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Fact Check
सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया गया कि हरियाणा के ज्योतिसर में गीता उपदेश स्थली पर मुस्लिमों ने मज़ार बना दी है। वीडियो में एक व्यक्ति गीता उपदेश स्थली के पास मौजूद एक ढांचे पर रखी चादर पर लिखे हुए ‘जय पीर बाबा दी’ और ‘786’ को दिखाकर दावा कर रहा है कि यहां कुछ मुसलमानों ने हिंदुओं के पूजनीय स्थल को कब्जा करने का प्रयास किया है। बता दें, ज्योतिसर स्थित ‘गीता उपदेश स्थली’ के बारे में ऐसा माना जाता है कि महाभारत युद्ध के वक्त इसी जगह पर भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था।
फेसबुक पर Jai Bhageshwar Dham नामक एक यूजर ने वायरल वीडियो शेयर करते हुए गीता उपदेश स्थली पर मजार बनाए जाने का दावा किया।
इसके अलावा कई ट्विटर यूजर्स ने भी इस वीडियो को शेयर कर गीता उपदेश स्थली पर मजार बनाए जाने का दावा किया है।
ट्वीट का आर्काइव लिंक यहां देखा जा सकता है।
दरअसल, पिछले दिनों देश के कई हिस्सों से सार्वजनिक स्थानों पर मौजूद धार्मिक स्थलों को हटाने के मामले सामने आए हैं। बीते दिनों रेलवे के उत्तर मध्य जोन ने रेलवे की भूमि से अतिक्रमण हटाने की कोशिश के तहत यूपी के आगरा में स्थित भूरे शाह बाबा की मजार और चामुंडा देवी मंदिर को नोटिस जारी किये थे। दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक. बीते दिनों हरियाणा के भिवानी में मजार तोड़कर हनुमान की प्रतिमा स्थापित करने का मामला सामने आया था। पुलिस ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए थे।
इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया गया कि हरियाणा के ज्योतिसर स्थित गीता उपदेश स्थली पर मुस्लिमों ने मज़ार बना दी है।
गूगल पर ‘कुरुक्षेत्र ज्योतिसर मजार’ कीवर्ड सर्च करने पर दैनिक भास्कर द्वारा 11 मई 2022 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के अनुसार, कुरुक्षेत्र स्थित ज्योतिसर तीर्थ के गीता उपदेश स्थली पर मौजूद पितरों के भोरखों पर किसी ने नीली चादर डाल दी। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद विवाद काफी बढ़ गया। बतौर रिपोर्ट, गीता उपदेश स्थली पर भोरखे का निर्माण करने वाले परिवार का कहना है कि यहां भोरखे (हिंदुओं के पितरों का पूजा स्थल) उनके पूर्वजों के द्वारा बनवाए गए थे, जहां उनका भी दीपक जलाया जाता है। परिवार ने कहा कि यहां किसी दूसरे समाज का पीर नहीं बनाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस जगह पर किसी ने नीला कपड़ा डालकर इसे एक समुदाय विशेष का पीर बनाने की हरकत की है।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, परिवार ने खुद ही तीर्थ से इन्हें हटाकर दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया है।
पड़ताल के दौरान हमने ज्योतिसर पुलिस चौकी प्रभारी राम स्नेही से संपर्क किया। उन्होंने बताया, “ज्योतिसर स्थित गीता उपदेश स्थली पर मजार बनाए जाने का दावा पूरी तरह फेक है। जिस स्थान को लेकर विवाद हो रहा है वह मुसलमानों का नहीं है बल्कि पंडितों के भोरखे का है। ये दीवाली के दिन अमावस्या पर साल में एक बार पूजे जाते हैं। किसी शरारती तत्व ने वहां चादर डाल दी थी। जिन पंडितों के पितरों के स्थान वहां थे, उन्होंने अपने स्थान वहां से उठाकर अपने खेतों में शिफ्ट कर दिए हैं। अभी इस मामले में जांच चल रही है कि किसने ये शरारत की थी। इस मामले में अभी कोई कार्रवाही नहीं हुई है।”
हमें इंटरनेट पर मौजूद एक वेबसाइट की मदद से पता चला कि ज्योतिसर तीर्थ के बाहर एक फोटो स्टूडियो भी है। हमें उस वेबसाइट पर उस स्टुडियो संचालक का नंबर मिला। Newchecker ने ज्योतिसर स्थित गीता उपदेश स्थली के बाहर फोटो-स्टूडियो की दुकान चला रहे राकेश राणा से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “गीता उपदेश स्थली के प्रांगण में कोई मजार नहीं बनाई गई है। कुछ रोज़ पहले किसी ने हिंदुओं के बने भोरखे पर चादर डाल दी थी। जिसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया। विवाद बढ़ता देख जिस परिवार का भोरखा वहां था, उन्होंने उसे अपने खेतों में शिफ्ट कर दिया।”
हमारे आग्रह पर राकेश राणा ने गीता उपदेश स्थली की मौजूदा तस्वीर भी भेजी है। हमने वायरल वीडियो के एक फ्रेम और राकेश राणा द्वारा भेजी गई तस्वीर का तुलनात्मक विश्लेषण किया, जिससे स्पष्ट तौर पर समझा जा सकता है कि वहां पर कोई मज़ार नहीं है।
बायीं तरफ मौजूद तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो से ली गई है, जिसमें भोरखे पर चढ़ी चादर को देखा जा सकता है। वहीं, दायीं तरफ मौजूद तस्वीर हमें गीता उपदेश स्थली के बाहर अपनी दुकान लगाने वाले राकेश राणा ने आज क्लिक करके भेजी है।
इस मामले पर हमें बीबीसी द्वारा 13 मई 2022 को प्रकाशित एक रिपोर्ट प्राप्त हुई। बीबीसी ने भी ग्राउंड पर तफ्तीश की और बताया कि वहां कोई मजार नहीं बनाई गई है और सोशल मीडिया पर जो दावा किया जा रहा है वो भ्रामक है।
इस तरह हमारी पड़ताल में स्पष्ट है कि हरियाणा के ज्योतिसर में स्थित गीता उपदेश स्थली पर मुस्लिमों ने मज़ार बना दी है, दावा भ्रामक है। वहां कोई मज़ार नहीं बनाई गई है। वहां हिंदू परिवारों के भोरखे थे, जिस पर किसी शरारती तत्व ने चादर डाल दी थी।
Our Sources
Report Published by Dainik Bhaskar on May 11, 2022
Telephonic Conversation with Jyotisar Police station SI Ram Snehi on May 13, 2022
Telephonic Conversation with Shopkeeper near Jyotisar on May 13, 2022
Report Published by BBC on May 13, 2022
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