज़ार से ज़्यादा बार देखा गया है. (आर्काइव) इसी वीडियो को वेरिफ़ाईड यूज़र सुदानशु त्रिवेदी (@Sudanshutrivedi) ने भी शेयर किया. ये फ़ैक्ट-चेक रिपोर्ट लिखे जाने तक इसे लगभग 800 बार री-ट्वीट किया गया है, साथ ही इसे 50 हज़ार से ज़्यादा बार देखा गया है. (आर्काइव) एक और X यूज़र @ocjain4 ने भी ये वीडियो शेयर किया है. साथ में कैप्शन में ये आरोप लगाया गया है कि ‘जिहादी’ इस्कॉन की गौशाला में पाली जाने वाली गायों को पीट रहे हैं. बाद में ये पोस्ट डिलीट कर दी गई. (आर्काइव) गौरतलब है कि ऑल्ट न्यूज़ ने पहले भी इस यूज़र द्वारा किए गए कई वायरल दावों की पड़ताल की है. (यहां, यहां और यहां देखें.) ज़ल्द ही, X पर कुछ अन्य अकाउंट, जैसे सम्राट वर्मा (@samrat_verma72) और गीता पटेल (@geetappoo) ने भी यही दावा किया. सम्राट वर्मा के ट्वीट में हैशटैग था ‘Save Bangladeshi Cows’ (बांग्लादेशी गायों को बचाओ). (आर्काइव: लिंक 1, लिंक 2) This slideshow requires JavaScript. ये पोस्ट फ़ेसबुक पर भी इसी दावे के साथ वायरल हुई. ऑल्ट न्यूज़ को अपने व्हाट्सऐप हेल्पलाइन नंबर (7600011160) पर इस वीडियो की सच्चाई जानने के लिए कई रिक्वेस्ट मिलीं. This slideshow requires JavaScript. फ़ैक्ट-चेक इस दावे की सच्चाई की जानने के लिए, ऑल्ट न्यूज़ ने सबसे पहले वायरल क्लिप के एक फ़्रेम को रिवर्स इमेज सर्च किया जिससे हमें 21 नवंबर को यूट्यूब पर अपलोड किया गया ये वीडियो मिला. ये वीडियो वायरल दावे के साथ पोस्ट किये जा रहे वीडियो जैसा ही है. यूट्यूब वीडियो के कैप्शन में बताया गया है कि ये फ़ुटेज पंजाब के जालंधर के एक डेयरी फ़ार्म का है. साथ ही दर्शकों से पंजाब सरकार के प्रतिनिधियों को टैग करने और मामले को उनके ध्यान में लाने का आग्रह किया गया है. हमें 19 नवंबर को यूज़र @faisalbaig3102 का एक और ट्वीट मिला जिसमें संबंधित अधिकारियों से वीडियो में अपराधियों की पहचान करने और उन्हें सजा देने करने का आग्रह किया गया था. PETA इंडिया (@PetaIndia) ने भी वीडियो पर ध्यान दिया और इस पर प्रतिक्रिया दी. बेज़ुबान की बेरहमी से पिटाई..क्रूर चेहरों को पहचाने और सज़ा दिलवाए… @PMOIndia @AwbiBallabhgarh @LalanSingh_1 @Lko_VivekSharma @_Sweet_Parul_ @JaikyYadav16 @PetaIndia @saif35748 @Aakashvermacomm @SANTOSH64705609 @JournalistShar7 pic.twitter.com/S20pK0LCAP — Journalist Faisal🇮🇳 (@faisalbaig3102) November 19, 2024 PETA ने लिखा: “सदर पुलिस स्टेशन द्वारा पहले ही भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 325 और पशु क्रूरता निवारण (पीसीए) अधिनियम की धारा 11 के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है. हम एफआईआर में गोहत्या निषेध अधिनियम, 1955 के प्रावधानों को शामिल करने के लिए पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) के साथ बात कर रहे हैं.” आगे की पुष्टि के लिए, ऑल्ट न्यूज़ ने की-वर्ड्स सर्च किया जिससे हमें 20 नवंबर की द ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट मिली. इसमें कहा गया है कि निवासियों और पशु संरक्षण फ़ाउंडेशन ने विरोध प्रदर्शन किया था और वायरल वीडियो में अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज़ कराई थी. इस शिकायत के बाद एक प्राथमिकी दर्ज़ की गई और पशु संरक्षण फ़ाउंडेशन के फ़ेसबुक पेज पर 18 नवंबर को FIR की एक कॉपी के साथ एक पोस्ट किया गया. FIR finally registered on Gau🐄Vansh cruelty case. Little efforts by Shrist Bakshi(Yuvi Singh) from Animal Protection… Posted by Animal Protection Foundation on Monday 18 November 2024 कुल मिलाकर, ऑल्ट न्यूज़ की जांच में पाया गया कि बैल को पीटते हुए लोगों का वायरल वीडियो बांग्लादेश का नहीं बल्कि पंजाब के जालंधर के एक डेयरी फ़ार्म का है. सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें. बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.
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