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  • मंगलवार, 11 अगस्त की रात को बेंगलुरु में हुई हिंसा में 3 लोगों की मौत हो गयी. उग्र भीड़ ने कांग्रेस विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति के घर पर हमला कर दिया. यह हमला एक फ़ेसबुक पोस्ट के कारण हुआ था. आरोप है कि विधायक श्रीनिवास के भांजे नवीन ने एक धर्म विशेष के खिलाफ़ आपत्तिजनक पोस्ट किया था. प्रदर्शनकारियों ने नेता के घर और डीजी हल्ली एवं केजी हल्ली पुलिस स्टेशन को निशाना बनाया और आगजनी, तोड़फोड़ और पत्थरबाज़ी की. उस रात की घटना के बारे में हिंदुस्तान टाइम्स (एचटी) ने रिपोर्ट करते हुए एक चश्मदीद गवाह के बयान का ब्यौरा देते हुए रिपोर्ट पब्लिश की जिसमें दावा किया गया कि पुलिस पर ‘60,000 लोगों की भीड़’ ने पत्थरबाज़ी की. हिन्दुस्तान टाइम्स ने मौके पर मौजूद शख्स की पहचान शरीफ़ के रूप में की है जो भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस के साथ नागरिक सुरक्षा दल में शामिल था. एचटी ने लिखा, “एक चश्मदीद ने बुधवार को बताया कि मंगलवार रात को बेंगलुरु में हुई हिंसा के दौरान 50,000-60,000 लोगों की भयानक भीड़ थी जिन्होनें तोड़-फोड़ मचाई और पुलिसकर्मियों पर पत्थरबाज़ी की.” हिंदुस्तान टाइम्स ने अब रिपोर्ट में बदलाव कर दिया है लेकिन उसके पीछे कोई कारण या सफ़ाई नहीं दिया. लेकिन संस्थान ने अपनी बांग्ला रिपोर्ट में अभी भी कोई बदलाव नहीं किया है जिसमें भीड़ की संख्या 60,000 लिखी हुई है. अन्य मीडिया रिपोर्ट्स ने भी इस असत्यापित विवरण को बिना किसी आधार के प्रकाशित कर दिया. एक अन्य बांग्ला वेबसाइट कोलकाता ट्रिब्यून ने भी दावा किया कि बेंगलुरु हिंसा में 60,000 लोगों की भीड़ थी. इसी तरह स्वराज्य, द फ़्री प्रेस जर्नल (एफ़पीजे) और ऑप इंडिया ने भी यही रिपोर्ट पब्लिश की. इन सभी प्लेटफ़ॉर्म्स ने हिंदुस्तान टाइम्स को ही सोर्स बताया लेकिन आर्टिकल लिखे जाने तक किसी ने भी अपनी रिपोर्ट्स को अपडेट नहीं किया है. This slideshow requires JavaScript. ’60 हज़ार की भीड़’ का मुख्य स्रोत जिस चश्मदीद की पहचान ऊपर रिपोर्ट में की गयी है, प्रेस ने बुधवार को उसपर सवाल खड़ा किया. एक रिपोर्टर ने शरीफ़ (जो कि डीजी हल्ली पुलिस स्टेशन के नागरिक सुरक्षा दल में शामिल था) से पूछा, “कौन-कौन शामिल था?” शरीफ़ ने जवाब दिया, “हम उन लोगों के नाम नहीं बता सकते.” फिर पूछा गया, “भीड़ कितनी बड़ी थी?” उन्होंने करीब 50,000-60,000 लोगों के होने का दावा करते हुए कहा, “पुलिस विभाग को काफ़ी नुकसान हुआ है….हम पुलिस विभाग से हैं, हमें उनकी मदद करनी होगी. मैं डीजी हल्ली से हूँ, इसलिए यह मेरे मंदिर, मेरे मस्जिद की तरह है,” यह नीचे वीडियो में 28 सेकंड पर देखा जा सकता है. #WATCH Bengaluru: Sharif, belonging to Civil Defence & an eye-witness to DJ Halli Police Station’s vandalisation, comes to record his statement; says, “We’re from Civil Defence & had come to protect Police. It was public’s fault. This (Police Station) is like my temple,my masjid” pic.twitter.com/XeVyaK5Z1O — ANI (@ANI) August 12, 2020 ग्राउंड रिपोर्ट डेक्कन हेरल्ड की रिपोर्ट के अनुसार विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति ने दावा किया कि 4,000 लोगों की भीड़ ने उनके घर पर हमला बोल दिया