About: http://data.cimple.eu/claim-review/d2f3e7da2edd87eafaf4661fa52b7c128af4c338d4439af59473b82a     Goto   Sponge   NotDistinct   Permalink

An Entity of Type : schema:ClaimReview, within Data Space : data.cimple.eu associated with source document(s)

AttributesValues
rdf:type
http://data.cimple...lizedReviewRating
schema:url
schema:text
  • Fact Check: RBI ने नहीं किया विलफुल डिफॉल्टर्स का कर्ज माफ, बैंकों ने बट्टा खाते में डाला है कर्ज आरबीआई की तरफ से देश के शीर्ष विलफुल डिफॉल्टर्स के 68,000 करोड़ रुपये की कर्ज माफी के दावे के साथ वायरल हो पोस्ट गलत है। आरबीआई ने नहीं, बल्कि बैंकों ने विलफुल डिफॉल्टर्स के कर्ज को बट्टा खाते में डाला है, जिसका मतलब कर्ज को माफ किया जाना नहीं है। - By: Abhishek Parashar - Published: May 6, 2020 at 06:31 PM - Updated: Aug 14, 2023 at 02:24 PM नई दिल्ली (विश्वास टीम)। देश के 50 बड़े विलफुल डिफॉल्टर्स की सूची सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने मेहुल चोकसी सहित कई भगोड़ों के 68,607 करोड़ रुपये के कर्ज को माफ कर दिया है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। बकाया कर्ज और उसे बट्टा खाते में डाले जाने का फैसला बैंकों से संबंधित है न कि आरबीआई से। इतना ही नहीं जिन विलफुल डिफॉल्टर्स के कर्ज को बट्टा खाता में डाला गया है, वह कर्ज माफी नहीं है। क्या है वायरल पोस्ट में? फेसबुक यूजर ‘We Support Ravish Kumar’ ने वायरल पोस्ट को शेयर (आर्काइव लिंक) किया हुआ है। इसमें लिखा है, ”RTI में हुआ सनसनीखेज खुलासा। RBI ने मेहुल चोकसी सहित कई भगोड़ों के 68,607 करोड़ रुपये का कर्ज किया माफ। किसके दबाव में डिफॉल्टर्स पर इतना रहम दिखा रही है आरबीआई?” पड़ताल कुछ दिनों पहले सूचना का अधिकार (RTI) के तहत मांगी गई जानकारी देते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने 24 अप्रैल 2020 को देश के 50 विलफुल डिफॉल्टर्स की सूची मुहैया कराई थी, जिनके ऊपर 68,607 करोड़ रुपये का कर्ज है। आरबीआई की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, बैंकों ने इस कर्ज को बट्टा खाते में डाल दिया है। कई न्यूज रिपोर्ट्स में इस आरटीआई से मिली जानकारी का इस्तेमाल किया गया है। वायरल पोस्ट में दावा किया गया है कि RBI ने मेहुल चोकसी समेत कई भगोड़ों के 68,607 करोड़ रुपये के कर्ज को माफ कर दिया। आरबीआई के प्रवक्ता ने विश्वास न्यूज को बताया, ‘यह कहना गलत है कि आरबीआई ने कर्ज को माफ किया। आरबीआई न तो कि किसी गैर सरकारी और गैर बैंकिंग संस्थानों को कर्ज देता है और न ही उसे बट्टा खाते में डालता है। यह काम बैंकों का होता है।’ आरटीआई की तरफ से दी गई जानकारी में इस बात का साफ-साफ उल्लेख भी किया गया है कि दी जा रही जानकारी बैंकों की तरफ से दी गई जानकारी है और इसमें किसी भी गड़बड़ी के लिए आरबीआई जिम्मेदार नहीं होगा। न्यूज सर्च में 29 अप्रैल को ‘हिंदुस्तान’ में प्रकाशित एक रिपोर्ट का लिंक मिला, जिसमें आरबीआई के प्रवक्ता के हवाले से इस मामले में स्पष्टीकरण दिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘आरबीआई न तो किसी को कर्ज देती है और न उसे राइट ऑफ यानी बट्टे खाते में डालने का काम करता है। आरबीआई के प्रवक्ता ने मंगलवार को बताया कि ये काम बैंकों की तरफ से एनपीए (फंसे कर्ज) के लिए प्रावधान के बाद किया जाता है। उन्होंने इस बारे में चल रही खबरों को निराधार बताते हुए कहा कि रिजर्व बैंक किसी भी गैर सरकारी और गैर बैंकिंग संस्थानों को न तो कर्ज देता है और न ही उसे राइट ऑफ करता है।’ प्रवक्ता ने कहा, ‘बैंकों की तरफ से लंबित कर्ज को राइट ऑफ या बट्टा खाते में डाले जाने का मतलब उसकी माफी नहीं है। कर्ज वसूली के बाद यह रकम बैंकों के मुनाफे में शामिल कर ली जाती है।’ 29 अप्रैल को ‘हिंदुस्तान’ में छपी खबर में पूर्व बैंकिंग सचिव राजीव टकरू के मुताबिक, ‘रिजर्व बैंक की आरटीआई को गलत तरीके के समझकर पेश किया जा रहा है। देश में कर्ज के तमाम मामले ऐसे होते हैं जिनकी वसूली मुकदमों और अलग-अलग विभागों की जांच में उलझ जाती है। उनके मुताबिक, इन चीजों में लंबा वक्त लगता है। ऐसे में उस कर्ज को बैंक के खातों में लेकर चलने से वो कारोबार के मुनाफे पर बोझ बन जाता है इसलिए ऐसे कर्ज को अलग खातों में रख दिया जाता है, इसका अर्थ कर्ज माफ कर देना नहीं। जब कर्ज की वसूली हो जाती है तो फिर से बैंक के मुनाफे में उस रकम को शामिल कर लिया जाता है।’ वायरल पोस्ट शेयर करने वाले पेज को फेसबुक पर करीब 55 हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं। निष्कर्ष: आरबीआई की तरफ से देश के शीर्ष विलफुल डिफॉल्टर्स के 68,000 करोड़ रुपये की कर्ज माफी के दावे के साथ वायरल हो पोस्ट गलत है। आरबीआई ने नहीं, बल्कि बैंकों ने विलफुल डिफॉल्टर्स के कर्ज को बट्टा खाते में डाला है, जिसका मतलब कर्ज को माफ किया जाना नहीं है। - Claim Review : आरबीआई ने मेहुल चोकसी सहित कई भगोड़ों के 68,000 करोड़ रुपये का कर्ज किया माफ - Claimed By : FB Page-We Support Ravish Kumar - Fact Check : झूठ पूरा सच जानें... किसी सूचना या अफवाह पर संदेह हो तो हमें बताएं सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी मैसेज या अफवाह पर संदेह है जिसका असर समाज, देश और आप पर हो सकता है तो हमें बताएं। आप हमें नीचे दिए गए किसी भी माध्यम के जरिए जानकारी भेज सकते हैं...
schema:mentions
schema:reviewRating
schema:author
schema:datePublished
schema:inLanguage
  • English
schema:itemReviewed
Faceted Search & Find service v1.16.115 as of Oct 09 2023


Alternative Linked Data Documents: ODE     Content Formats:   [cxml] [csv]     RDF   [text] [turtle] [ld+json] [rdf+json] [rdf+xml]     ODATA   [atom+xml] [odata+json]     Microdata   [microdata+json] [html]    About   
This material is Open Knowledge   W3C Semantic Web Technology [RDF Data] Valid XHTML + RDFa
OpenLink Virtuoso version 07.20.3238 as of Jul 16 2024, on Linux (x86_64-pc-linux-musl), Single-Server Edition (126 GB total memory, 5 GB memory in use)
Data on this page belongs to its respective rights holders.
Virtuoso Faceted Browser Copyright © 2009-2025 OpenLink Software