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  • केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने हाल में इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में चुनावी बॉन्ड (Electoral Bond) को लेकर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने दावा किया कि राजनीति से काला धन खत्म करने के लिए बॉन्ड जारी किए गए थे. शाह ने आगे कहा कि ऐसी धारणा है कि चुनावी बॉन्ड से सबसे ज्यादा फायदा बीजेपी (BJP) को हुआ है क्योंकि पार्टी सत्ता में है. उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के इस आरोप की भी आलोचना की कि चुनावी बॉन्ड दुनिया की सबसे बड़ी उगाही का जरिया है. अमित शाह ने कहा - 'मैं देश की जनता के सामने स्पष्ट कर देना चाहता हूं. भारतीय जनता पार्टी को लगभग 6,000 करोड़ रुपये के बॉन्ड मिले, जबकि कुल 20,000 करोड़ रुपये के हैं, तो फिर 14,000 करोड़ रुपये के बॉन्ड कहां गए? मैं बताता हूं. TMC को 1600 करोड़ के मिले. कांग्रेस को 1400 करोड़ के मिले. बीआरएस को 1200 करोड़ रुपये के मिले, बीजेडी को 775 करोड़ के मिले, डीएमके को 639 करोड़ के मिले.जैसा कि इंडिया टुडे कॉनक्लेव में अमित शाह ने कहा वीडियो को अमित शाह के आधिकारिक X (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर शेयर किया गया था. शाह ने आगे कहा कि बीजेपी के 300 से ज्यादा सांसद और 11 करोड़ सदस्य पार्टी के लिए काम कर रहे हैं और उन्हें लगभग 6,000 करोड़ रुपये मिले थे. उन्होंने आगे आरोप लगाया कि बाकी दलों के सांसदों की संख्या समान होती, तो चुनावी बॉन्ड से उनका कलेक्शन बीजेपी से भी ज्यादा होता. गृह मंत्री के बयान में गलत क्या है? : चुनाव आयोग (ECI) ने 14 मार्च को जो चुनावी बॉन्ड जारी किए, उनका कुल मूल्य लगभग 12,000 करोड़ रुपए थे. जबकि अमित शाह का दावा है कि विपक्ष को 14,000 करोड़ रुपए के बॉन्ड मिले, यहीं ये दावा तथ्यात्मक रूप से गलत साबित होता है. रिपोर्ट्स में क्या पता चला ? द क्विंट की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि चुनावी बॉन्ड की कुल रकम में से अकेले बीजेपी को लगभग 50% मिले हैं. वहीं तृणमूल कांग्रेस (TMC) और कांग्रेस पार्टी दूसरे और तीसरे नंबर पर हैं. ये रिपोर्ट उन आंकड़ों पर आधारित है, जो भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद चुनाव आयोग को सौंपे हैं. इन आंकड़ों में अप्रैल 2019 से फरवरी 2024 के बीच खरीदे गए बॉन्ड का डेटा है. अमित शाह का ये अब तक जारी आंकड़ों के मुताबिक सच नहीं है कि चुनावी बॉन्ड के जरिए अलग-अलग पार्टियों को कुल 20,000 करोड़ रुपए का चंदा मिला. बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी ने 12 अप्रैल 2019 और 24 जनवरी 2024 के बीच 6,060 करोड़ रुपये चुनावी बॉन्ड के जरिए हासिल किए. इसका सीधा मतलब ये है कि इस दौरान भुनाए गए कुल बॉन्ड का 47.5% से ज्यादा बीजेपी ने हासिल किया. आगे बताया गया है कि तृणमूल कांग्रेस को 1,609 करोड़ रुपये और कांग्रेस को लगभग 1,421 करोड़ रुपये मिले. यानी ये पार्टियां दूसरी और तीसरी सबसे बड़ी लाभार्थी हैं. जिस मीडिया प्लेटफॉर्म पर गृह मंत्री ने ये दावा किया. उसी इंडिया टुडे ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो पब्लिश किया था, जिसमें कहा गया था कि बीजेपी को चुनावी बॉन्ड की कुल राशि का 47% मिला. एंकर ने इस वीडियो में बताया है कि ये डेटा ECI की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों पर आधारित था. इन रिपोर्ट्स के आधार पर, बीजेपी को कुल राशि का लगभग 47% मिला. अमित शाह के कहे मुताबिक ही ये राशि लगभग 6,000 करोड़ रुपये थी. सार्वजनिक किए गए चुनावी बॉन्ड की कुल राशि लगभग 12,000 करोड़ रुपए है, जिनमें से 6,000 करोड़ के बॉन्ड बीजेपी को मिले हैं. राजनीतिक दलों की ऑडिट रिपोर्ट का डेटा क्या कहता है ? टीम वेबकूफ ने एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की तरफ से उनकी वेबसाइट पर जारी किए गए डेटा को चेक किया, जिसमें चुनावी बॉन्ड के माध्यम से सभी राजनीतिक दलों को मिली कुल रकम के बारे में बताया गया है. ये डेटा राजनीतिक दलों की ऑडिट रिपोर्ट से लिया गया था, लेकिन इसमें वित्तीय वर्ष 2023-24 के आंकड़े शामिल नहीं हैं. ADR के मुताबिक, भाजपा को वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2022-23 तक 6,500 करोड़ से ज्यादा का चंदा चुनावी बॉन्ड से मिला. कांग्रेस पार्टी को इसी अवधि के दौरान 1,100 करोड़ रुपये और टीएमसी को 1,000 करोड़ रुपये मिले. इलेक्टोरल बॉन्ड का पार्टी वार हिस्सा निकाला जाए, तो बीजेपी को लगभग 54 % और कांग्रेस और टीएमसी दोनों को 9% मिला. रिपोर्ट से पता चलता है कि चुनावी बॉन्ड की कुल राशि में से सभी राजनीतिक दलों ने 11,986 करोड़ रुपये के बॉन्ड भुनाए. कुछ बॉन्ड सार्वजनिक नहीं हुए ?: न्यूजलॉन्ड्री की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि 1 मार्च 2018 से 15 मई 2019 के बीच जारी किए गए 4,002 करोड़ रुपये के 9,159 बॉन्ड की जानकारी SBI ने अब तक नहीं दी है. (गृह मंत्री ने ये दावा 15 मार्च 2024 को आयोजित इंडिया टुडे कॉनक्लेव में किया था. ये फैक्ट चेक रिपोर्ट उस वक्त तक सार्वजनिक किए गए आंकड़ों के आधार पर है.) (हमने गृह मंत्री अमित शाह के कार्यालय से उनके बयान को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है, जिसमें हमने ये भी पूछा है कि इंटरव्यू के दौरान उन्होंने जिन आंकड़ों का जिक्र किया, उसका सोर्स क्या है. जब भी हमें कोई प्रतिक्रिया मिलेगी, इस रिपोर्ट को अपडेट किया जाएगा.) निष्कर्ष: साफ है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का ये दावा तथ्यों के लिहाज से सही नहीं कि विपक्षी दलों को लगभग 14,000 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड मिले हैं (अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9540511818 ,या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं.) (At The Quint, we question everything. Play an active role in shaping our journalism by becoming a member today.)
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