था. रिपोर्ट में केजी हल्ली पुलिस स्टेशन पर 600 लोगों की भीड़ द्वारा हमले की बात भी की गयी है. वहीं मिरर नाउ ने मूर्ति के निवास के बाहर 1,500 लोग होने की बात रिपोर्ट की. जो भी न्यूज़ रिपोर्ट्स ऑल्ट न्यूज़ को मिलीं, उनमें से किसी के भी आंकड़े, 60,000 के आस-पास भी नहीं थे. द क्विंट के कर्नाटक ब्यूरो चीफ़ अरुण देव ने ऑल्ट न्यूज़ को बताया, “वहां दो हमले हुए. एक तो डीजी हल्ली में, जो केजी हल्ली तक फैल गया. और दूसरा, कांग्रेस विधायक मूर्ति और उनके भांजे के घर पर जिसने फेसबुक पोस्ट किया था. उनके घर एक-दूसरे से करीब 800 मीटर की दूरी पर हैं.” देव ने अगले दिन ही द क्विंट की अपनी रिपोर्ट में मंगलवार को हुई घटना का क्रोनोलॉजिकल ब्यौरा दिया है. उनकी रिपोर्ट के अनुसार, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ़ इंडिया (SPDI) नेता मुज़म्मिल पाशा शाम 7:45 बजे नवीन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने डीजी हल्ली पुलिस स्टेशन गए. पाशा के साथ 150 लोग और गए थे. पुलिस ने एफ़आईआर दर्ज कर ली लेकिन गिरफ़्तारी होनी बाकी थी. इसी वजह से भीड़ उग्र हो गयी और हिंसा पर उतर आई. यह भीड़ रात 10:30 बजे तक 800 लोगों की हो चुकी थी और इसने डीजी हल्ली पुलिस स्टेशन पर हमला कर दिया. देव के अनुसार, “ये संख्या पुलिस की दी हुई है. स्थानीय निवासियों के अनुसार उस जगह पर 1000 लोग जमा हो गए थे.” भीड़ के बनिस्बत खुद को संख्या में कम देख पुलिसवालों ने आंसू गैस के गोले फेंक कर अपना बचाव करने की कोशिश की. आधी रात के आस-पास पुलिस ने पहले हवा में, फिर लोगों पर फ़ायर किया. एक व्यक्ति की मौके पर ही जान चली गयी और दो लोग घायल हुए जिनकी बाद में मौत हो गयी.” डीजी हल्ली पुलिस स्टेशन की भीड़ का एक भाग केजी हल्ली पुलिस स्टेशन की तरफ गया जहां अन्य लोग उसमें शामिल हुए. द न्यूज़ मिनट के प्रज्वल भट, जो हिंसा के समय मौके पर ही रिपोर्टिंग कर रहे थे, ने भी ऑल्ट न्यूज़ को यही वृतांत बताया. उन्होंने भी भीड़ की संख्या 2000 के करीब बताई. सीएनएन न्यूज़18 के डीपी सतीश ने भी यही आंकड़ा बताया. द न्यूज़ मिनट की 12 अगस्त की प्रज्ज्वल भट द्वारा लिखी रिपोर्ट में बताया है कि पुलिस ने दावा किया कि डीजी हल्ली पुलिस स्टेशन के बाहर 1,500 से ज्यादा लोगों की भीड़ थी. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि नवीन के घर के आगे 200 से अधिक लोग जमा हुए थे. कुल मिलाकर ये कहा जा सकता है कि हिंदुस्तान टाइम्स ने इस घटना से जुड़े ग़लत तथ्यों को अपनी रिपोर्ट में शामिल किया. जहां एक तरफ एचटी ने अपनी रिपोर्ट में बदलाव कर लिया है वहीं इस गलत आंकड़े को कई अन्य संस्थानों ने पब्लिश कर दिया है. रिपोर्ट्स इंग्लिश, हिंदी और बांग्ला में बिना किसी वेरिफ़िकेशन या सत्यापन के प्रकाशित कर दी गईं. इस समय, जब कई सोशल मीडिया पोस्ट हिंसा को जन्म दे देते हैं, गलत और बिना पुष्टि के छापी गयीं रिपोर्ट्स बहुत भयानक नतीजे दे सकती हैं. [Update: Hindustan Times altered its Bangla report after this fact-check was published. However, the report does not carry any clarification for removing the ‘60,000’ figure.] सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें. बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.
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