Claim
उत्तर प्रदेश के मोहम्मद नसीरुद्दीन ने अपनी बहन और भतीजी के साथ बलात्कार किया, दोनों की सिर पर पत्थर से वार कर हत्या कर दी उसके बाद उसने मृतक के शव के साथ अनेक बार बलात्कार किया। मोहम्मद ताकत के लिए दवाइयाँ भी खाता था।
Verification
हैदराबाद की युवती के साथ हुई बर्बरता की खबर इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में है साथ ही साथ मामले को लेकर लोगों के अंदर गुस्सा भी उमड़ता दिख रहा है जिसका प्रमाण सोशल मीडिया पर देखा जा सकता है। इसी बीच आजमगढ़ के एक परिवार में हुई तीन हत्या के मामले का खुलासा भी हुआ। जिसे सोशल मीडिया पर अपने-अपने तरीके से शेयर किया जा रहा है। ट्विटर पर ख़ुशी सिंह नामक यूज़र ने मामले से जुड़े अभियुक्त की तस्वीर को शेयर करते हुए दावा किया है कि ‘मोहम्मद नसीरुद्दीन’ नामक युवक ने अपनी ही बहन और भतीजी का बलात्कार किया और फिर उनकी हत्या कर दी, इसके बाद अभियुक्त ने मृतक के शव के साथ भी कई दफ़ा बलात्कार किया। हमने पोस्ट में किये जा रहे है दावे की सत्यता जानने के लिए गूगल खंगालना शुरू किया। इस दौरान Times Of India की वेबसाइट पर प्रकाशित एक लेख प्राप्त हुआ, जहां मामले की पूरी जानकारी दी गयी थी।
क्या है पूरा मामले?
लेख के मुताबिक एक हफ्ता पहले आजमगढ़ के मुबारकपुर क्षेत्र में एक युगल की लाश के साथ दो बच्चों का शव बरामद किया गया था। मामले की तहकीकात में सोमवार को पुलिस ने 38 साल के नसीरुद्दीन नामक युवक को गिरफ्तार किया।
नसीरुद्दीन एक कामवासना का मनोरोगी है, जिसने अपनी गलती मानते हुए बताया कि उसने ऐसी घटनाओं को हरियाणा, दिल्ली और पश्चिम बंगाल में अंजाम दिया है। पूछताछ में उसने बतया कि उसने 30 साल की महिला और उनके पति की हत्या करने के बाद बलात्कार किया और उससे पहले उसने 4 साल के मासूम बच्चे को मारा, इसके बाद उनकी 10 साल की बेटी के साथ बलात्कार कर उसे भी मार दिया।
लेख में आजमगढ़ के पुलिस अधीक्षक का भी बयान प्रकाशित हुआ है जहां उन्होंने बतया कि नसीरुद्दीन ने शव के साथ बलात्कार कर अपने इस कुकर्म का वीडियो भी बनाया था। नसीरुद्दीन ने पीड़ित की हत्या के लिए चाकू और एक भारी पत्थर का इस्तेमाल किया। इस पूरे लेख में कहीं पर भी इस बात जिक्र नहीं था कि अभियुक्त और पीड़ित रिश्तेदार थे।
इसके बाद हमें Hindustan Times का भी लेख प्राप्त हुआ। जहां इस तथ्य को बताया गया कि पीड़ित और अभियुक्त एक ही इलाके में रहते थे, लेकिन ऐसा कोई तथ्य नहीं मिला जिससे उन्हें भाई-बहन कहा जा सके।
उत्तर प्रदेश पुलिस सोशल मीडिया पर सक्रीय है, इसलिए हमने आजमगढ़ पुलिस का ट्विटर हैंडल खंगाला। खोज के दौरान हमें मामले की जानकारी देता हुआ आजमगढ़ पुलिस का ट्वीट प्राप्त हुआ।
ट्वीट में पुलिस द्वारा ऐसा कोई जिक्र नहीं किया गया है कि पीड़ित और अभियुक्त भाई-बहन थे। हमने जिले के एसपी ‘त्रिवेनी सिंह’ से इस नंबर (9454400250) पर सीधा संपर्क किया जहां उन्होंने ने पीड़िता और अभियुक्त के भाई-बहन होने वाली बात को सिरे से नकारते हुए बताया कि ऐसा कोई भी तथ्य उनके सामने नहीं आया।
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