सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ लोगों को एक बुजुर्ग व्यक्ति और अन्य लोगों को लाठियों से मारते हुए देखा जा सकता है. इस वीडियो को इंटरनेट पर राजस्थान (Rajasthan) में हाल में ही घटी घटना बताकर शेयर किया जा रहा है.
क्या है दावा?: वीडियो शेयर करने वालों का दावा है कि वीडियो में अलवर में मुस्लिम समुदाय के लोग जबरदन हिंदुओं के घरों में घुसकर उन्हें लाठियों से पीट रहे हैं.
सच क्या है?: यह घटना राजस्थान के अलवर की जरूर है, लेकिन मुसलमानों की तरफ से हुए हिंदुओं पर हमले करने का दावा पूरी तरह से गलत है.
यह घटना 18 जनवरी को एक मकान को लेकर एक ही परिवार के दो गुटों के बीच हुई थी.
अलवर के पुलिस अधीक्षक (SP) आनंद शर्मा ने द क्विंट को बताया कि इस घटना का कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं था और दोनों पक्ष एक ही परिवार के थे.
किस चीज ने हमें सच्चाई तक पहुंचाया?: वीडियो के कीफ्रेम पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट में यही विजुअल मिले.
इस रिपोर्ट में बताया गया कि 70 वर्षीय रामस्वरूप नामक व्यक्ति और 65 वर्षीय महिला पर उनके परिवार के सदस्यों ने उनके पुराने घर को लेकर हमला किया.
रिपोर्ट में कहा गया है कि घटना थानागाजी पुलिस थाना क्षेत्र में हुई और इसमें आठ लोग घायल हो गए.
इसमें कहा गया है कि चार लोग बुजुर्ग व्यक्ति को लाठियों से पीटते रहे, जबकि बुजुर्ग उनसे रुकने की अपील करता रहा.
रामस्वरूप के परिजनों ने बताया कि पीड़ित के छोटे भाई की पत्नी बादामी देवी और उसका बेटा और पोता पुराने मकान पर कब्जा चाहते थे.
उसने पहले भी पीड़ित को धमकी दी थी, जिसके संबंध में थानागाजी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की गई थी.
अन्य न्यूज रिपोर्ट: राजस्थान पत्रिका के मुताबिक थानागाजी कस्बे के पास पुश्तैनी जमीन को लेकर एक ही परिवार के दो पक्षों के बीच हुई लड़ाई खूनी संघर्ष में बदल गई.
इसमें आगे कहा गया कि विवाद रामस्वरूप और उनके मृत भाई सीताराम की पत्नी के परिवारों के बीच था.
पुलिस ने क्या कहा?: क्विंट ने एसपी अलवर से बात की, जिन्होंने कहा कि एक घर को लेकर एक ही परिवार के दो समूहों के बीच झड़प हुई थी.
आनंद शर्मा ने कहा कि ये सभी हिंदू हैं और ब्राह्मण हैं.
उन्होंने आगे बताया कि चीमा की ढाणी नाम के पूरे गांव में कोई भी मुस्लिम परिवार नहीं है.
आनंद शर्मा ने हमें बताया कि घटना में कुल पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
अलवर पुलिस ने सोशल मीडिया पर दी सफाई: अलवर पुलिस के आधिकारिक एक्स हैंडल से कहा गया कि वीडियो पुराना है और दोनों पक्ष एक ही परिवार के हैं.
इसमें बताया गया है कि दोनों पक्षों ने इस संबंध में मामला दर्ज कराया है और अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
निष्कर्ष: अलवर का एक वीडियो वायरल है, जिसमें एक परिवार के दो समूहों को एक घर के लिए लड़ते हुए दिखाया गया है. इस घटना को झूठा सांप्रदायिक रंग देकर यूजर्स के साथ शेयर किया जा रहा है.
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