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Fact Check
सोशल मीडिया पर इन दिनों कैप्सूल में कील एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में एक शख्स दवाई के एक पैकेट को खोलता हुआ नजर आ रहा है। शख्स दवाई के पैकेट को खोलने के बाद उसमें से एक कैप्सूल निकालता है और उसे खोलकर दिखाता है। कैप्सूल को खोलने के बाद उसमें दवाई नहीं बल्कि कुछ कीलें निकलती हैं। इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि कैप्सूल में कीलें मिलाने की ये साजिश मुसलमानों द्वारा की गई है।
मुसलमानोंं की ये नई रणनीति है ताकि वो हिंदुओं को मार सकें। मुसलमानों द्वारा बड़ी कंपनियों की कैप्सूल में कील मिलाई जा रही हैं और उन्हें सस्ते दामों पर हिंदुओं को बेचा जा रहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा हिंदुओं को मारा जा सके।
पोस्ट से जुड़ा आर्काइव लिंक यहां पर देखा जा सकता है।
वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने अपनी पड़ताल शुरू की। हमने वायरल वीडियो को ध्यान से देखा। इस दौरान हमें पता चला कि वायरल वीडियो दो क्लिपों को मिक्स करके बनाया गया है। गौर से देखने पर हमने पाया कि वीडियो के शुरूआत में पैकेज पर कैप्सूल का नाम उर्दू भाषा में लिखा हुआ है। तो वहीं दूसरी क्लिप में जो शख्स कैप्सूल खोल रहा है, वो रूसी भाषा में बात कर रहा है।
इसी से हिंट लेते हुए हमने कुछ कीवर्ड्स के जरिए गूगल पर सर्च करना शुरू किया। सर्च के दौरान हमें MAZ NEWS नाम के एक यूट्यूब चैनल पर वायरल वीडियो से जुड़ा असली वीडियो मिला। जिसे 21 फरवरी 2021 को अपलोड किया गया था। इस वीडियो के कैप्शन में लिखा गया है, जनता को कैप्सूल में कील डालकर खिलाई जा रहीं हैं।
ओरिजनल वीडियो को ध्यान से देखने पर हमने पाया कि कैप्सूल का नाम- इसारोल है। इसके बाद हमने कैप्सूल की पैकेजिंग को जूम करके देखा। तो हमें पता चला कि कैप्सूल के निर्माता के तौर पर सिटी फार्मास्युटिकल लैबोरेट्रीज का नाम लिखा है जो कि कराची पाकिस्तान में स्थित है। हमने इस यूट्यूब चैनल के बारे में सर्च किया तो पाया कि यूट्यूब चैनल पर पाकिस्तान में वायरल हो रहे वीडियो को दिखाया जाता है।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने गूगल पर इसारोल के बारे में सर्च किया। हमें मिली जानकारी के मुताबिक इसारोल को बनाने वाली कंपनी बांग्लादेश स्थित इसकेफ फार्मास्यूटिकल्स है। लेकिन वायरल वीडियो में नजर आ रहे कैप्सूल पर कहीं भी इसकेफ का जिक्र तक नहीं है। इसकेफ भारत या फिर पाकिस्तान में अपने उत्पादों को नहीं बेचती है। हमने वेबसाइट पर मौजूद इसारोल के टैबलेट के पैकेज को वायरल वीडियो से मैच किया। हमने पाया कि दोनों दवाईयों की पैकेजिंग एक दूसरे से काफी अलग है।
हमने वायरल वीडियो में मौजूद दूसरी क्लिप का सच जानने के लिए कुछ कीवर्ड्स के जरिए गूगल पर सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल क्लिप से जुड़ा एक लंबा वीडियो मिला। जिसमें वायरल क्लिप का हिस्सा मौजूद है। वीडियो को ध्यान से देखने पर हमने पाया कि कैप्सूल पर रूसी भाषा में ЭНТЕРОФУРИЛ 200 мг капсулы Нифуркмазил BOSKALLJEN लिखा हुआ है। गूगल ट्रांसलेट की मदद से हमें पता चला कि टेबलेट का नाम एंटोफुरिल 200 मिलीग्राम कैप्सूल निफर्कमाजिल बॉसकलजेन है। इस कैप्सूल के बारे में सर्च करने पर हमने पाया कि इस दवा को बनाने वाली कंपनी बोस्निया और हर्जेगोविना में स्थित है।
इन दोनों ही कंपनियों का व्यापार भारत में नहीं है। हालांकि स्वतंत्र रूप से हम इस बात का पता नहीं कर पाये कि असलियत में वायरल वीडियो कहां का है।
हमारी पड़ताल में मिले तथ्यों के मुताबिक कैप्सूल में कील वाले वायरल वीडियो का भारत से कोई संबंध नहीं है। भ्रामक दावे के साथ वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। हालांकि स्वतंत्र रूप से हम इस बात की तस्दीक नहीं कर पाए कि वायरल वीडियो कहां की और कब की है। लेकिन ये साफ है कि वायरल वीडियो का भारत से कोई संबंध नहीं है।
Youtube – https://www.youtube.com/watch?v=4I9Gu5yCqaE
ENTEROFURIL 2 – https://www.vidal.ru/drugs/enterofuryl__5488
Eskayef pharmaceuticals –http://www.skfbd.com/product-details.php?pid=34
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Komal Singh
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