About: http://data.cimple.eu/claim-review/e80068b10a1c728ddce111b69bb5c59d3d248aadf92d69385014fc51     Goto   Sponge   NotDistinct   Permalink

An Entity of Type : schema:ClaimReview, within Data Space : data.cimple.eu associated with source document(s)

AttributesValues
rdf:type
http://data.cimple...lizedReviewRating
schema:url
schema:text
  • ANI ने एमडीएमके नेता वाइको का कांग्रेस की आलोचना वाला क्लिप्ड वीडियो पब्लिश किया बूम ने पाया कि एएनआई ने सोशल मीडिया पर एक क्रॉप्ड वीडियो शेयर किया है. पूरा वीडियो जो उसने अपने सब्सक्राइबर्स को भेजा है, उसमें वाइको को पीएम मोदी की आलोचना करते हुए भी सुना जा सकता है. एशियन न्यूज इंटरनेशनल (एएनआई), हिंदुस्तान टाइम्स, टीवी9 भारतवर्ष, न्यूज18 समेत कई मीडिया आउटलेट्स ने मरुमलारची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एमडीएमके) के महासचिव वैयापुरी गोपालसामी उर्फ वाइको के अधूरे वीडियो के हवाले से खबरें प्रकाशित कीं. इस अधूरे वीडियो में वह कांग्रेस की आलोचना करते हुए कह रहे हैं कि कांग्रेस ने तमिलनाडु को धोखा दिया है. बूम ने पाया कि वीडियो के लंबे वर्जन में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी आलोचना की और उन्हें गद्दार कहा था. इस सिलसिले में हमने स्थानीय तमिल समाचार चैनलों से भी बात की. उन्होंने बूम को बताया कि जब एएनआई ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक क्लिप किया हुआ वीडियो पोस्ट किया, उसी दौरान उसने अपने आधिकारिक फीड पर सब्सक्राइबर्स के लिए पूरा वीडियो भी शेयर किया था. इस पूरे वीडियो में वाइको को एक ही जवाब में कांग्रेस और मोदी की आलोचना करते देखा जा सकता है. एमडीएमके तमिलनाडु में सत्ताधारी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के साथ गठबंधन में है और डीएमके कांग्रेस नेतृत्व वाली इंडिया गठबंधन का एक हिस्सा है. वाइको राज्य में एक चुनावी कार्यक्रम में बोल रहे थे, जिसके बाद उन्होंने श्रीलंका में कच्चातिवु द्वीप के विवाद को लेकर पत्रकारों से बात की. गौरतलब है कि 31 मार्च को पीएम मोदी ने श्रीलंका के जाफना जिले में स्थित कच्चातिवु द्वीप के मुद्दे को फिर से हवा देते हुए तत्कालीन इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर इसे भारत से दूर करने का आरोप लगाया. रिपोर्ट्स में इसे अशांत द्वीप के रूप में चिन्हित किया गया है. अतीत में तमिलनाडु के राजनेताओं ने इस पर वापस कब्जा पाने का मुद्दा कई बार उठाया है. इस साल, कच्चातिवु फिर से खबरों में तब आया, जब तमिलनाडु के मछुआरों ने श्रीलंका द्वारा अवैध शिकार के आरोप में भारतीय मछुआरों की बढ़ती गिरफ्तारियों का विरोध किया और द्वीप पर आयोजित एक वार्षिक उत्सव का बहिष्कार कर दिया. इसके बाद मार्च 2024 में डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने भी दावा किया कि डीएमके के विरोध के बावजूद कच्चातिवु द्वीप श्रीलंका को सौंप दिया गया था. 3 अप्रैल 2024 को तमिलनाडु में एमडीएमके नेताओं के चुनाव प्रचार के दौरान न्यूज एजेंसी एएनआई ने कच्चातिवु द्वीप विवाद पर पार्टी महासचिव का एक 10 सेकंड का क्लिप पोस्ट किया. पोस्ट का कैप्शन था, "कच्चातिवु मुद्दे पर एमडीएमके संस्थापक वाइको ने कहा, 'कांग्रेस ने उस समय हर मोर्चे पर तमिलनाडु को धोखा दिया..." इसी ट्वीट के हवाले से हिंदुस्तान टाइम्स, न्यूज 18 और न्यूज 9 सहित कई अन्य न्यूज आउटलेट्स ने वाइको के कमेंट पर पूरी खबर प्रकाशित कर दी. हालांकि बाद में हिंदुस्तान टाइम्स ने बिना किसी स्पष्टिकरण के स्टोरी हटा दी. इसके अलावा हिंदी के न्यूज आउटलेट्स हिंदुस्तान और टीवी9 भारतवर्ष ने भी एएनआई के इस ट्वीट के हवाले से खबरें प्रकाशित की हैं. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल समेत कई भाजपा नेताओं ने भी एएनआई की इस वीडियो को पोस्ट किया. पत्रकार राहुल शिवशंकर ने भी अपने एक्स अकाउंट पर इस वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा, 'लेकिन फिर वे एक साथ चुनाव क्यों लड़ रहे हैं? सुविधा की राजनीति की कोई सीमा नहीं होती?' कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी वाइको के इस कमेंट को ट्वीट किया, लेकिन उन्होंने वीडियो के बाद वाले हिस्से पर प्रकाश डाला जहां वाइको ने मोदी और भाजपा सरकार की आलोचना की है. फैक्ट चेक बूम ने पाया कि पूरे वीडियो में वाइको ने कांग्रेस की आलोचना के बाद मोदी की भी आलोचना