About: http://data.cimple.eu/claim-review/2459b2d0d7843e9a30635817827fd1a2d7069561f00da6d869ae3bbe     Goto   Sponge   NotDistinct   Permalink

An Entity of Type : schema:ClaimReview, within Data Space : data.cimple.eu associated with source document(s)

AttributesValues
rdf:type
http://data.cimple...lizedReviewRating
schema:url
schema:text
  • Authors Claim आयुर्वेदिक डायट और फास्टिंग से नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी का स्टेज-4 कैंसर ठीक हुआ है। Fact डॉक्टरों का कहना है कि केवल आयुर्वेद से कैंसर का इलाज नहीं किया जा सकता। पूर्व क्रिकेटर और नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने हाल ही में अमृतसर के अपने आवास से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह जानकारी दी थी कि उनकी पत्नी और पूर्व विधायक नवजोत कौर सिद्धू, मेटास्टेटिक (स्टेज-4) स्तन कैंसर से मुक्त हो गई हैं। कई सोशल मीडिया यूज़र्स अब इस प्रेस कॉन्फ्रेंस से 1:47 मिनट का एक अंश साझा कर रहे हैं। इसमें सिद्धू ने कथित तौर पर बताया कि कैसे उनकी पत्नी ने “घरेलु उपचार” की मदद से बचने की केवल 3% संभावना को हराया, जिसमें नींबू पानी, कच्ची हल्दी, सेब साइडर सिरका (Apple Cider Vinegar), नीम के पत्ते और तुलसी का दैनिक सेवन शामिल था। ऐसी ही एक वायरल एक्स पोस्ट में लिखा है, “इस डाइट ने उन्हें सिर्फ़ 40 दिनों में कैंसर मुक्त कर दिया।” इस पोस्ट को अब तक 1.9 मिलियन बार देखा जा चुका है। सिद्धू को आगे यह कहते हुए सुना जा सकता है कि कैसे कैंसर को जीवनशैली में सरल बदलावों से हराया जा सकता है। ऐसी ही एक्स पोस्ट में लिखा है, “सिद्धू ने कहा है कि उनकी दिनचर्या में नींबू पानी, कच्ची हल्दी, सेब साइडर सिरका, नीम के पत्ते और तुलसी शामिल थे। सिद्धू ने कहा ‘उन्होंने कैंसर को हराया क्योंकि वह अनुशासित थीं और सख्त दिनचर्या का पालन करती थीं।’ सिद्धू के अनुसार, उन्होंने एंटी-इंफ्लेमेटरी और कैंसर-रोधी खाद्य पदार्थों का भी सेवन किया, जिसमें खाना पकाने को नारियल तेल, कोल्ड-प्रेस्ड तेल या बादाम के तेल तक ही सीमित रखा गया। ‘उनकी सुबह की चाय में दालचीनी, लौंग, गुड़ और इलायची जैसे मसाले होते थे।” Fact Check/ Verification Newschecker ने पाया कि कई यूज़र्स सिद्धू के इन दावों की आलोचना कर कहा कि सिद्धू आधा सच और गलत सूचना फैला रहे हैं। लोगों ने टिप्पणी की है कि सिद्धू वैकल्पिक चिकित्सा को एकमात्र उपचार के रूप में बढ़ावा दे रहे हैं, जिससे कई रोगियों को खतरा हो सकता है। इसके बाद न्यूज़चेकर ने “नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी का कैंसर उपचार” को गूगल कीवर्ड सर्च किया। इस दौरान हमें 22 नवंबर, 2024 को “नवजोत सिंह सिद्धू ने पत्नी के स्टेज IV कैंसर से उबरने की यात्रा साझा की; यहां बताया गया है कि विशेषज्ञ आहार संबंधी दावों पर सावधानी बरतने की सलाह क्यों देते हैं” शीर्षक के साथ इंडियन एक्सप्रेस द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट में कहा गया है, “सिद्धू ने बताया कि उनकी