About: http://data.cimple.eu/claim-review/c3e70af4f2e84c18885506b1dabf068aff5b9906e247662d9fc32840     Goto   Sponge   NotDistinct   Permalink

An Entity of Type : schema:ClaimReview, within Data Space : data.cimple.eu associated with source document(s)

AttributesValues
rdf:type
http://data.cimple...lizedReviewRating
schema:url
schema:text
  • Fact Check: राजस्थान सरकार ने कुम्भलगढ़ किले में मुस्लिम धर्म सम्मेलन की नहीं दी अनुमति, फर्जी दावा वायरल विश्वास न्यूज की जांच में वायरल दावा फर्जी साबित हुआ। कुम्भलगढ़ किले में कार्यक्रम के लिए गहलोत सरकार अनुमति देने के लिए अधिकृत नहीं है। ये किला भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग के अंतर्गत आता है और यहां आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के लिए वही इजाजत देता है। - By: Jyoti Kumari - Published: Oct 6, 2022 at 02:51 PM - Updated: Nov 23, 2022 at 10:17 AM नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर राजस्थान के कुम्भलगढ़ किले से जुड़ी एक पोस्ट वायरल हो रही है। पोस्ट को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि राजस्थान के कुम्भलगढ़ किले में राज्य की कांग्रेस सरकार ने मुस्लिम समुदाय को इज्तिमा (धार्मिक कार्यक्रम) करने की इजाजत दी है। सोशल मीडिया यूजर्स इसे सच मानते हुए शेयर कर रहे हैं। विश्वास न्यूज की जांच में वायरल दावा फर्जी साबित हुआ। कुम्भलगढ़ किले में कार्यक्रम के लिए गहलोत सरकार अनुमति देने के लिए अधिकृत नहीं है। ये किला भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग के अंतर्गत आता है और यहां आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के लिए वही इजाजत देता है। क्या है वायरल पोस्ट में ? फेसबुक यूजर Laxmi Path ने 23 सितंबर को वायरल पोस्ट को शेयर किया है। पोस्ट के साथ लिखा है,’ जिन हिन्दुओं ने राजस्थान में कांग्रेस को वोट दिए थे उनको कांग्रेस नायाब तोहफा दे रही है। ख़ुशी से स्वीकार करना ( अब मेवाड़ की शान कुम्भलगढ़ दुर्ग में नमाज पढ़ी जाएगी ) जो अकबर न कर सका वो अशोक गहलोत ने कर दिखाया। राजस्थान सरकार ने महाराणा प्रताप के कुम्भलगढ़ किले में इज्तिमा की इजाजत प्रदान की… कांग्रेस है तो मुमकिन है , हिन्दू संस्कृति का नाश” सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स ने इस पोस्ट को समान और मिलते-जुलते दावों के साथ शेयर किया है। फेसबुक पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों लिखा गया है। इसके आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है। पड़ताल वायरल स्क्रीनशॉट की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल ओपन सर्च का इस्तेमाल किया। हमने संबंधित कीवर्ड से गूगल पर सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी कोई विश्वसनीय मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली। पर हमें कई ऐसी रिपोर्ट्स मिली, जिसमें सोशल मीडिया पर वायरल मैसेज को फर्जी बताया गया था। newsd.in की वेबसाइट पर 16 मार्च 2019 को प्रकशित खबर में वायरल दावे से जुड़ी खबर को पढ़ा जा सकता है। पड़ताल में हमें पता चला कि कुम्भलगढ़ किला राजस्थान के राजसमंद जिले में स्थित है और साल 2013 में कुम्भलगढ़ किले को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित किया गया था। अब यह किला भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अंतर्गत आता है। इसलिए यहां होने वाले किसी भी आयोजन की अनुमति देने का अधिकार राज्य सरकार के पास नहीं है। इसलिए राजस्थान सरकार की तरफ से ऐसा कोई आदेश दिया हो, यह मुमकिन नहीं है। वायरल दावे के बारे में अधिक जानकारी के लिए हमने दैनिक जागरण के उदयपुर के पत्रकार सुभाष शर्मा से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, ‘वायरल दावा गलत है। पहले भी कई बार यह दावा वायरल हो चुका है। सुभाष शर्मा ने हमें बताया कि कुम्भलगढ़ स्टेट गवर्नमेंट के नहीं, सेंट्रल आर्कियोलॉजी डिपार्टमेंट के अधीन है। यह फर्जी खबर है।’ वायरल दावे के बारे में हमने आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया में कार्यरत प्रवीन सिंह से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। ऐसा कोई भी आदेश सरकार द्वारा नहीं दिया जा सकता है। इससे पहले भी यह दावा सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, तब विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में इसे गलत पाया था। विश्वास न्यूज की इस फैक्ट चेक स्टोरी को यहां पढ़ा जा सकता है। पड़ताल के अंत में हमने गलत दावे को शेयर करने वाले यूजर की जांच की। जांच में पता चला कि यूजर राजस्थान का रहने वाला है। फेसबुक पर यूजर के 906 फ्रेंड्स है और 31 लोग यूजर को फॉलो करते हैं। निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की जांच में वायरल दावा फर्जी साबित हुआ। कुम्भलगढ़ किले में कार्यक्रम के लिए गहलोत सरकार अनुमति देने के लिए अधिकृत नहीं है। ये किला भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग के अंतर्गत आता है और यहां आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के लिए वही इजाजत देता है। - Claim Review : राजस्थान सरकार ने कुम्भलगढ़ किले में इज्तिमा की इजाजत दी। - Claimed By : फेसबुक यूजर- Laxmi Path - Fact Check : झूठ पूरा सच जानें... किसी सूचना या अफवाह पर संदेह हो तो हमें बताएं सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी मैसेज या अफवाह पर संदेह है जिसका असर समाज, देश और आप पर हो सकता है तो हमें बताएं। आप हमें नीचे दिए गए किसी भी माध्यम के जरिए जानकारी भेज सकते हैं...
schema:mentions
schema:reviewRating
schema:author
schema:datePublished
schema:inLanguage
  • English
schema:itemReviewed
Faceted Search & Find service v1.16.115 as of Oct 09 2023


Alternative Linked Data Documents: ODE     Content Formats:   [cxml] [csv]     RDF   [text] [turtle] [ld+json] [rdf+json] [rdf+xml]     ODATA   [atom+xml] [odata+json]     Microdata   [microdata+json] [html]    About   
This material is Open Knowledge   W3C Semantic Web Technology [RDF Data] Valid XHTML + RDFa
OpenLink Virtuoso version 07.20.3238 as of Jul 16 2024, on Linux (x86_64-pc-linux-musl), Single-Server Edition (126 GB total memory, 5 GB memory in use)
Data on this page belongs to its respective rights holders.
Virtuoso Faceted Browser Copyright © 2009-2025 OpenLink Software