About: http://data.cimple.eu/claim-review/0cc0fafcd5352cea4c1b46aae195553cb9baceb517ba80ce5f078e7c     Goto   Sponge   NotDistinct   Permalink

An Entity of Type : schema:ClaimReview, within Data Space : data.cimple.eu associated with source document(s)

AttributesValues
rdf:type
http://data.cimple...lizedReviewRating
schema:url
schema:text
  • दिवंगत एक्टिविस्ट राजीव दीक्षित (Rajiv Dixit) का एक वीडियो वायरल है, जिसमें वो भारत के राष्ट्रगान और रविंद्र नाथ टैगोर के योगदान को लेकर एक कुछ दावे किए जा रहे हैं. वीडियो में क्या है ? : राजीव दीक्षित कहते हैं कि टैगोर ने राष्ट्रगान उस वक्त के भारत के ब्रिटिश शासक किंग जॉर्ज पंचम की तारीफ में लिखा था. दीक्षित के बयान के मुताबिक, अंग्रेजी हुकूमत राष्ट्रगान से इतने खुश हुए कि उन्होंने टैगोर को साहित्य में नोबेल पुरस्कार देने का फैसला लिया. क्योंकि वही नोबेल कमेटी के चेयरमैन थे. दावे में दीक्षित कहते हैं कि महात्मा गांधी ने टैगोर से अपील की थी कि वो 1919 में हुए जलियावालां बाग नरसंहार के विरोध में अपना पुरस्कार वापस कर दें, पर टैगोर ने ऐसा करने से मना कर दिया. पर ...?. ये दावा सच नहीं है टैगोर ने राष्ट्र गान अंग्रेजी हुकूमत के लिए नहीं लिखा था और उन्होंने 1911 में ऐसी अफवाह उड़ने के चलते एक आधिकारिक पत्र में इसका स्पष्टीकरण भी दिया था. यही नहीं, किंग जॉर्ज पंचम 1913 में उस स्वीडिश अकादमी के चेयरमैन नहीं थे, जिसकी तरफ से साहित्य में नोबेल पुरुस्कार दिया जा रहा था. टैगोर ने अपना नोबेल पुरस्कार नहीं लौटाया ये सच है. लेकिन, ये जान लेना भी जरूरी है कि ये पुरस्कार अंग्रेजों ने नहीं दिया था. उन्होंने 1919 में जलियांवाला बाग नरसंहार के बाद अपनी उपाधि रद्द करने के संबंध में एक पत्र लिखा था. हमें कैसे पता चला?: अब हमने भारत के राष्ट्रगान जन गण मन से जुड़ी जानकारी देखना शुरू की. 2011 में भारत के राष्ट्रगान को 100 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में बीबीसी पर एक रिपोर्ट छपी थी. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि राष्ट्रगान को लेकर विवाद उस वक्त शुरू हुआ जब किंग जॉर्ज पंचम के कोलकाता आगमन पर उनके सामने इसे गाया गया था. इसमें जिक्र है कि ''कोलकाता में अंग्रेजी प्रेस के एक तबके ने ये रिपोर्ट किया था कि टैगोर का राष्ट्रगान अंग्रेजी हुकूमत को एक नज़राना है.'' 1939 में लिखे टैगोर के पत्र के हवाले से यहां बताया गया है कि "मुझे इसे अपना अपमान मानना चाहिए अगर मैं उन लोगों को जवाब देने की परवाह करता हूं जो मुझे ऐसी असीम मूर्खता के लिए सक्षम मानते हैं." यानी टैगोर ने इस पत्र में साफ बताया है कि टैगोर ने खुद इस दावे को गलत बताया. हमें यही जानकारी किताब 'Our National Songs' के पेज नं 3 पर मिली. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की तरफ से प्रकाशित किताब में ये पुष्टि की गई है कि टैगोर ने ये गाना ब्रिटिश सरकार के लिए नहीं लिखा था. निष्कर्ष : भारत का राष्ट्रगान किंग जॉर्ज पंचम के लिए नहीं लिखा गया था. ये दावा भी सच नहीं है कि ब्रिटिश शासन की तरफ से टैगोर को साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया. टैगोर ने पुरस्कार वापस करने से मना भी नहीं किया था. (अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9540511818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं)
schema:mentions
schema:reviewRating
schema:author
schema:datePublished
schema:inLanguage
  • English
schema:itemReviewed
Faceted Search & Find service v1.16.123 as of May 22 2025


Alternative Linked Data Documents: ODE     Content Formats:   [cxml] [csv]     RDF   [text] [turtle] [ld+json] [rdf+json] [rdf+xml]     ODATA   [atom+xml] [odata+json]     Microdata   [microdata+json] [html]    About   
This material is Open Knowledge   W3C Semantic Web Technology [RDF Data]
OpenLink Virtuoso version 07.20.3241 as of May 22 2025, on Linux (x86_64-pc-linux-musl), Single-Server Edition (126 GB total memory, 11 GB memory in use)
Data on this page belongs to its respective rights holders.
Virtuoso Faceted Browser Copyright © 2009-2025 OpenLink Software