केजरीवाल ने ECI से मुस्लिमों के लिए विशेष मांग नहीं की, वायरल पत्र फर्जी है
बूम को भारत निर्वाचन आयोग (ECI) के एक अधिकारी ने बताया कि उनके पास इस तरह का कोई पत्र नहीं आया है.
आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नाम से एक फर्जी पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. पत्र में दावा है कि अरविंद केजरीवाल ने भारत निर्वाचन आयोग (ECI) से मतदान वाले दिन (4 फरवरी) के लिए मुस्लिम मतदाताओं के लिए कुछ विशेष मांगें की थीं.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि यह पत्र फर्जी है. अरविंद केजरीवाल ने ईसीआई को पत्र लिखकर ऐसी कोई मांग नहीं की थी.
गौरतलब है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए 5 फरवरी को मतदान हुआ था. 8 फरवरी 2025 को चुनाव के नतीजे सामने आए. विधानसभा की 70 सीटों में से 48 सीटें भारतीय जनता पार्टी और 22 सीटें आम आदमी पार्टी के खाते में आई हैं, जबकि कांग्रेस जीरो पर सिमट कर रह गई.
इसी बीच अरविंद केजरीवाल नाम वाले लेटरहेड से भारत निर्वाचन आयोग को संबोधित एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इस पत्र में चुनाव आयोग से मुस्लिम मतदाताओं के लिए कुछ विशेष व्यवस्थाएं करने की मांग की गई है. पत्र में अरविंद केजरीवाल के नाम वाले हस्ताक्षर भी हैं.
इस पत्र में लिखा गया है कि नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र में अगले दिन चुनाव हैं. क्षेत्र में अल्पसंख्यक समुदाय, विशेष रूप से मुस्लिम मतदाताओं की संख्या अधिक है और मुस्लिम बड़ी संख्या में मतदान करते हैं, लेकिन हिंदू और अन्य धार्मिक समूहों द्वारा उनके साथ भेदभाव किया जाता है. साथ ही यह लिखा गया है कि वाल्मीकि और दलित समूहों द्वारा मुसलमानों पर हमले किए गए हैं.
पत्र में चुनाव आयोग से निम्नलिखित व्यवस्थाएं करने का अनुरोध किया गया है-
1. मुस्लिम मतदाताओं को उनके घर से मतदान केंद्र तक लाने और वापस ले जाने के लिए पिक एंड ड्रॉप की सुविधा.
2. मुस्लिम मतदाताओं की आईडी की भौतिक रूप से जांच न की जाए ताकि देरी न हो.
3. केवल मुस्लिम मतदाताओं के लिए मतदान का समय शाम 5 बजे से 8 बजे तक बढ़ाया जाए.
फेसबुक पर एक यूजर ने इस पत्र को शेयर करते हुए लिखा, ‘देखिए कैसे केजरीवाल मुस्लिमों के लिए चुनाव आयोग से मांग कर रहा था कि 1. मुस्लिमो को लाने ले जाने के लिए गाड़ी चलवाए. 2. मुसलमानों से आई.डी. प्रूफ न मांगे जाएं, न उन्हें चेक किया जाए. 3. मुसलमानों के लिए वोटिंग टाइम 5 से 8 बजे तक किया जाए. सबसे बड़ी बात यह दलित पर आरोप लगा रहा है कि वह मुसलमान को पीटेंगे उन्हें वोट नहीं डालने देंगे. यह एक छुपा हुआ देशद्रोही है.'
दावे की सत्यता की पड़ताल के लिए बूम के टिपलाइन नंबर 7700906588 पर भी हमें यह पत्र प्राप्त हुआ.
फैक्ट चेक
बूम ने दावे की पड़ताल की तो पाया की यह पत्र फर्जी है. हमने वायरल पत्र को घ्यान से देखा तो पाया कि इसमें कई तरह की गड़बड़ियां हैं, जैसे कि पत्र में डेट ही नहीं लिखी है.
दूसरा इस पत्र की भाषा और इसमें जो मांग की गई है उससे भी संदेह होता है कि यह पत्र फर्जी है. देश में किसी समुदाय विशेष के लिए अलग मतदान सुविधा करना संविधान की मूल भावना और कानून के खिलाफ है. चुनाव आयोग सभी नागरिकों के लिए समान नियम कानून लागू करता है.
किसी विशेष समुदाय के लिए विशेष सुविधाओं की मांग करना भेदभावपूर्ण है. यदि कोई नेता इस तरह की मांग करेगा तो बड़े विवाद विषय बनेगा और इसकी खबरें भी प्रकाशित होंगी. हमने इस पत्र में किए गए दावे को लेकर मीडिया रिपोर्ट भी सर्च कीं लेकिन हमें कोई भी ऐसी विश्वसनीय रिपोर्ट नहीं मिली जो इस दावे की पुष्टि करती हो.
इसके बाद हमने अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक एक्स हैंडल को चेक किया तो वहां भी हमें ऐसा कोई पत्र नहीं मिला लेकिन हमें उनके कुछ दूसरे पत्र मिले जरूर मिले.
हमें आम आदमी पार्टी के एक्स हैंडल पर 19 जनवरी 2025 को शेयर किया गया अरविंद केजरीवाल का पीएम मोदी को संबोधित एक पत्र मिला. अरविंद केजरीवाल ने सरकारी कर्मचारियों हेतु मकान बनवाने के लिए जमीन मुहैया कराने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह पत्र लिखा था.
हमने वायरल पत्र की तुलना इस ऑरिजनल पत्र से की तो पाया कि यह फर्जी है. वायरल पत्र में इसी ऑरिजनल पत्र वालेे सीरियल नंबर NCO/25/10 का प्रयोग किया गया है. इसके साथ ही हमने देखा कि ऑरिजनल पत्र में अरविंद केजरीवाल के साइन नीचे दायीं ओर हैं, जबकि वायरल पत्र यह साइन बायीं ओर हैं.
इसके अलावा सभी ऑरिजनल पत्र में अरविंद केजरीवाल के साइन को हाइड भी किया गया है, जबकि वायरल पत्र के साथ ऐसा नहीं है.
बूम ने अधिक स्पष्टिकरण के लिए आम आदमी पार्टी के चीफ मीडिया कॉर्डिनेटर विकास योगी से संपर्क किया. उन्होंने वायरल पत्र को फेक बताया.
बूम से ईसीआई के अधिकारी ने भी पुष्टि की कि उनके पास इस तरह को कोई पत्र नहीं आया है.