पत्नी ने अपना ज़्यादातर इलाज सरकारी अस्पतालों में करवाया, जिसमें पटियाला का सरकारी राजेंद्र मेडिकल कॉलेज भी शामिल है, जिसका कुल खर्च सिर्फ़ कुछ लाख रुपये था। सिद्धू ने कहा, ‘उन्होंने कैंसर को इसलिए नहीं हराया क्योंकि हमारे पास पैसे थे, बल्कि इसलिए क्योंकि वह अनुशासित थीं और सख्त दिनचर्या का पालन करती थीं। सरकारी अस्पतालों में भी कैंसर का प्रभावी ढंग से इलाज किया जा सकता है।” इससे साफ़ पता चलता है कि सिद्धू ने कई अस्पतालों में अपनी पत्नी के इलाज के बारे में बात की थी। साथ ही, सिद्धू ने बताया कि उनकी पत्नी ने मेडिकल ट्रीटमेंट के साथ-साथ अपने अनुशासन और जीवनशैली में बदलाव पर भी ज़ोर दिया, जिसमें सख्त डाइट भी शामिल थी, जिसने उनके ठीक होने में अहम भूमिका निभाई। कई मीडिया रिपोर्ट्स से इस बात की पुष्टि होती है कि सिद्धू की पत्नी का इलाज सरकारी अस्पतालों में हुआ था। ऐसी रिपोर्ट्स को यहां, यहां और यहां देखा जा सकता है। सिद्धू ने बताया है कि उनकी पत्नी की दिनचर्या में नींबू पानी, कच्ची हल्दी, सेब का सिरका, नीम के पत्ते और तुलसी शामिल हैं। Newschecker ने सिद्धू के इन सभी दावों की सच्चाई जानने का प्रयास किया। क्या नींबू और नींबू का रस कैंसर के इलाज में मदद करते हैं? Newschecker को कई रिपोर्ट्स मिलीं, जिनमें कहा गया कि यह दावा सही और गलत जानकारी का मिश्रण है। यह उन अध्ययनों से प्रेरित है जो दिखाते हैं कि नींबू जैसे खट्टे फलों में कुछ ऐसे गुण होते हैं जो कुछ प्रकार के कैंसर को रोकने या उससे लड़ने में मददगार हो सकते हैं। 8 मार्च 2019 को यूएएमएस (मेडिकल साइंस के लिए अरकंसास विश्वविद्यालय) द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में लिखा गया, “नींबू के रस के लाभकारी गुणों ने हाल के अध्ययनों में अच्छे नतीजे दिखाए हैं, लेकिन जो स्तर खाद्य पदार्थों में होते हैं, वे केवल शरीर की कैंसर से लड़ने की क्षमता को बढ़ा सकते हैं। ये विकिरण चिकित्सा या कीमोथेरेपी का वैज्ञानिक रूप से साबित हुआ विकल्प नहीं हैं।” इसी तरह की रिपोर्ट्स (Report 1, Report 2) में यह भी कहा गया है कि “हालांकि अध्ययनों से यह पता चलता है कि नींबू और अन्य खट्टे फलों में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले पदार्थ (जैसे साइट्रस पेक्टिन और लिमोनोइड्स) कैंसर से लड़ने में मदद कर सकते हैं, लेकिन इन गुणों का मनुष्यों पर परीक्षण नहीं किया गया है।” हल्दी के बारे में सच्चाई क्या है? Newschecker ने केरल के कैरिटास कैंसर इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. जोजो वी. जोसेफ से संपर्क किया। उन्होंने 24 नवंबर 2024 को उनके चैनल पर अपलोड किए गए एक यूट्यूब वीडियो का जिक्र किया, जिसमें सिद्धू के दावों पर बात की गई है। डॉ. जोसेफ ने बताया कि तिरुवनंतपुरम स्थित एक संस्थान ने हल्दी में पाए जाने वाले यौगिक करक्यूमिन का उपयोग करके कैंसर के इलाज की एक विधि पर अमेरिकी पेटेंट प्राप्त किया है। इस रिपोर्ट को प्राकृतिक चिकित्सा के समर्थकों ने बढ़ावा दिया है। डॉक्टर ने स्पष्ट किया, “इस पेटेंट का मतलब यह नहीं