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Fact Check
सोशल मीडिया पर एक लड़के की ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर काफी वायरल है। दावा किया गया है कि यह जापान में हुए दूसरे विश्वयुद्ध के समय की तस्वीर है, जहां एक लड़का अपनी पीठ पर अपने भाई के शव को लेकर खड़ा है। कहा जा रहा कि इस दौरान उस लड़के की वहां खड़े एक सैनिक से बातचीत हुई थी, जिसका मार्मिक प्रसंग इस फोटो के साथ शेयर किया जा रहा है।
दावे की सत्यता जानने के लिए हमने वायरल तस्वीर को रिवर्स सर्च किया। हमें यह तस्वीर ALAMY की वेबसाइट पर प्राप्त हुई। वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, यह तस्वीर 1945 में हुए द्वितीय विश्व युद्ध के समय की है।
इससे मदद लेते हुए हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड्स की मदद से सर्च किया। हमें ww2wrecks पर एक लेख प्राप्त हुआ, जहां वायरल तस्वीर भी मौजूद है। यहां दी गई जानकारी के अनुसार, इस तस्वीर को अमेरिकी मरीन अधिकारी और फोटोग्राफर Joe O’Donnell ने क्लिक की थी। वेबसाइट पर उस तस्वीर को लेकर फोटोग्राफर O’Donnell के विचार भी छपे हैं।
उन्होंने लिखा है, “मैंने दस साल के एक लड़के को पास आते हुए देखा। वह अपनी पीठ पर एक बच्चे को लेकर आ रहा था। ये लड़का बाकी जापानी लड़को से काफी अलग नज़र आ रहा था। मुझे मालूम पड़ रहा था कि वह लड़का इस जगह पर किसी जरूरी वजह से आया है। उसके पैर में जूते नहीं थे। उसकी पीठ पर एक बच्चा था जो देख कर लग रहा कि गहरी नींद में सो रहा है। वह लड़का पांच से दस मिनट तक वहां खड़ा रहा। सफेद मास्क लगाए कुछ लोग उसके पास गए और चुपचाप उसके पीठ से बच्चे को उतारने लगे। उस वक्त मुझे महसूस हुआ कि उसके पीठ पर लदा वो बच्चा मर चुका था। उन लोगों ने उस बच्चे का हाथ और पैर पकड़कर उसे आग के हवाले कर दिया। वह लड़का आग की लपटों को शांत मुद्रा में चुपचाप वहीं खड़ा देखता रहा। कुछ देर बाद वह लड़का वहां से चुपचाप चला गया।” इस पूरे वर्णन में फोटोग्राफर से या किसी सैनिक से उस लड़के से बातचीत का कोई जिक्र नहीं है जैसा कि वायरल पोस्ट में बताया गया है।
पड़ताल के दौरान हमें Rare Historic Pic और Ranker जैसी वेबसाइट पर भी वायरल तस्वीर मिली। वहां दी गई जानकारी के मुताबिक, यह तस्वीर साल 1945 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापान के नागासाकी की है। उस वक्त जापान के दो शहरों नागासाकी और हिरोशिमा में अमेरिका द्वारा परमाणु बम बरसाए गए थे। इन वेबसाइट पर भी Joe O’Donnell द्वारा इस तस्वीर को लेकर वर्णन प्रकाशित है, जिसके अनुसार एक लड़का अपने भाई के शव को पीठ पर लादकर उसके जलाए जाने की प्रतिक्षा कर रहा था। इसमें कहीं भी उस लड़के का किसी सैनिक से बातचीत का जिक्र नहीं है।
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इसके अलावा, अमेरिकी अधिकारी और फोटोग्राफर Joe O’ Donnell ने अपनी किताब Japan 1945 में इस तस्वीर के बारे में लिखा है, लेकिन वहां भी वायरल हो रहे प्रसंग का कोई जिक्र नहीं है। हमें पोप फ्रांसिस द्वारा साल 2017 में इस तस्वीर पर पोस्टकार्ड प्रिंट किए जाने की भी जानकारी प्राप्त हुई। इसमें भी सैनिक से उस लड़के की बातचीत का कोई उल्लेख नहीं है। ब्रिटेन की स्वतंत्र फैक्ट चेकिंग मीडिया संस्थान FullFact द्वारा मार्च 2022 में इस तस्वीर पर एक लेख प्रकाशित किया गया है।
कुल मिलाकर यह स्पष्ट है कि यह वायरल तस्वीर जापान की ही है, लेकिन तस्वीर के साथ वायरल हो रहा मार्मिक दावा भ्रामक है।
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Arjun Deodia
February 24, 2023
Arjun Deodia
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Saurabh Pandey
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