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| - Fact Check: वरिष्ठ नागरिकों इनकम टैक्स से पूरी छूट दिए जाने का दावा FAKE, केवल ITR फाइलिंग से मिलती है राहत
केंद्र सरकार की तरफ से बुजुर्गों को इनकम टैक्स छूट की राहत दिए जाने का दावा गलत है। केंद्र सरकार की तरफ से वरिष्ठ नागरिकों के लिए इनकम टैक्स भुगतान में किसी राहत की घोषणा नहीं की गई है। आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 194पी के तहत 75 वर्ष और उससे अधिक की उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को आईटीआर या इनकम टैक्स रिटर्न भरने की प्रक्रिया से छूट दी गई है।
- By: Abhishek Parashar
- Published: Dec 2, 2024 at 03:42 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। संसद के शीतकालीन सत्र के बीच सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर वायरल पोस्ट में यह दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने 75 वर्ष और उससे अधिक उम्र के बुजुर्गों को इनकम टैक्स के दायरे से बाहर कर दिया है और अब उन्हें अपनी आय पर किसी तरह के आयकर या इनकम टैक्स का भुगतान नहीं करना होगा।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया। 75 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को आयकर अधिनियम की धारा 194पी के तहत इनकम टैक्स फाइलिंग से राहत मिलती है, न कि इनकम टैक्स भुगतान से। इसलिए यह दावा गलत है कि केंद्र सरकार की ‘नई’ घोषणा के बाद बुजुर्गों को अब इनकम टैक्स का भुगतान नहीं करना होगा। 60 वर्ष और 80 वर्ष से अधिक की उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को नई और पुरानी टैक्स व्यवस्थाओं में निर्धारित टैक्स स्लैब के मुताबिक आयकर का भुगतान करना होता है।
क्या है वायरल?
सोशल मीडिया यूजर ‘திடீர்னு தூங்கிடுவேன்’ ने वायरल पोस्ट (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “Is it true, some one please clarify,Central Government’s Big Announcement – These People Will Not Have to Pay Tax
The Modi government will not have to pay tax to the senior citizens of the country, because on the completion of 75 years of India’s independence, senior citizens above 75 years of age will no longer have to pay tax on their income.
Senior citizens in India live on income from pensions and other schemes, they will no longer have to pay any tax on their income and they will not have to file income tax returns, senior citizens have been given exemptions in this.
According to the information given by the Central Board of Direct Taxes, the central government has changed the law to provide tax exemption to senior citizens, which includes important changes between Rule 31, Rule 31A, Form 16 and 24Q, and senior citizens above 75 years of age will have to submit a 12-BBA application to the bank to get tax exemption.
Suresh Pote, Secretary – Maharashtra Senior Citizens Federation – Mumbai – Navi Mumbai Division.For senior citizens – the news is very important, you should share it with others too.”
कई अन्य यूजर्स ने इस पोस्ट को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
पड़ताल
वायरल दावे की जांच के लिए हमने सोशल मीडिया सर्च की मदद ली और सर्च में हमें ऐसी कोई रिपोर्ट्स नहीं मिली, जिसमें सीनियर सिटिजंस को इनकम टैक्स नहीं चुकाने की घोषणा का जिक्र हो। सर्च में हमें ऐसी कई रिपोर्ट्स जरूर मिली, जिसमें इस दावे को फेक बताया गया है।
न्यूज सर्च में हमें ऐसी कई रिपोर्ट्स भी मिलीं, जिसमें सरकार से पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा, “वरिष्ठ नागरिकों को आयकर में राहत देने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।”
केंद्र सरकार की नोडल इन्फॉर्मेशन एजेंसी प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) ने भी वायरल दावे का खंडन करते हुए कहा है, “75 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों, जिन्हें केवल पेंशन और ब्याज से आमदनी होती है, उन्हें आईटीआर फाइलिंग (सेक्शन 194पी के तहत) से छूट है। जहां उनकी टैक्स देनदारी बनती है, बैंक स्रोत पर ही उसकी कटौती कर लेते हैं।”
इनकम टैक्स की आधिकारिक वेबसाइट पर भी इसका जिक्र है, जिसके तहत इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की धारा 194पी के तहत (75 वर्ष से अधिक की आयु) सीनियर सिटिजंस को इनकम टैक्स फाइलिंग यानी आईटीआर भरने से छूट मिलती है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021 के बजट में वरिष्ठ नागरिकों के लिए इस राहत उपाय की घोषणा की थी।
बतातें चले कि इनकम टैक्स में 60 वर्ष से अधिक की आयु और 80 वर्ष से अधिक की आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए टैक्स छूट का प्रावधान है।
60 वर्ष से अधिक की उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को नई और पुरानी दोनों ही टैक्स व्यवस्थ में तीन लाख रुपये तक की आय पर किसी तरह के कर का भुगतान नहीं करना होता है।
वहीं 80 वर्ष से अधिक की उम्र के वरिष्ठ नागरिकों के लिए पुरानी टैक्स व्यवस्था में जहां 5 लाख रुपये तक की आय के लिए किसी तरह की आयकर का भुगतान नहीं करना होता है, वहीं नई टैक्स व्यवस्था में तीन लाख रुपये तक की आय कर से मुक्त है।
हमारी जांच से स्पष्ट है कि वायरल पोस्ट में किया गया यह दावा गलत है कि सीनियर सिटिजंस या वरिष्ठ नागरिकों की आय को इनकम टैक्स के दायरे से बाहर कर दिया गया है।
वायरल दावे को लेकर हमने बिजनेस स्टैंडर्ड के डिप्टी न्यूज एडिटर नीलकमल सुंदरम से संपर्क किया और उन्होंने स्पष्ट करते कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से बुजुर्गों या वरिष्ठ नागरिकों को इनकम टैक्स से छूट दिए जाने के दावे में कोई सच्चाई नहीं है।
वायरल पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर ने जिस ग्रुप में इस पोस्ट को शेयर किया है, उसके करीब डेढ़ लाख लोग सदस्य हैं। टैक्स से संबंधित अन्य वायरल दावों की फैक्ट चेक रिपोर्ट को विश्वास न्यूज के बिजनेस सेक्शन में पढ़ा जा सकता है।
आर्थिक मुद्दों से संबंधित अन्य वायरल दावों की फैक्ट चेक रिपोर्ट को विश्वास न्यूज के बिजनेस सेक्शन और अन्य एक्सप्लेनर आर्टिकल को एक्सप्लेनर सेक्शन में पढ़ा जा सकता है।
निष्कर्ष: केंद्र सरकार की तरफ से बुजुर्गों को इनकम टैक्स छूट की राहत दिए जाने का दावा गलत है। केंद्र सरकार की तरफ से वरिष्ठ नागरिकों के लिए इनकम टैक्स भुगतान में किसी राहत की घोषणा नहीं की गई है। आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 194पी के तहत 75 वर्ष और उससे अधिक की उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को आईटीआर या इनकम टैक्स रिटर्न भरने की प्रक्रिया से छूट दी गई है।
- Claim Review : केंद्र सरकार ने बुजुर्गों के लिए इनमक टैक्स छूट की घोषणा की।
- Claimed By : FB User-திடீர்னு தூங்கிடுவேன்
- Fact Check : झूठ
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