है कि इस उपचार को मान्यता या स्वीकृति मिल गई है। इसका सिर्फ यह मतलब है कि उस संस्थान को एक खास तरह के उपचार का अधिकार मिला है।” हमें 3 नवंबर 2022 को अपडेट किया गया एक चिकित्सकीय समीक्षा वाला लेख भी मिला। इसमें बताया गया है कि “कुछ अध्ययनों से हल्दी में मौजूद करक्यूमिन के कई स्वास्थ्य लाभों का पता चला है, जिसमें कैंसर कोशिकाओं से लड़ने की क्षमता भी शामिल है। लेकिन इन अध्ययनों से यह साफ नहीं है कि यह उन लोगों के लिए है जो कैंसर से पीड़ित हैं या जो इससे बचने की कोशिश कर रहे हैं।” 9 मई 2022 को की गई अंतिम समीक्षा के साथ कैंसर रिसर्च यूके द्वारा प्रकाशित लेख में लिखा गया है, “करक्यूमिन पर क्लिनिकल ट्रायल चल रहे हैं और कुछ नतीजे उम्मीद बढ़ाने वाले रहे हैं। लेकिन अभी भी बड़े अध्ययनों की जरूरत है। फिलहाल, मनुष्यों में कोई ऐसा स्पष्ट सबूत नहीं है जो यह दिखाए कि हल्दी या करक्यूमिन कैंसर को रोक सकता है या उसका इलाज कर सकता है।” लेख में यह भी चेतावनी दी गई थी कि “हालांकि कई वेबसाइट हल्दी को कैंसर के इलाज के रूप में प्रचारित करती हैं, कोई भी प्रतिष्ठित वैज्ञानिक कैंसर संगठन इन दावों का समर्थन नहीं करता है।” क्या सेब का सिरका कैंसर का इलाज कर सकता है? Newschecker को कई लेख मिले हैं, जिनमें बताया गया है कि सेब के सिरके (Apple Cider Vinegar) से कैंसर का इलाज करने के दावे को साबित करने के लिए बहुत कम शोध उपलब्ध हैं। लेखों में यह भी कहा गया है कि सेब का सिरका एक सुरक्षित और सेहतमंद आहार का हिस्सा हो सकता है। हालांकि, यह कैंसर के इलाज या किसी गंभीर चिकित्सा उपचार का विकल्प नहीं हो सकता। 23 अगस्त 2018 को यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो मेडिकल सेंटर द्वारा प्रकाशित एक लेख में लिखा गया, “कुछ अध्ययनों से पता चला है कि सिरके में कैंसर से लड़ने वाले गुण हो सकते हैं। इन अध्ययनों में कैंसर कोशिकाओं को कल्चर में तैयार कर सिरके या एसिटिक एसिड के संपर्क में रखा गया। लेकिन इन अध्ययनों की सीमाएँ साफ हैं। हम इंसानों के शरीर में सीधे सेब का सिरका (ACV) डालकर कैंसर का इलाज नहीं कर सकते। अगर IV के जरिए ACV दिया जाए, तो यह गंभीर नुकसान या मृत्यु का कारण बन सकता है।” नारियल से जुड़े मिथक कैंसर से लड़ने के लिए नारियल तेल का सेवन करना एक आम मिथक है, जिसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। सुबह-शाम तीन चम्मच ऑर्गेनिक नारियल तेल से कैंसर खत्म होने का यह दावा 2017 में हुए एक शोध से शुरू हुआ था। इस शोध में कुछ प्रकार के कैंसर कोशिकाओं पर लॉरिक एसिड (जो नारियल तेल में पाया जाता है) के प्रभावों को देखा गया था। श्री जयवर्धनपुरा विश्वविद्यालय के मेडिकल फैकल्टी के सीनियर लेक्चरर, डॉ. बिमलका सेनेविरत्ना ने 17 मई 2023 को AFP श्रीलंका को बताया, “ऐसा कोई भरोसेमंद वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है जो यह साबित करे कि रोजाना इस्तेमाल किया जाने वाला नारियल तेल कैंसर कोशिकाओं को मार सकता है या कैंसर से बचाव कर सकता है।” उन्होंने यह भी कहा, “किसी एक शोध के नतीजों के