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| - Last Updated on अगस्त 13, 2024 by Neelam Singh
सारांश
सोशल मीडिया पर जारी एक पोस्ट के जरिए दावा किया जा रहा है कि मधुमक्खी के डंक से गठिया के दर्द और सूजन को ठीक कर सकता है। जब हमने इस पोस्ट का तथ्य जांच किया तब पाया कि यह दावा ज्यादातर गलत है।
दावा
सोशल मीडिया पर जारी एक वीडियो में दावा किया जा रहा है कि मधुमक्खी के डंक से गठिया के दर्द और सूजन को ठीक कर सकता है, जोड़ों की गतिशीलता को बढ़ा सकता है और लचीलापन बढ़ा सकता है।
तथ्य जाँच
गठिया क्या है?
रुमेटीइड आर्थराइटिस को ही गठिया कहा जाता है। यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जो जोड़ों में सूजन का कारण बनती है। सूजन उपास्थि और हड्डी को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे दर्द, कठोरता और त्वचा लाल हो सकती है।
मधुमक्खी के डंक में क्या होता है?
मधुमक्खी के डंक को एपिटॉक्सिन के नाम से भी जाना जाता है। इसमें एंजाइम, पेप्टाइड्स और एमाइन सहित संभावित चिकित्सीय अनुप्रयोगों वाले विभिन्न रसायन होते हैं। इसमें मेलिटिन, एक प्रमुख घटक है, जो मधुमक्खी के डंक का लगभग 50% हिस्सा होता है। इसके संभावित औषधीय गुणों जैसे- जीवाणुरोधी, एंटीवायरल, सूजनरोधी और दर्द निवारक प्रभावों के लिए इसका अध्ययन किया गया है।
क्या मधुमक्खी का डंक गठिया के दर्द और सूजन को ठीक कर सकता है?
नहीं। हालांकि मधुमक्खी के डंक में कुछ सूजन-रोधी गुण होते हैं, लेकिन गठिया के इलाज में इसकी प्रभावशीलता का समर्थन करने वाले वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं हैं। एक अध्ययन ने मधुमक्खी के जहर के उपचार की प्रभावशीलता और दुष्प्रभावों की समीक्षा की है। हालांकि यह खुजली, दाने और सूजन संबंधित त्वचा प्रतिक्रियाओं का कारण बन सकता है। मधुमक्खी का डंक सूजन संबंधी गठिया और मस्कुलोस्केलेटल रोगों के इलाज में प्रभावी साबित हुआ है। एक अध्ययन बताता है कि इन लाभों की पुष्टि करने के लिए बड़े पैमाने पर नैदानिक परीक्षणों एवं वैज्ञानिक प्रमाण की आवश्यकता है। साथ ही मधुमक्खी के डंक के उपचार की विश्वसनीयता में सुधार करने के लिए दुष्प्रभावों की जानकारी प्रदान करने की सिफारिश भी करता है। भले ही इसमें सूजनरोधी गुण मौजूद हैं लेकिन यह गठिया के लिए चिकित्सीय रूप से स्वीकृत उपचार नहीं है।
नई दिल्ली स्थित होली मिशन क्लिनिक में बतौर जनरल फिजिशियन कार्यरत डॉ. उबैद उर रहमान बताते हैं, “मैं गठिया के लिए मधुमक्खी के डंक जैसे इलाज के बारे में सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावों पर भरोसा ना करने की सलाह देता हूं। उनकी प्रभावशीलता का समर्थन करने के लिए पर्याप्त वैज्ञानिक प्रमाण नहीं हैं। इसके बजाय, रोगियों को गठिया के साक्ष्य-आधारित उपचार और प्रबंधन के लिए चिकित्सकों से परामर्श करना चाहिए।”
वीडियो में दिखाए गए उत्पाद की प्रमाणिकता क्या है?
