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| - एंकर - सिद्धार्थ सराठे
कैमरा - ऋभु चटर्जी
वीडियो एडिटर - प्रशांत चौहान
सीनियर एडिटर - अभिलाष मलिक, विकास कुमार
सोशल मीडिया पर दो वीडियो का एक सेट वायरल हो रहा है. इनमें से एक वीडियो में वायनाड से सांसद और कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) टमाटर की बढ़ी कीमतों पर सवाल करते नजर आ रहे हैं. वहीं दूसरे वीडियो में कुछ लोग गाड़ी से फल लेकर बहते हुए पानी में फेंकते देखे जा सकते हैं.
क्या है दावा?: वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में किसान टमाटर फेंक रहे हैं, क्योंकि कांग्रेस सरकार किसानों को अपना उत्पाद बाहर बेचने की अनुमति नहीं दे रही है.
सच क्या है?: पहला वीडियो दिल्ली की आजादपुर सब्जी मंडी का है, न कि बेंगुलुरु का. राहुल गांधी अगस्त के पहले हफ्ते में आजादपुर सब्जी मंडी पहुंचे थे और वहां टमाटर की कीमतों को लेकर व्यापारियों से बात की थी.
वहीं दूसरा वीडियो हिमाचल के शिमला में रोहड़ू का है और इस वीडियो में नदी में सेब बहाते लोग दिख रहे हैं, न कि टमाटर फेंकते.
हिमाचल प्रदेश के स्थानीय पत्रकार ने भी पुष्टि की है कि सेब के ट्रांसपोर्ट का साधन और उचित कीमतें न मिलने के नाराज किसानों ने सेब फेंकने का फैसला किया था.
हमने सच का पता कैसे लगाया?: हमने दोनों वीडियो की अलग-अलग पड़ताल की.
पहला वीडियो?: पहले वीडियो में राहुल गांधी को टमाटर की कीमतों के बारे में बात करते देखा जा सकता है. यहां से क्लू लेकर हमने गूगल पर कीवर्ड सर्च किया, तो इंडियन यूथ कांग्रेस के ऑफिशियल यूट्यूब हैंडल पर हमें एक वीडियो मिला.
7 अगस्त को अपलोड किए गए इस वीडियो के मुताबिक, राहुल गांधी आजादपुर मंडी में फल-सब्जी विक्रेताओं से बातचीत करने पहुंचे थे.
वायरल वीडियो वाला हिस्सा इस वीडियो के 2 मिनट 15वें सेकेंड पर देखा जा सकता है.
राहुल गांधी के इस दौरे से जुड़ी न्यूज रिपोर्ट्स भी हमें मिलीं.
Aaj Tak की रिपोर्ट के मुताबिक, राहुल गांधी सुबह 4 बजे आजादपुर मंडी पहुंचे और उन्होंने वहां सब्जी विक्रेताओं से बाचचीत की.
साफ है कि पहला वीडियो बेंगलुरु का नहीं है. बल्कि ये वीडियो दिल्ली की आजादपुर सब्जी मंडी का है.
दूसरा वीडियो:
हमने दूसरे वीडियो का स्क्रीनग्रैब लेकर उस पर रिवर्स इमेज सर्च किया. तो हमें क्विंट हिंदी के यूट्यूब हैंडल पर अपलोड किया गया यही वीडियो मिला.
30 जुलाई 2023 को अपलोड किए गए इस वीडियो के डिस्क्रिप्शन के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश के शिमला में भारी बारिश की वजह से हुए भूस्खलन से सड़कें अवरुद्ध हो गईं, जिससे सेब के परिवहन में बाधा उत्पन्न हुई और उत्पादकों को फसल को नालों में फेंकने के लिए मजबूर होना पड़ा.
वीडियो से जुड़ी दूसरी न्यूज रिपोर्ट्स: हमें इस वायरल वीडियो से जुड़ी दूसरी न्यूज रिपोर्ट्स भी मिलीं.
India Today की 30 जुलाई को पब्लिश एक रिपोर्ट में इस वीडियो के बारे में बात की गई थी.
स्टोरी की हेडलाइन का हिंदी अनुवाद इस प्रकार है, ''राहुल गांधी के महंगाई पर तंज पर बीजेपी ने हिमाचल के सेब उत्पादक के वीडियो से दिया जवाब''.
The Statesman की रिपोर्ट के मुताबिक, रोहड़ू में सेब फेंकने का वीडियो वायरल होने के बाद बागवानी और राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने वीडियो का सच पता लगाने के लिए जांच के आदेश दिए थे.
रिपोर्ट में नेगी के हवाले से ये भी लिखा गया था कि सड़क अवरुद्ध होने पर वैकल्पिक मार्ग की सुविधा दी गई थी. उन्होंने कहा था कि सड़क खराब होने की वजह से सेब सड़ने से जुड़ा दावा गलत है.
उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए ये भी कहा था कि लोगों को गुमराह किया जा रहा है.
क्या कहना है स्थानीय रिपोर्टर का?: हमने हिमाचल प्रदेश के स्थानीय पत्रकार अनिल से संपर्क किया, जिन्होंने पुष्टि की कि ये वीडियो नदी में सेब फेंकते लोगों का है.
उन्होंने बताया कि भारी बारिश और बाढ़ से परेशान किसानों ने फसल बाजार तक न पहुंचा पाने की वजह से पानी में बहा दिया.
अनिल ने ये भी बताया कि रोहड़ू की बराल पंचायत के चैणु गांव के एक किसान ने 25 पेटी सी ग्रेड सेब, इसलिए नाले में बहा दिए थे क्योंकि बाजार तक न पहुंचा पाने की वजह से सेब खराब हो गया था.
निष्कर्ष: दो अलग-अलग वीडियो ये दावा करने के लिए शेयर किए जा रहे हैं कि कांग्रेस सरकार ने देश भर में टमाटर की कीमतें बढ़ाने के इरादे से किसानों को टमाटर फेंकने पर मजबूर किया, जबकि हमारी पड़ताल में सामने आया कि वीडियो सेब फेंकने का है न कि टमाटर
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