Claim-ओवैसी ने UN को पत्र लिखा कि हिन्दुस्तान में मुस्लिम सुरक्षित नहीं है। UN से जवाब आया, “जहां पर सेफ हो वहां चले जाओ”
Verification– एक सन्देश को लेकर सोशल मीडिया में AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी सुर्ख़ियों में हैं। मुसलमानों और खासकर हैदराबाद के फायर ब्रांड नेता माने जाने वाले ओवैसी के बारे में दावा किया जा रहा है कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र को एक चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में जिक्र किया गया है कि भारत में मुसलमान सुरक्षित नही हैं। उनके पत्र के जवाब में यूएन ने कहा है कि यदि मुसलमान भारत में सुरक्षित नहीं हैं तो ऐसी जगह पर चले जाएं जहां उन्हें सुरक्षा मिल सके।
ओवैसी ने ऐसा कोई पत्र यूएन को लिखा भी था इस बारे में पड़ताल आरम्भ की। काफी देर तक गूगल खंगालने के बावजूद हमारे हाथ कुछ ऐसा नहीं लगा जिससे यह साबित हो पाता कि वायरल हो रही खबर में सच्चाई है। बारीकी से खोजने पर एक खबर हाथ लगी जिसमें सपा नेता आज़म खान ने संयुक्त राष्ट्र को एक पत्र लिखा था। यह पत्र उन्होंने साल 2015 में लिखा गया था। भारत में मुसलमानों पर बढ़ रहे कथित हमलों को लेकर सयुक्त राष्ट्र के दखल की मांग वाली आजम की चिट्ठी का देश भर में विरोध हुआ था।
यहां तक कि अखिलेश यादव ने भी इस पत्र पर नाराजगी जताई थी। NDTV
द्वारा लिखे लेख के मुताबिक़ यह मामला तब पेश आया जब कथित तौर पर घर में गौमांस रखने के आरोप में बिसहाड़ा के अख़लाक़ नामक व्यक्ति को भीड़ ने मौत के घाट उतार दिया था।
बात असदुद्दीन ओवैसी की करें तो पता चलता है उन्होंने आज़म खान द्वारा यूएन को लिखे पत्र को दुर्भाग्यपूर्ण बताया था। ओवैसी ने कहा था कि देश में सभी लोगों को समान अधिकार
प्राप्त हैं। मुसलमानों का अगुआ बनने के चक्कर में आज़म खान जैसे लोगों की ऐसी हरकतें ही मुल्क के अन्य समुदायों में मुसलमानों के प्रति गलत नजरिया उत्पन्न हो रहा है। ओवैसी ने कहा था कि यह देश का अंदरूनी मसला है जिसे देश में ही सुलझाए जाने की जरूरत है।
पंजाब केसरी समाचार पत्र के मुताबिक़ आज़म द्वारा यूएन को लिखे पत्र पर ओवैसी ने उनका इस्तीफ़ा मांगा था।
खोज के दौरान यूट्यूब पर एक वीडियो
भी प्राप्त हुआ। इस वीडियो में असदुद्दीन ओवैसी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दादरी के मुद्दे पर आज़म द्वारा यूएन पर लिखे खत की मजम्मत करते दिखे। पूरे वीडियो को देखने के बाद यह पता चला कि ओवैसी ने आज़म खान का पत्र के मामले में विरोध किया था।
काफी खोजने के बाद भी इस बात की पुष्टि नही हुई कि ओवैसी ने कभी यूएन को वायरल हो रहे सन्देश जैसा कोई पत्र लिखा भी था। आज़म खान द्वारा लिखे पत्र को तोड़ मरोड़कर सोशल मीडिया में कुछ लोगों ने अफवाह फैला दी।
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