schema:text
| - Fact Check: जॉर्ज सोरोस के साथ सोनिया-राहुल गांधी की मुलाकात की तस्वीरें FAKE है, AI से बनाई गई हैं
सोनिया गांधी और राहुल गांधी की जॉर्ज सोरोस के साथ मुलाकात का दावा फेक है और इस दावे के साथ वायरल हो रही तस्वीरें वास्तविक नहीं, बल्कि सिंथेटिक है, जिसे एआई टूल ग्रोक की मदद से बनाया गया है।
By: Abhishek Parashar
-
Published: Mar 3, 2025 at 05:00 PM
-
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर कई यूजर्स राहुल गांधी और सोनिया गांधी की कई तस्वीरों एक कोलाज शेयर कर रहे हैं, जिसमें उन्हें जॉर्ज सोरोस के साथ कथित मुलाकात करते हुए देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने कई अलग-अलग मौकों पर जार्ज सोरोस से मुलाकात की।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को फेक पाया। जॉर्ज सोरोस के साथ सोनिया और राहुल गांधी की मुलाकात की ये तस्वीरें ऑरिजिनल नहीं, बल्कि फेक हैं, जिन्हें एआई टूल की मदद से बनाया गया है।
क्या है वायरल?
सोशल मीडिया यूजर ‘Yash Vir Singh’ ने वायरल तस्वीर (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “यह तस्वीरे चीख चीख कर कह रही है कि भारत को जल्द से जल्द कांग्रेस मुक्त करने की जरूरत है…राहुल गांधी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से उनकी मां सोनिया गांधी और खुद पर लगाए गए सोरॉस के संबंध के आरोपों के बारे में रिकॉर्ड से हटाने का अनुरोध क्यों किया? उन्होंने वेणुगोपाल और जयराम रमेश के साथ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से मुलाकात की और उनसे अनुरोध किया कि वे उनके और उनकी मां के खिलाफ सोरोस-गहरे राज्य-ओसीसीआरपी के साथ उनके संबंध के आरोपों को हटा दें।..हालांकि, स्पीकर ने उनके अनुरोध को खारिज कर दिया है। स्पीकर ने उनकी मांग को क्यों अस्वीकार कर दिया? यह उनके खिलाफ आरोप नहीं है, बल्कि यह सबूतों से लैस सच्चाई है और निशिकांत दुबे, सुधांशु त्रिवेदी और संबित पात्रा द्वारा संसद के अंदर खुले तौर पर सबूत पेश किए जा रहे हैं। याद रखें कि वे सभी मौजूदा सांसद हैं और वे आरोप लगाने की अपनी जिम्मेदारियों के बारे में जानते हैं। राहुल और उसकी माँ को रंगे हाथों पकड़ा जाता है और वे अब देश के कानून से बच नहीं सकते। यह इतना गंभीर है कि वे इससे कभी बाहर नहीं आएंगे ।”
विश्वास न्यूज के टिपलाइन पर कई यूजर्स ने इस तस्वीर को भेज कर इसकी सच्चाई बताने का अनुरोध किया है।
पड़ताल
वायरल इन्फोग्राफिक्स में कुल पांच तस्वीरों को शेयर किया गया है, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी कथित तौर पर जॉर्ज सोरोस के साथ नजर आ रहे हैं। एक तस्वीर में राहुल गांधी पू्र्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की मौजूदगी में जॉर्ज सोरोस से मिलते हुए नजर आ रहे हैं।
इन तस्वीरों में स्वाभाविक एलिमेंट की मौजूदगी का अभाव है, जिससे इसके सिंथेटिक होने का आभास होता है। इसलिए हमने इस तस्वीर को एआई डिटेक्टर टूल की मदद से चेक किया और जांच में इन सभी तस्वीरों के एआई से बने होने की संभावना की पुष्टि हुई। हाइव मॉडरेशन टूल की एनालिसिस में इन तस्वीरों के एआई से बने होने की संभावना 80 फीसदी से अधिक है।
इसके बाद हमने सभी पांचों तस्वीरों के ऑरिजिनल सोर्स को ढूंढने के लिए रिवर्स इमेज सर्च की मदद ली। सर्च में हमें इन सभी तस्वीरों का ऑरिजिनल सोर्स मिला, जिसे ग्रोक (एक्स का एआई टूल) की मदद से बनाया गया है। पहली दो वायरल तस्वीरों और उनके ऑरिजिनल सोर्स को यहां देखा जा सकता है, जिसे ग्रोक की मदद से बनाया गया है।