आधार पर यह दावा करना कि एक दिन में एक चम्मच नारियल तेल कैंसर रोक देगा, बहुत भ्रामक है।” डॉ. जोजो वी. जोसेफ ने कहा कि सिद्धू के बयान को कुछ लोगों ने तोड़-मरोड़कर यह भ्रामक दावा फैलाया है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग और प्राकृतिक आहार से कैंसर को हराया जा सकता है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि सिद्धू के बताए “विशेष” आहार से कैंसर को रोकने, नियंत्रित करने या ठीक करने का कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं है। डॉक्टर ने कहा, “यह कहना कि 40 दिनों के इलाज के बाद स्टेज-4 कैंसर का मरीज पूरी तरह ठीक हो गया और पीईटी स्कैन में बीमारी का कोई निशान नहीं मिला, गलत और भ्रामक है। कैंसर कोशिकाओं से पूरी तरह मुक्त होने में आमतौर पर तीन से चार साल लगते हैं। नवजोत कौर को 2023 में स्टेज-2 स्तन कैंसर का पता चला था। इसके बाद उन्होंने सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन और अन्य आधुनिक इलाज करवाए। उनकी सोशल मीडिया पोस्ट से भी यह साफ है कि उन्होंने इन तरीकों का इस्तेमाल किया।” उन्होंने यह भी कहा कि कौर को स्टेज-3 कैंसर था, जैसा कुछ डॉक्टरों ने बताया है, जबकि सिद्धू ने इसे स्टेज-4 बताया है, जिससे भ्रम पैदा हुआ है। डॉक्टर ने यह भी साफ किया कि उपवास से कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने के दावे सही नहीं हैं। इस बीच, सिद्धू ने भी 22 नवंबर 2024 को एक्स पर पोस्ट किया, जिसमें कहा गया, “उपचार + आहार – कैंसर के इलाज के लिए बढ़िया संयोजन!” उसी दिन एक अन्य पोस्ट में , सिद्धू ने वरयाम सिंह अस्पताल के डॉ. विकू बत्रा को धन्यवाद देते हुए कहा कि वह नवजोत कौर के पूरे इलाज के लिए जिम्मेदार मुख्य डॉक्टर थे, उनकी 24X7 देखभाल कर रहे थे, उन्हें बेहतरीन उपचार और भावनात्मक समर्थन प्रदान कर रहे थे, जो वायरल दावों का खंडन करता है कि केवल घरेलु उपचार और उपवास सहित जीवनशैली में बदलाव नवजोत कौर का कैंसर को ठीक करने के लिए पूरी तरह जिम्मेदार थे। फरीदाबाद के अमृता अस्पताल के मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. प्रशांत मेहता ने सिद्धू के दावों को “बिना सबूत के दी गई गलत जानकारी” कहा। उन्होंने बताया कि डिजिटल युग में सोशल मीडिया पर कई प्रभावशाली लोग और सेलिब्रिटी अपनी निजी आदतों और तरीकों को बढ़ावा देते हैं। लेकिन ये तरीके न तो हमेशा वैज्ञानिक रूप से साबित होते हैं और न ही हर किसी के लिए सही या सुरक्षित हो सकते हैं। डॉ. साइरिएक एबी फिलिप्स, एक प्रसिद्ध हेपेटोलॉजिस्ट, जो सोशल मीडिया पर चिकित्सा संबंधी फैली गलत सूचनाओं से जुड़े फैक्ट्स साझा करने के लिए मशहूर हैं, ने भी 22 नवंबर 2024 को वायरल दावों की आलोचना करने के लिए एक्स का सहारा लिया। उन्होंने कहा “… इस बात का कोई सबूत नहीं है कि कोई विशिष्ट आहार या जड़ी-बूटी या आयुर्वेदिक बकवास कैंसर को रोक सकता है, नियंत्रित कर सकता है या ठीक कर सकता है।” द लिवरडॉक (के नाम से ऑनलाइन जगत में लोकप्रिय) ने उन अध्ययनों का हवाला दिया, जिनमें पाया गया कि वैकल्पिक उपचार