की थी और उन्हें गद्दार कहा था. वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने सबसे वीडियो के कीफ्रेम पर वाइको+कांग्रेस +डीएमके कीवर्ड के साथ रिवर्स इमेज सर्च किया. इसके जरिए हमें 'द हिंदू' में प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट में बताया गया था कि वाइको शहर के सैदापेट इलाके में डीएमके से दक्षिण चेन्नई के उम्मीदवार थमिजाची थंगापांडियन के लिए एक चुनाव प्रचार कार्यक्रम में बोल रहे थे. यहां से हिंट लेते हुए हमने एक्स पर पड़ताल की. इस पड़ताल से हमें सनटीवी के अकाउंट पर एक पोस्ट मिला, इस पोस्ट के वीडियो में एएनआई के ट्वीट से मिलते हुए विजुअल्स मौजूद थे. यह एएनआई के 10 सेकंड वाले वीडियो से लंबा वीडियो था. इसमें वाइको को कच्चातिवु मुद्दे पर एक रिपोर्टर के सवाल का जवाब देते हुए सुना जा सकता है, 'कांग्रेस ने उस समय तमिलनाडु को हर मोर्चे पर धोखा दिया था. उसके बाद, ये दस साल... नरेंद्र मोदी के लिए परीक्षा की घड़ी है. वह गद्दार हैं, उन्होंने तमिलनाडु को धोखा दिया, भारत को धोखा दिया. श्रीलंका को धोखा दिया...' கச்சத்தீவு விவகாரத்தில் நம்பிக்கை துரோகம் செய்துள்ளார் மோடி - மதிமுக பொதுச் செயலாளர் வைகோ விமர்சனம்#SunNews | #Elections2024 | #Vaiko | #Modi pic.twitter.com/WwQHsnmjDx— Sun News (@sunnewstamil) April 3, 2024 इसके बाद बूम ने एक प्रमुख तमिल न्यूज चैनल के रिपोर्टर से भी संपर्क किया, उन्होंने बूम को बताया कि न्यूज एजेंसी एएनआई द्वारा अपने सब्सक्राइबर्स को भेजी गई आधिकारिक फीड में पूरा वीडियो शामिल था. उन्होंने कहा, "इस कार्यक्रम को कई समाचार चैनलों ने कवर किया था, लेकिन वायरल वीडियो में किया गया कमेंट कार्यक्रम के बाद का है, जब वह बाहर निकल रहे थे. उस समय एएनआई के रिपोर्टर के अलावा कोई अन्य रिपोर्टर मौजूद नहीं था. हमने यह सुना कि वाइको ने कुछ स्पष्ट राजनीतिक टिप्पणियां की हैं, जिसके बाद हम उनके (एएनआई) आधिकारिक फीड पर गए जिसे हमारे चैनल ने सब्सक्राइब किया है. वहां से हमने वीडियो डाउनलोड किया फिर इसे अपने सोशल मीडिया पेजों पर शेयर किया." रिपोर्टर ने आगे बताया, "चूंकि हमारे पत्रकारों ने वीडियो शूट नहीं किया था और न ही वाइको के कमेंट के समय वह मौजूद थे, हमारे पास पूरे कमेंट तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं था. फिर हमें वीडियो एएनआई की आधिकारिक फीड से मिला जो वह अपने सब्सक्राइबर्स को भेजता है. इसमें वाइको को दोनों पक्षों की आलोचना करते हुए देखा जा सकता है." आपको बताते चलें देश में लोकसभा चुनाव के पहले चरण में तमिलनाडु में 19 अप्रैल 2024 को मतदान होना है. पीएम मोदी राज्य में सक्रिय रूप से चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं. इस दौरान उन्होंने कच्चातिवु मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने 'दोहरे मानदंड अपनाने और तमिलनाडु के हितों कि रक्षा' नहीं करने के लिए डीएमके की भी आलोचना की. कच्चातिवु, तमिलनाडु के रामेश्वरम से करीब 30 किलोमीटर दूर और श्रीलंका के जाफना में डेल्फ्ट द्वीप के दक्षिण-पश्चिम में स्थित टापू है. यह टापू 300 मीटर से भी अधिक छोटा है. मुख्यतः इसका इस्तेमाल दोनों क्षेत्रों केमछली पकड़ने वाले स्थानीय समुदाय करते हैं. आजादी से पहले 1921 में यह भारत और श्रीलंका के बीच विवाद का एक मुद्दा बन गया था. बाद में 1974 और 1976 में इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने समुद्री समझौतों के तहत द्वीप की सीमाओं को तय कर इस मसले को सुलझा लिया था.
schema:mentions
schema:reviewRating
schema:author
schema:datePublished
schema:inLanguage
  • English
schema:itemReviewed
Faceted Search & Find service v1.16.115 as of Oct 09 2023


Alternative Linked Data Documents: ODE     Content Formats:   [cxml] [csv]     RDF   [text] [turtle] [ld+json] [rdf+json] [rdf+xml]     ODATA   [atom+xml] [odata+json]     Microdata   [microdata+json] [html]    About   
This material is Open Knowledge   W3C Semantic Web Technology [RDF Data] Valid XHTML + RDFa
OpenLink Virtuoso version 07.20.3238 as of Jul 16 2024, on Linux (x86_64-pc-linux-musl), Single-Server Edition (126 GB total memory, 11 GB memory in use)
Data on this page belongs to its respective rights holders.
Virtuoso Faceted Browser Copyright © 2009-2025 OpenLink Software