फेसबुक पर जारी एक वीडियो में एक मशहूर न्यूज एंकर को दिखाया गया है जो कथित तौर पर सम्बंधित उपचार का प्रचार करती दिखाई जा रही है। वीडियो देख कर साफ़ पता चलता है कि ये वीडियो सच नहीं है और इसे बनाने में Artificial Intelligence की मदद ली गई है। साथ ही इस तरह की स्थिति उत्पन्न करने की कोशिश की जा रही है ताकि लोग तुरंत इस दवा को ऑर्डर करें।
जब हमने वीडियो में दिए गए लिंक को क्लिक किया, तब हमें ये वेबसाइट मिली। हालांकि उस वेबपेज पर क्लिक करना असंभव था इसलिए हमने फोन की मदद से गुगल लेंस किया और वेबसाइट पर मौजूद चिकित्सक की तस्वीर को सर्च किया। जब हमने Dr. John Brown नामक एक चिकित्सक की तस्वीर को गुगल लेंस किया, तब हमें Dr. Aldo Ciccotelli, MD नाम मिला। साथ ही healthgrades पर दी गई जानकारी के मुताबिक वे एक Neonatal-perinatal pediatrician हैं और Denver, Colorado में हैं।
इसके अलावा कुछ लोगों द्वारा उपयोग किए जाने के बाद उनके अनुभव भी दिए गए हैं। जब हमने उसका भी तथ्य जाँच किया तब पाया कि उन लोगों की तस्वीरों को विभिन्न कॉपीराइट फ्री वेबसाइट्स से लिया गया है। जैसे- Robert Williams, Dallas, Texas, USA की तस्वीर यहां मिली।
वर्तमान शोध क्या कहते हैं?
देखा जाए, तो मनुष्य 3,000 से अधिक वर्षों से मधुमक्खी के डंक का चिकित्सा में उपयोग करते आ रहे हैं। मधुमक्खी के जहर में मेलिटिन (melittin) सहित कई तरह के रसायन होते हैं, जो स्वास्थ्य पर लाभकारी प्रभाव डाल सकते हैं। वर्तमान शोध से निम्नलिखित बातें पता चलती हैं-
- जानवरों पर किए गए अध्ययनों में मधुमक्खी के डंक को लेकर सूजनरोधी और गठियारोधी प्रभावों के बारे में आशाजनक परिणाम सामने आए हैं। जैसे- Rheumatoid arthritis (RA) से ग्रसित चूहों पर साल 2020 में किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि मधुमक्खी का डंक गठिया के लक्षणों को कम करने में गठियारोधी दवा मेथोट्रेक्सेट जितना ही प्रभावी था। हालांकि नमूने का आकार 20 चूहों तक ही सीमित था और मनुष्यों पर इन निष्कर्षों की प्रभावशीलता निर्धारित करने के लिए और शोध की आवश्यकता है।
- मानव अध्ययनों से मिश्रित परिणाम मिले हैं। साल 2018 के एक अध्ययन में मधुमक्खी के डंक के एक्यूपंक्चर के प्रभावों की तुलना मेथोट्रेक्सेट और सेलेकॉक्सिब के प्रभावों से की गई थी, जो आठ सप्ताह तक 120 लोगों के नमूने में किया गया था। मधुमक्खी के डंक और दवा उपचार द्वारा दोनों समूहों ने गठिया के लक्षणों में कमी देखी गई। साथ ही उनके बीच कोई खास अंतर नहीं था। हालांकि यह अध्ययन उतना प्रमाणिक नहीं था। इसमें प्लेसीबो तुलना का अभाव था, जो परिणामों की विश्वसनीयता को सीमित करता है।
साल 2020 के एक अधिक व्यापक मेटा-विश्लेषण ने गठिया सहित विभिन्न रोगों के लिए मधुमक्खी के डंक के उपचार पर कई परीक्षणों की समीक्षा की। शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला कि मधुमक्खी के डंक का उपचार गठिया के सूजन संबंधी रूपों के उपचार में फायदेमंद हो सकता है लेकिन इसकी प्रभावशीलता की पुष्टि करने के लिए अभी और नैदानिक परीक्षणों की आवश्यकता है।
मधुमक्खी के डंक के संभावित लाभ क्या हैं?