अन्य तीन वायरल तस्वीरों और उनके ऑरिजिनल सोर्स को यहां देखा जा सकता है, जिसे ग्रोक की मदद से बनाया गया है।
इन सभी तस्वीरों पर ग्रोक का लोगो लगा हुआ है। बताते चलें कि ग्रोक, जेनेरेटिव एआई चैटबॉट है, जिसे XAI ने डेवलप किया है। इसे एलन मस्क ने 2023 में लॉन्च किया था।
न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर 2024 में संसद के सत्र के दौरान उस वक्त हंगामा खड़ा हो गया, जब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पर जॉर्ज सोरोस के साथ मिलीभगत का आरोप लगाते हुए भारत की तरक्की की राह में रोड़ा अटकाने का आरोप लगाया। इसके बाद कांग्रेस ने सरकार से पूछा कि आखिर क्यों निशिकांत दुबे को संसदीय नियमों का उल्लंघन करते हुए ऐसा बोलने दिया गया।
बीबीसी की नौ दिसंबर 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक, “निशिकांत दुबे ने गुरुवार को इस मुद्दे को संसद में भी उठाया था और संसद के बाहर भी इस मुद्दे पर मीडिया में बयान दिया था। हालांकि, कांग्रेस नेता शशि थरूर ने निशिकांत दुबे के आरोप को संसदीय विशेषाधिकार के ख़िलाफ़ बताया है। शशि थरूर ने आरोप लगाया है कि संसद के नियमों के ख़िलाफ़ राहुल गांधी को बिना नोटिस दिए निशिकांत दुबे को बोलने की अनुमति दी गई।”
रिपोर्ट के मुताबिक, “अमेरिकी अरबपति कारोबारी जॉर्स सोरोस के मुद्दे पर बीजेपी पहले भी हमलावर रही है। पिछले साल की शुरुआत में जर्मनी के म्यूनिख़ में रक्षा सम्मेलन में जॉर्ज सोरोस ने कहा था, भारत एक लोकतांत्रिक देश है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकतांत्रिक नहीं हैं और मोदी के तेज़ी से बड़ा नेता बनने की अहम वजह भारतीय मुसलमानों के साथ की गई हिंसा है। सोरोस ने भारतीय कारोबारी गौतम अदानी का भी ज़िक्र किया था और कहा था, “मोदी और अरबपति अदानी में क़रीबी रिश्ते हैं। दोनों का भविष्य एक-दूसरे से बंधा हुआ है। अदानी पर स्टॉक मैनीपुलेशन के आरोप हैं और मोदी इस मामले पर खामोश हैं, लेकिन उन्हें विदेशी निवेशकों और संसद में सवालों के जवाब देने ही होंगे।”
इसके बाद तत्कालीन केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर कहा था कि जॉर्ज सोरोस का बयान भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बर्बाद करने की घोषणा है।
हमारी जांच से स्पष्ट है कि जॉर्ज सोरोस के साथ राहुल गांधी और सोनिया की मुलाकात की तस्वीर फेक है, जिसे एआई टूल ग्रोक की मदद से बनाया गया है। विश्वास न्यूज जॉर्ज सोरोस और उससे संबंधित फंडिंग मामले में बीजेपी और कांग्रेस के आरोप-प्रत्यारोपों की पुष्टि नहीं करता है।
वायरल तस्वीर को शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल से विचारधारा विशेष से प्रेरित सामग्री शेयर की जाती रही है। इन तस्वीरों को लेकर हमने कांग्रेस के प्रवक्ता से संपर्क किया है। उनकी प्रतिक्रिया आने पर इस रिपोर्ट को अपडेट किया जाएगा।
निष्कर्ष: सोनिया गांधी और राहुल गांधी की जॉर्ज सोरोस के साथ मुलाकात का दावा फेक है और इस दावे के साथ वायरल हो रही तस्वीरें वास्तविक नहीं, बल्कि सिंथेटिक है, जिसे एआई टूल ग्रोक की मदद से बनाया गया है।
Claim Review : जॉर्ज सोरोस के साथ सोनिया गांधी और राहुल गांधी की मुलाकात की तस्वीर।
-
Claimed By : Tipline User
-
Fact Check : झूठ
-
पूरा सच जानें... किसी सूचना या अफवाह पर संदेह हो तो हमें बताएं
सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी मैसेज या अफवाह पर संदेह है जिसका असर समाज, देश और आप पर हो सकता है तो हमें बताएं। आप हमें नीचे दिए गए किसी भी माध्यम के जरिए जानकारी भेज सकते हैं...
|