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| - Last Updated on अगस्त 28, 2023 by Neelam Singh
सारांश
युट्युब पर जारी एक वीडियो के जरिए दावा किया जा रहा है कि कान में प्याज का टुकड़ा डालने से कान का दर्द पूरी तरह ठीक हो जाता है। जब हमने इस वीडियो का तथ्य जाँच किया तब पाया कि यह दावा गलत है।
दावा
युट्युब पर जारी एक वीडियो के जरिए दावा किया जा रहा है कि कान में प्याज का टुकड़ा डालने से कान का दर्द पूरी तरह ठीक हो जाता है।
तथ्य जाँच
क्या कान में प्याज डालने से कान का दर्द ठीक होता है?
नहीं। ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। हालांकि प्याज में बैक्टिरिया को कम करने और दर्द को कम करने की प्रवृत्ति पाई जाती है लेकिन ऐसा कोई प्रमाण नहीं है, जो इस बात की पुष्टि करता हो कि कान में प्याज डालने से कान का दर्द पूरी तरह से ठीक हो जाता है।
कान दर्द के क्या कारण हो सकते हैं?
कान दर्द कई कारणों से हो सकता है। जैसे – कान में संक्रमण होना, कान के आंतरिक हिस्सों में किसी तरह की रुकावट उत्पन्न होना, किसी दुर्घटना या सूजन के कारण। कान के दर्द का इलाज एवं उपचार दर्द के कारण पर निर्भर करता है। हालांकि कुछ घरेलू नुस्खे कान के दर्द में राहत पहुंचा सकते हैं लेकिन बेहतर यही है कि कान में किसी भी तरह की समस्या होने पर चिकित्सक से परामर्श लिया जाए।
प्याज में फ्लेवोनोइड्स और सल्फर जैसे यौगिक होते हैं और अध्ययन में पाया गया है कि इनका उपयोग सूजनरोधी एवं रोगाणुरोधी गुणों के कारण किया जाता है। शोध बताते हैं कि प्याज में flavonoid quercetin होता है, जो सूजन एवं दर्द को कम करने में सहायक होता है। हालांकि उपलब्ध साक्ष्य यह पुष्टि करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं कि कान में कच्चा प्याज डालने से दर्द पूरी तरह से ठीक हो जाएगा या नहीं। इन यौगिक का कुछ असर तब हो सकता है, जब इसे सीधे त्वचा पर या दर्द वाली जगह पर लगाया जाए लेकिन इस बात का कोई प्रमाण नहीं है, जो यह बताता हो कि कान में प्याज डालने से कान का दर्द ठीक हो जाएगा।
वहीं, कान में प्याज डालना संक्रमण को बढ़ा सकता है, जो ना केवल कान के बाहरी बल्कि आंतरिक हिस्से को भी नुकसान पहुंचा जा सकता है। अगर गलती से भी प्याज का टुकड़ा कान के अंदर चला जाए, तो कई जटिल समस्या भी उत्पन्न हो सकती है। याग रखें, कान एक कोमल अंग है इसलिए इसके साथ किसी भी तरह का प्रयोग करने से पहले नुकसान के बारे में सोच लें एवं किसी भी तरह की परेशानी होने पर चिकित्सक से संपर्क करें।
ENT विशेषज्ञ डॉ. प्रियाजीत पानीग्रही बताते हैं, “आजकल एंटी-बॉयोटिक प्रतिरोध एक घातक समस्या के रूप में उभरा है। जिन संक्रमणों का उपचार पहले किया जा सकता था, अब उनका उपचार मुश्किल और जटिल हो गया है इसलिए एंटीबायोटिक दवाओं के वैकल्पिक उपचारों पर शोध करना आवश्यक है।”
हालांकि, अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के आधिकारिक उपचार दिशानिर्देश बताते हैं कि “ऐसा कोई अध्ययन नहीं है जो निर्णायक रूप से कान के संक्रमण के लिए इस्तेमाल की जाने वाली वैकल्पिक चिकित्सा का लाभकारी प्रभाव दिखाता हो।”
अतः उपरोक्त दावों एवं चिकित्सक के बयान के आधार पर कहा जा सकता है कि यह दावा बिल्कुल गलत है। पाठकों से अनुरोध है कि इस प्रकार कि किसी भी भ्रामक वीडियो या दावों पर भरोसा ना करें एवं अपने विवेक का इस्तेमाल करें। जागरूक बनें एवं स्वस्थ्य रहें।
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