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Fact Check
Claim
आरएसएस ने हिंदू युवाओं से अपील की है कि वह मुस्लिम लड़कियों को अपने प्यार के जाल में फसाएं, उन से शारीरिक संबंध बनाएं, और उनसे शादी कर धर्म परिवर्तन करवाएं.
Fact
आरएसएस ने ऐसा कोई लेटर जारी नहीं किया है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के हवाले से सोशल मीडिया पर एक चौंकाने वाला लेटर काफी वायरल हो रहा है. लेटर के अनुसार, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने हिंदू युवाओं से अपील की है कि वह मुस्लिम लड़कियों को अपने प्यार के जाल में फसाएं, उनसे शारीरिक संबंध बनाएं, और उनसे शादी कर धर्म परिवर्तन करवाएं. लेटर में 12 बिंदुओं के सहारे मुस्लिम लड़की को ‘लुभाने’ की ट्रेनिंग दी गई है. लेटर में हिंदू लड़कों को आर्थिक सहायता देने की बात भी कही गई है.
लेटर के आखिर में अखिल भारतीय हिंदू समाज, बजरंग दल जैसे हिंदू संगठनों का नाम लिखा हुआ है. पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि आरएसएस में सार्वजनिक रूप से ऐसा करने की अपील की है. फेसबुक और ट्विटर पर दो पेज का यह लेटर काफी वायरल हो रहा है.
सबसे पहले हमने इस लेटर को ध्यान से पढ़ा. हमें इसमें व्याकरण की कई गलतियां मिली. जैसे कि ‘बजरंग दल’ को ‘बजरंग दिल’, ‘तलाशें’ को ‘तलाश’ लिखा गया है. हमने अलग-अलग कीवर्ड की मदद से इस लेटर के बारे में इंटरनेट पर सर्च किया. हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली जिसमें इसका जिक्र किया गया हो. आरएसएस के सोशल मीडिया हैंडल्स पर भी इस तरह का कोई लेटर मौजूद नहीं है.
हमें 10 अप्रैल 2023 का VSK Bharat नाम के टि्वटर हैंडल का एक ट्वीट मिला. VSK Bharat, आरएसएस की मीडिया का कामकाज संभालने वाली एक संस्था है. संस्था के ट्विटर हैंडल से इस लेटर को फेक बताया गया है. आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील अंबेकर ने भी ट्वीट करते हुए बताया है कि सोशल मीडिया पर घूम रहा यह लेटर झूठा है.
इसके अलावा हमने आरएसएस के ट्विटर हैंडल से शेयर किए गए एक आधिकारिक लेटर की तुलना वायरल लेटर से की. अपना संदेश देने के लिए आरएसएस इसी लेटर हेड का इस्तेमाल करता है. हमने पाया कि वायरल लेटर में आरएसएस का लोगो अलग है. आधिकारिक लेटर के लोगो में ‘संघे शक्ति: कलोयुगे’ लिखा हुआ है जो वायरल लेटर में नहीं है.
लेटर की प्रमाणिकता को लेकर हमने कुछ वरिष्ठ पत्रकारों से भी बात की. मुंबई के एक वरिष्ठ पत्रकार हेमंत देसाई से हमारी बात हुई. हमने उनसे पूछा कि क्या आरएसएस लेटर जारी करके इस तरह की अपील कर सकता है.
देसाई का कहना था कि उन्हें ऐसा नहीं लगता कि आरएसएस इस तरह से प्रत्यक्ष रूप से ऐसी अपील करेगा. उनका कहना था कि वह आरआरएस की विचारधारा से भले सहमत नहीं है, लेकिन संगठन इस तरह से सीधे तौर पर लेटर जारी करेगा, ऐसा नहीं लगता. देसाई ने यह भी कहा कि इस तरह के लेटर समाज को भड़का सकते हैं इसलिए सरकार को इस तरह की चीजों को बढ़ने से रोकना चाहिए.
लेटर को लेकर आरएसएस को कवर कर रहे पत्रकार प्रकाश बलगोजी ने भी हमसे कहा कि यह लोगों को गुमराह करने के लिए बनाया गया है. लेटर में मौजूद व्याकरण की गलतियां, अलग लोगो, लिखने के तरीके आदि को देखकर उनका भी यही मानना है कि लेटर आरएसएस द्वारा जारी नहीं किया गया है.
हमारी जांच में निष्कर्ष निकलता है कि आरएसएस के नाम पर वायरल हो रहा यह लेटर फर्जी है. आरएसएस ने ऐसा कोई लेटर जारी नहीं किया है.
Our Sources
Tweets of VSK Bharat and Sunil Ambekar
Self Analysis
Quotes of journalists Hemant Desai and Prakash Balgoji
ये खबर मूलत: Newschecker Marathi में पब्लिश हुई है. ये खबर का हिंदी अनुवाद है.
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