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| - Last Updated on जनवरी 17, 2025 by Neelam Singh
दावा
फेसबुक पर जारी एक वीडियो पोस्ट के जरिए दावा किया जा रहा है कि सिर्फ 14 दिनों में आंखों की रौशनी वापस आ सकती है। जब हमने इस पोस्ट का तथ्य जाँच किया तब पाया कि यह दावा बिल्कुल गलत है।
सारांश
फेसबुक पर जारी एक वीडियो पोस्ट के जरिए दावा किया जा रहा है कि सिर्फ 14 दिनों में आंखों की रौशनी वापस आ सकती है। यहां आंखों की रौशनी वापस आने का अर्थ अंधेपन का इलाज है। इस वीडियो में जाने-माने न्यूज एंकर रजत शर्मा समेत नेत्र रोग विशेषज्ञ राहिल चौधरी को दिखाया गया है।
तथ्य जाँच
आंखों की रौशनी से सम्बंधित समस्याएं क्या हैं?
अध्ययन बताते हैं कि भारत में नजर से जुड़ी समस्याएं एक बड़ी स्वास्थ्य चिंता हैं। हाल के आंकड़ों के अनुसार, देश में करीब 4.95 मिलियन लोग अंधे हैं और 70 मिलियन लोग किसी ना किसी तरह की नजर की समस्या से जूझ रहे हैं। ऐसे में अंधापन के कारणों पर ध्यान देना भी आवश्यक है। इस विषय पर नेत्र सर्जन डॉ. आफताब आलम, एमबीबीएस, डीओ (नेत्र विज्ञान) बताते हैं कि अंधापन के अनेक कारण हो सकते हैं, जिसमें से निम्नलिखित प्रमुख कारण हैं-
- मोतियाबिंद
- ग्लूकोमा
- मधुमेह (Diabetic retinopathy)
- बढ़ती उम्र (Age-related macular degeneration)
- आनुवांशिकता
- ट्रेकोमा
- Uncorrected refractive error
क्या आंखों की रौशनी ठीक हो सकती है?
आंखों का स्वास्थ्य कई मानकों पर निर्भर करता है। जैसे- दिनचर्या, खानपान, समय-समय पर नेत्र जांच, आनुवांशिकता आदि, लेकिन आंखों की रौशनी वापस आने को लेकर कोई प्रमाण या शोधपत्र मौजूद नहीं हैं।
इस विषय में डॉ. नवीन गुप्ता, डीएनबी (नेत्र विज्ञान) बताते हैं, ”आंखों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा’ और ‘दृष्टि में सुधार कर सकता है’ के बीच अंतर है। ज्यादातर लोग इन दोनों के बीच भ्रमित हो जाते हैं। बादाम में विटामिन ई प्रचुर मात्रा में होता है, जो उम्र से संबंधित मैक्यूलर डीजनरेशन (एएमडी) या मोतियाबिंद जैसी आंखों की कुछ बीमारियों को कम करने में मदद कर सकता है, लेकिन आंखों की रौशनी बढ़ाने का मतलब है कि चश्मे का नंबर कम किया जा सकता है, तो इसका कोई संबंध नहीं है।”
क्या फेसबुक पर जारी वीडियो में सच्चाई है?
बिल्कुल नहीं क्योंकि इस वीडियो को AI की मदद से बनाया गया है, जिस तकनीक को Deep Fake कहा जाता है। इस वीडियो में जाने-माने न्यूज एंकर रजत शर्मा और नेत्र रोग विशेषज्ञ राहिल चौधरी के वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई है।
रजत शर्मा ने स्वयं इसकी जानकारी 4 दिसंबर 2024 को अपने आधिकारिक X अकाउंट के जरिए जानकारी दी है
वहीं नेत्र रोग विशेषज्ञ राहिल चौधरी का असली वीडियो पोडकास्ट का है, जहां उन्होंने आंखों के स्वास्थ्य के बारे में विभिन्न तरह की जानकारी साझा की है। यह वीडियो युट्युब पर 24 मार्च 2024 को पोस्ट किया गया है।
क्या है फेसबुक पेज की सच्चाई?
आपको बता दें कि जिस फेसबुक पेज इस वीडियो को साझा किया गया है, उसका नाम Calcitelibelants है। इस पेज की लोकेशन Kyiv, Ukraine की दी गई है। वहीं इसके पेज पर Recreation and sport website लिखा है। इसके अलावा इस पेज पर अनेक जगहों की तस्वीरे दी गई हैं, जिससे प्रथम दृष्टि में ही यह पेज भ्रामक लगता है। इसके अलावा वीडियो के साथ जिस लिंक को दिया गया है, जो खुल नहीं रहा- यानी कि लिंक CLICK BAIT है। साथ ही वीडियो को पोस्ट करने वाले दिन ही हटाने की बात कही गई है, जिससे यह साफ है कि इसका मकसद लोगों के बीच भ्रम और हड़बड़ी उत्पन्न करना है। इसके अलावा पूरी वीडियो भी उपलब्ध नहीं है क्योंकि 1:33 मिनट के बाद वीडियो रुक जाती है और किसी कार्टून की तस्वीर आ जाती है।
इस तरह के भ्रामक दावों से नागरिकों को क्या नुकसान होता है?
सेवा फाउंडेशन ने हाल ही में “भारत में अंधेपन की सामाजिक लागत” नाम से एक रिपोर्ट जारी की है। भारत की आबादी लगभग 1.4 बिलियन है और यह एक बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश है। सरकार ने अगले दस साल में देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) को 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य रखा है लेकिन कई समस्याएं इस योजना में रुकावट डाल सकती हैं। इनमें से एक बड़ी समस्या अंधापन और नजर से जुड़ी परेशानियों की भारी लागत है।
भारत में करीब 34 मिलियन लोग अंधेपन या मध्यम से गंभीर दृष्टि हानि (MSVI) से जूझ रहे हैं। सेवा की रिपोर्ट के मुताबिक, इससे हर साल भारत को 54.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान होता है, जो GDP का 0.6% है। जैसे-जैसे भारत की आबादी उम्रदराज होती जाएगी, यह नुकसान और बढ़ने की संभावना है।
ऐसे में इस तरह के भ्रामक वीडियो के आने से लोग इन पर भरोसा कर सकते हैं, जिससे उनकी आंखों की सेहत समेत मानसिक और शारीरिक सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। यही कारण है कि इस तरह के वीडियो की पड़ताल जरुरी है ताकि लोगों तक सही जानकारी पहुंच सके।
हमने पहले भी इस तरह के दावों की जाँच की है, जिसे आप यहां पढ़ सकते हैं- क्या छः दिनों में आंखों की दृष्टि ठीक हो सकती है? एवं क्या 24 घंटों में घुटनों के दर्द से छुटकारा मिल सकता है.
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