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  • क्या ताहिर हुसैन को आरोपी बनाने के लिए दिल्ली पुलिस ने दंगाईयों को उनके घर भेजा? बूम ने पाया कि तस्वीर को एक बचाव अभियान के वीडियो से लिया गया था जहां पुलिस लोगों को इमारत से उतरने में सहायता कर रही है। पिछले हफ्ते उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के दौरान निवासियों की मदद करते हुए दिल्ली पुलिस कर्मियों की एक तस्वीर ग़लत दावों के साथ वायरल हो रही है। दावा किया जा रहा है कि पुलिस ने दंगाईयों को आम आदमी पार्टी (आप) के पार्षद ताहिर हुसैन के घर में पेट्रोल बम और पत्थर लगाने और घुसने में सहायता की है। तस्वीर में दो पुलिस कर्मियों को एक इमारत के ऊपर खड़े हुए देखा जा सकता है, जो दो अन्य लोगों को अस्थायी सीढ़ी की मदद से नीचे उतरने में मदद कर रहे हैं। यह भी पढ़ें: दंगा पीड़ितों को राहत राशि देने का वीडियो शाहीन बाग़ को निशाना बनाते हुए वायरल हुआ वायरल हो रही तस्वीर को भ्रामक कैप्शन के साथ शेयर किया जा रहा है, जिसमें कहा गया है कि "दिल्ली पुलिस दंगाईयों को पार्षद ताहिर हुसेन के घर के छत पर चढ़ने के लिये सीढ़ी लगाते हुए ताकि पैट्रोल बॉम्ब,गुलेल,स्टोन रख कर उसे फंसाया जा सके" (Sic) अर्काइव के लिए यहां देखें। फेसबुक पर वायरल हमने इसी कैप्शन के साथ फेसबुक पर खोज की और पाया किय यह तस्वीर फेसबुक पर भी वायरल है। ताहिर हुसैन पर अपने आवास पर असमाजित तत्वों को इकट्ठा करने का आरोप लगाया गया है, जिन्होंने कथित तौर पर गोलीबारी की और दिल्ली दंगों के दौरान छत से पेट्रोल बम फेंकें। हुसैन ने इस बात का खंडन किया है। इंटेलिजेंस ब्यूरो के कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या के मामले में दिल्ली पुलिस ने आप पार्षद के ख़िलाफ एफआईआर भी दर्ज़ की, जिसका शव चांदबाग इलाके के पास एक नाले से निकाला गया था। शर्मा की हत्या के संबंध में दर्ज़ एफआईआर में हुसैन का नाम था। पार्टी ने बाद में उन्हें अपनी प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया। यह भी पढ़ें: मध्यप्रदेश में लड़की की हत्या को 'आप' के ताहिर हुसैन से जोड़कर किया वायरल फ़ैक्टचेक बूम ने एक रिवर्स इमेज सर्च किया और उस घटना का वीडियो पाया, जिसे आप नेता संजय सिंह ने ट्वीट किया था। सिंह ने दंगा पीड़ितों को बचाने के लिए दिल्ली पुलिस की कार्यवाही की सराहना करते हुए 26 फ़रवरी को वीडियो ट्वीट किया था। वीडियो को कैप्शन दिया गया है, "हिंसा ग्रस्त गाँवडी इलाक़े में लोगों की रक्षा करते हुए @DelhiPolice के बहादुर जवान।" सिंह द्वारा ट्वीट किए गए वीडियो में, पुलिस अधिकारियों द्वारा लोगों को बचाने के लिए उन्हें एक सीढ़ी से नीचे उतारने में मदद करते देखा जा सकता है। फुटेज में लोगों को पुलिसकर्मियों की उपस्थिति में निकलने के लिए सीढ़ी का इ्स्तेमाल करते हुए दिखाया गया है। जबकि वायरल तस्वीरों के साथ दावा किया गया है कि सीढ़ी का इस्तेमाल इमारत पर चढ़ने और प्रवेश करने के लिए किया गया था। हिंसा ग्रस्त गाँवडी इलाक़े में लोगों की रक्षा करते हुए @DelhiPolice के बहादुर जवान। pic.twitter.com/Loy9rildLv— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) February 26, 2020 हमें एक अलग कोण से शूट किया गया एक और वीडियो मिला जो वायरल वीडियो में दिखाए गए स्थान जैसा ही प्रतीत होता है। इसे पत्रकार, कमलजीत संधू ने ट्वीट किया था और स्थान की पहचान शास्त्री पार्क के रूप में की थी। वीडियो को कैप्शन के साथ ट्वीट किया गया है, जिसमें लिखा है, "जबकि दिल्ली पुलिस को दिल्ली के साथ हिंसा पर भारी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। यहां दंगों के दौरान 13 लोगों को बचाते हुए पुलिस कर्मियों का वीडियो है। फंसे नागरिकों तक पहुंचने के लिए एक सीढ़ी का इस्तेमाल किया गया। वीडियो 24 फ़रवरी को शास्त्री पार्क, नई दिल्ली में शूट किया गया है। " यह भी पढ़ें: क्या 'आप' ने केवल मुस्लिम दंगा पीड़ितों के लिए मुआवज़े की घोषणा की? While Delhi Police has been facing heavy criticism on its dealing with #DelhiViolence. Here is a video of police personnel rescuing 13 persons during riots. Using a step ladder to reach civilians trapped— kamaljit sandhu (@kamaljitsandhu) February 27, 2020 The video has been shot in Shastri Park, NE Delhi on 24th Feb. pic.twitter.com/5DL51uy6oE 2 मिनट 20 सेकंड के लंबे फुटेज में, लोगों को इमारत से बच कर निकलने के लिए सीढ़ी का इस्तेमाल करते हुए देखा जा सकता है। जय सिंह द्वारा शेयर किए गए फुटेज के समान ही इमारत के पीछे से निकलता धुआं भी दिखा जा सकता है। इसके अलावा, दोनों वीडियो में इमारत की संरचना समान है। लोगों को बचाने के लिए सीढ़ी के साथ पुलिसकर्मियों को छत पर खड़े देखा जा सकता है। दोनों वीडियो में समान छत देखा जा सकता है। बूम वीडियो के स्थान को स्वतंत्र रूप से सत्यापित नहीं कर सका है।
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