चुनने वाले कैंसर रोगियों को मृत्यु का अधिक खतरा होता है। डॉ. सुषमा सुमित, जो आयुर्वेद विशेषज्ञ और पुणे के ICTRC (इंटीग्रेटेड कैंसर ट्रीटमेंट एंड रिसर्च सेंटर) में सीनियर रिसर्च फेलो हैं, ने टाइम्स नाउ को बताया, “स्टेज IV कैंसर के इलाज में हर्बल दवा और विशेष आहार सहायक हो सकते हैं। हालांकि, अभी तक कोई बड़ा शोध नहीं है जो यह साबित करे कि केवल हर्बल दवाओं और आहार से मेटास्टेटिक कैंसर को ठीक किया जा सकता है।” उन्होंने यह भी कहा कि इस क्षेत्र में उपलब्ध नतीजे अक्सर मरीजों के व्यक्तिगत अनुभवों पर आधारित होते हैं। इसके अलावा, जो आहार और कैंसर-रोधी खाद्य पदार्थ कुछ मरीजों के लिए असरदार होते हैं, जरूरी नहीं कि वे सभी के लिए काम करें। हर मरीज की बीमारी का स्तर, शारीरिक क्षमता, मानसिक ताकत और अन्य स्वास्थ्य कारक अलग होते हैं। इसलिए इलाज और आहार भी व्यक्ति विशेष के हिसाब से तय करना चाहिए। इसके अलावा, टाटा मेमोरियल अस्पताल के निदेशक ने कथित तौर पर 260 से अधिक ऑन्कोलॉजिस्टों के साथ सिद्धू के इस दावे का खंडन किया कि सख्त आहार ने उनकी पत्नी को स्टेज-4 स्तन कैंसर से लड़ने में मदद की, उन्होंने 23 नवंबर 2024 को एक खुला पत्र साझा किया , जिसमें जनता से सिद्धू के बयानों के बाद “अप्रमाणित उपचार” का चयन करके उपचार में देरी न करने का आग्रह किया गया है। Conclusion जांच से हम इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि घरेलु उपचार से नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी का स्टेज-4 कैंसर ठीक होने का दावा गलत है। Result: False Sources Conversation with Dr Jojo V Joseph, senior consultant surgical oncologist, Caritas Cancer Institute Youtube video, Dr Jojo V Joseph, November 24, 2024 Indian Express report, November 22, 2024 Times Now report, November 22, 2024 X post, theliverdr, November 22, 2024 X post, Navjot Singh Sidhu, November 22, 2024 किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in फैक्ट-चेक और लेटेस्ट अपडेट्स के लिए हमारा WhatsApp चैनल फॉलो करें: https://whatsapp.com/channel/0029Va23tYwLtOj7zEWzmC1Z
schema:mentions
schema:reviewRating
schema:author
schema:datePublished
schema:inLanguage
  • Hindi
schema:itemReviewed
Faceted Search & Find service v1.16.115 as of Oct 09 2023


Alternative Linked Data Documents: ODE     Content Formats:   [cxml] [csv]     RDF   [text] [turtle] [ld+json] [rdf+json] [rdf+xml]     ODATA   [atom+xml] [odata+json]     Microdata   [microdata+json] [html]    About   
This material is Open Knowledge   W3C Semantic Web Technology [RDF Data] Valid XHTML + RDFa
OpenLink Virtuoso version 07.20.3238 as of Jul 16 2024, on Linux (x86_64-pc-linux-musl), Single-Server Edition (126 GB total memory, 2 GB memory in use)
Data on this page belongs to its respective rights holders.
Virtuoso Faceted Browser Copyright © 2009-2025 OpenLink Software