मधुमक्खी के डंक को एपिटॉक्सिन के नाम से भी जाना जाता है। इसके कुछ निम्नलिखित फायदे हो सकते हैं-
सूजनरोधी गुण: मधुमक्खी के डंक में सूजनरोधी गुण होते हैं। मधुमक्खी के डंक का एक प्रमुख घटक मेलिटिन होता है, जो सूजन कारक अणुओं के उत्पादन को रोककर सूजन को कम करने में कारगर साबित हुआ है। यह प्रभाव गठिया और एटोपिक डर्मेटाइटिस जैसी स्थितियों के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है।
जीवाणुरोधी और एंटीवायरल प्रभाव: मधुमक्खी के डंक में महत्वपूर्ण जीवाणुरोधी गुण होते हैं। खासकर स्टैफिलोकोकस ऑरियस, माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस और स्यूडोमोनास एरुगिनोसा जैसे बैक्टीरिया के खिलाफ यह काफी प्रभावशाली होता है। साथ ही मधुमक्खी का डंक एंटीवायरल के तौर पर भी काम करता है, जो वायरल संक्रमण के इलाज में फायदेमंद हो सकता है।
कैंसर उपचार की संभावना: पशु और प्रयोगशाला अध्ययनों के जरिए जानकारी मिली है कि मधुमक्खी के डंक और मेलिटिन में कैंसर के उपचार की संभावना है। अध्ययनों से पता चला है कि मेलिटिन मेलेनोमा, नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर (फेफड़ों का कैंसर) और ग्लियोब्लास्टोमा सहित विभिन्न कैंसर सेल लाइनों में एपोप्टोसिस (programmed cell death) को बढ़ा सकता है। यह साइटोटोक्सिक प्रभाव मधुमक्खी के डंक को नए कैंसर उपचारों के विकास के लिए एक आशाजनक उम्मीदवार बनाता है।
प्रतिरक्षा प्रणाली: मधुमक्खी का डंक प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है। यह प्रतिरक्षा कोशिकाओं की गतिविधि को बढ़ा सकता है, जिससे संक्रमण और बीमारियों के खिलाफ शरीर को लड़ने की ताकत मिलती है।
क्या गठिया को ठीक किया जा सकता है?
नहीं, गठिया को ठीक नहीं किया जा सकता। हालांकि इसके लक्षणों को उचित उपचार से नियंत्रित किया जा सकता है, जिसमें दवाएं, फिजियोथेरेपी और सर्जरी शामिल हो सकती है। प्रारंभिक निदान और स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों द्वारा तैयार की गई व्यापक उपचार योजना इस स्थिति को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में मदद कर सकती है।
मधुमक्खी के डंक के संभावित प्रतिकूल प्रभाव क्या हैं?
मधुमक्खी के डंक से उपचार के कई प्रतिकूल प्रभाव हो सकते हैं, जिसमें जहर वाली जगह पर गंभीर दर्द, सिरदर्द, खांसी, मांसपेशियों में कमजोरी, चक्कर आना और पीलिया शामिल है। सबसे गंभीर सुरक्षा चिंता एनाफिलैक्सिस नामक एक गंभीर एलर्जी का जोखिम है। मधुमक्खी और ततैया के डंक एनाफिलैक्सिस के सामान्य कारण हैं, जिससे स्थानीय सूजन और पित्ती, पेट, सांस एवं हृदय संबंधी समस्याएं शामिल हो सकती हैं। साथ ही कई केस में मृत्यु तक हो सकती है।
अतः यह दावा ज्यादातर गलत है क्योंकि इसमें प्रमाणिकता से साथ-साथ वैज्ञानिक विशलेष्ण का भी अभाव है। बेहतर है कि गठिया संबंधित समस्या होने पर नियमित तौर पर अपने चिकित्सक से संपर्क करें और परामर्श लें। किसी तरह का घरेलू इलाज या उपाय स्थिति को और गंभीर बना सकता है।
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