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| - सोशल मीडिया पर चंद्रमा की एक फोटो वायरल हो रही है. इसे शेयर कर दावा किया जा रहा है कि इस फोटो को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के भेजे गए चंद्रयान-3 ने खींची है.
ISRO ने घोषणा की है कि चंद्रयान-3 (Chandrayan-3) 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर उतरेगा.
सच क्या है?: फोटो न तो हाल की है और न ही इसका संबंध ISRO या चंद्रयान-3 से है. ये फोटो साल 2021 की है.
इस फोटो को एक कुर्दिश एस्ट्रोफोटोग्राफर दारया कावा ने बनाया है. इसके लिए, उन्होंने अपनी खींची गई 400 तस्वीरों को प्रोसेस कर और उन्हें जोड़कर बनाया है.
हमने सच का पता कैसे लगाया?: वायरल फोटो को रिवर्स इमेज सर्च करने पर, हमें 'daryavaseum' नाम के एक यूजर की Reddit पोस्ट मिली.
ये पोस्ट 2021 की है. यहां दी गई जानकारी के मुताबिक, ये तस्वीर यूजर ने खींची और एडिट की थी.
हमें Darya Kawa नाम का एक वेरिफाइड इंस्टाग्राम अकाउंट भी मिला.
कावा ने यही फोटो यहां 20 नवंबर 2021 को शेयर की थी. यानी चंद्रयान-3 के लॉन्च होने से भी काफी पहले उन्होंने ये तस्वीर शेयर की थी.
पोस्ट के कैप्शन के मुताबिक, फोटोग्राफर ने इस फोटो को कैप्चर करने के लिए सेलेस्ट्रॉन नेक्सस्टार 8SE (टेलीस्कोप) और कैनन EOS 1200D (कैमरा) का इस्तेमाल किया है.
कावा एक वेबसाइट भी चलाते हैं जहां वो खगोलीय पिंडों और खासकर चंद्रमा से जुड़ी उनकी खींची गई तस्वीरों को बेंचते हैं.
इस तस्वीर से जुड़ी पुरानी रिपोर्ट्स: हमें NDTV और Newsweek पर पुरानी रिपोर्ट भी मिलीं, जिनमें इसी तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था.
Newsweek पर 6 अक्टूबर 2022 को पब्लिश एक रिपोर्ट में फोटोग्राफर का इंटरव्यू भी था, जिसमें फोटोग्राफर ने कहा था कि उन्होंने चंद्रमा की सतह के रंग और स्पष्टता को दिखाने के लिए 300 से ज्यादा रॉ तस्वीरों को जोड़ा था.
इसमें ये भी बताया गया है कि ये तस्वीर चंद्रमा के एक हिस्से को उजागर करती है, जिसमें सूरज की रोशनी की वजह से गड्ढों के निशान और लकीरें दिख रही हैं.
हमने फोटोग्राफर से किया संपर्क: हमने कावा से संपर्क किया जिन्होंने वायरल हो रहे दावे को गलत बताया
उन्होंने कहा, ''ये तस्वीर मेरी है जिसे मैंने नवंबर 2021 में खींचा था.''
चंद्रयान-3 के बारे में: ISRO के ताजा अपडेट के मुताबिक, चंद्रयान-3 23 अगस्त को शाम करीब 6 बजे चंद्रमा की सतह पर उतरेगा.
ISRO ने चंद्रमा की नई तस्वीरें भी शेयर कीं.
इन तस्वीरों को उस कैमरे से लिया गया था, जो विक्रम लैंडर पर लगा हुआ है. इसे लैंडर पर इसलिए लगाया गया ताकि चंद्रमा के अज्ञात दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र को छूते समय एक सुरक्षित स्थान ढूंढने में मदद मिल सके.
निष्कर्ष: साफ है कि एक फोटोग्राफर की खींची गई पुरानी तस्वीर शेयर कर ये झूठा दावा किया जा रहा है कि इसे ISRO के चंद्रयान-3 ने खींचा है.
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