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  • Fact Check: ICMR के हवाले से लॉक डाउन को लेकर फैलाई जा रही रिपोर्ट फर्जी ICMR की रिपोर्ट के हवाले से देश में लॉकडाउन नहीं होने की स्थिति में 8 लाख से अधिक मरीजों की संख्या होने का दावा करने वाली पोस्ट गलत है। ICMR की तरफ से ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं जारी की गई है।. - By: Abhishek Parashar - Published: Apr 11, 2020 at 05:30 PM - Updated: Apr 24, 2020 at 08:06 PM नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में दावा किया गया है कि अगर प्रधानमंत्री देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा नहीं करते तो 15 अप्रैल तक देश में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या 8 लाख से अधिक हो जाती। वायरल वीडियो में दावा किया गया है कि यह आंकड़े इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की रिसर्च के मुताबिक हैं। विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। ICMR की तरफ से ऐसा कोई आंकड़ा नहीं जारी किया जाता है। क्या है वायरल पोस्ट में? फेसबुक यूजर ‘Chandan Kumar’ ने एक वीडियो को शेयर (आर्काइव लिंक)करते हुए लिखा है, ‘अगर प्रधानमंत्री लॉक डाउन नहीं करते तो क्या होता?’ वीडियो में ICMR के हवाले से कहा गया है, ‘अगर देश में लॉकडाउन का ऐलान नहीं होता तो 15 अप्रैल तक देश में 8.20 लाख केस (कोरोना मरीज) होते।’ पड़ताल देश में कोरोना मरीजों की संख्या और उससे बचाव के लिए किए जा रहे उपायों के बारे में केंद्र सरकार की तरफ से लगातार सूचनाएं अपडेट की जाती हैं। चूंकि, वायरल हो रही रिपोर्ट में ICMR की रिपोर्ट का दावा करते हुए बताया गया था कि अगर लॉकडाउन नहीं होता तो 15 अप्रैल तक देश में कोरोना मरीजों की संख्या 8.2 लाख तक पहुंच जाती। इसलिए विश्वास न्यूज ने इसे लेकर आईसीएमआर से संपर्क किया। आईसीएमआर में रिसर्च मैनेजमेंट, पॉलिसी, प्लानिंग एंड को-ऑर्डिनेशन के हेड और मीडिया को-ऑर्डिनेटर डॉक्टर रजनीकांत से बात की। ICMR के हवाले से वायरल हो रही रिपोर्ट का खंडन करते हुए उन्होंने कहा, ‘आईसीएमआर ऐसी कोई रिपोर्ट पब्लिश नहीं करता है।’ क्या ऐसी रिपोर्ट के सामने आने पर कोई कार्रवाई की जाएगी। इसके बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘यह मीडिया का दायित्व बनता है कि वह किसी भी सूचना को सार्वजनिक करने से पहले उसका फैक्ट चेक करे कि उसमें सच्चाई है भी या नहीं।’ गौरतलब है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या और बचाव के लिए किए जा रहे उपायों के बारे में समय-समय पर जानकारी दी जा रही है। 10 अप्रैल 2020 को स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से किए गए प्रेस कॉन्फ्रेंस में ज्वाइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने भी इसका खंडन किया था। ICMR की इस कथित रिपोर्ट को लेकर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, ‘मैं यह कन्फर्म कर देता हूं कि ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं है।’ नीचे दिए गए वीडियो में इसे 24.26 सेकेंड से 24.52 सेकेंड के फ्रेम में लव अग्रवाल के बयान को सुना जा सकता है। भारत सरकार की तरफ से दिए गए 11 अप्रैल तक के आंकड़ों के मुताबिक, देश में कोरोना से प्रभावित मरीजों की कुल संख्या 7,447 है। 642 मरीजों को ठीक कर उन्हें घर भेजा जा चुका है, जबकि अभी तक इस वायरस से 239 लोगों की मृत्यु हुई है। सर्च में हमें 11 अप्रैल को न्यूज एजेंसी का एक ट्वीट मिला, जिसमें स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल का बयान है। उनके मुताबिक, ‘कोरोना वायरस से लड़ने के लिए लॉक डाउन जरूरी है। अगर इन उपायों का सहारा नहीं लिया जाता तो इस समय मरीजों की संख्या 2 लाख से अधिक होती।’ 11 अप्रैल को स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात को दोहराया गया कि लॉक डाउन नहीं होने की स्थिति में मरीजों की संख्या में होने वाला इजाफा सांख्यिकी विश्लेषण पर आधारित है न कि यह ICMR की कोई स्टडी या रिसर्च है। वायरल पोस्ट शेयर करने वाले फेसबुक यूजर चंदन सिंह बिहार के मुजफ्फरपुर के रहने वाले हैं और उन्हें फेसबुक पर करीब तीन हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं। Disclaimer: कोरोनावायरसफैक्ट डाटाबेस रिकॉर्ड फैक्ट-चेक कोरोना वायरस संक्रमण (COVID-19) की शुरुआत से ही प्रकाशित हो रही है। कोरोना महामारी और इसके परिणाम लगातार सामने आ रहे हैं और जो डाटा शुरू में एक्यूरेट लग रहे थे, उसमें भी काफी बदलाव देखने को मिले हैं। आने वाले समय में इसमें और भी बदलाव होने का चांस है। आप उस तारीख को याद करें जब आपने फैक्ट को शेयर करने से पहले पढ़ा था। न निष्कर्ष: ICMR की रिपोर्ट के हवाले से देश में लॉकडाउन नहीं होने की स्थिति में 8 लाख से अधिक मरीजों की संख्या होने का दावा करने वाली पोस्ट गलत है। ICMR की तरफ से ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं जारी की गई है।. - Claim Review : लॉक डाउन नहीं होता तो 15 अप्रैल तक देश में होते 8 लाख से अधिक मरीज - Claimed By : FB User-Chandan Singh - Fact Check : झूठ पूरा सच जानें... किसी सूचना या अफवाह पर संदेह हो तो हमें बताएं सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी मैसेज या अफवाह पर संदेह है जिसका असर समाज, देश और आप पर हो सकता है तो हमें बताएं। आप हमें नीचे दिए गए किसी भी माध्यम के जरिए जानकारी भेज सकते हैं...
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