schema:text
| - Newchecker.in is an independent fact-checking initiative of NC Media Networks Pvt. Ltd. We welcome our readers to send us claims to fact check. If you believe a story or statement deserves a fact check, or an error has been made with a published fact check
Contact Us: checkthis@newschecker.in
Fact checks doneFOLLOW US
Fact Check
पिछले साल 23 जुलाई 2020 से लेकर 8 अगस्त 2020 तक ‘टोक्यो ओलंपिक’ का आयोजन होना था। लेकिन कोरोना महामारी के कारण ‘ओलंपिक’ को स्थागित कर दिया गया था। खेलों का महाकुंभ ‘ओलंपिक’ (Tokyo Olympic) 23 जुलाई 2021 से जापान के टोक्यो में शुरू होने जा रहा है। ओलंपिक में इस बार ’33 खेलों के लिए 339 मेडल’ के लिए मुकाबले होंगे। ऐसे में सोशल मीडिया पर, ‘टोक्यो ओलंपिक’ में स्वयंसेवकों को मेडल दिया जाएगा, जिसपर ‘स्वयं सेवक’ लिखा होगा, ऐसी ही एक पोस्ट वायरल हो रही है। इस पोस्ट में एक मेडल नुमा तस्वीर भी अटैच है। दावा किया जा रहा है कि इस मेडल पर अलग-अलग भाषाओं में ‘वॉलेंटियर’ लिखे होने के साथ हिंदी में भी ‘स्वंयसेवक’ लिखा गया है।” दावा किया जा रहा है कि, “ टोक्यो ओलंपिक में वॉलेंटियर्स को दिए जाने वाले मेडल पर पहली बार हिंदी में स्वंयसेवक लिखा गया है।”
‘ओलंपिक में वॉलेंटियर्स’ को मिलने वाले मेडल के दावे को फेसबुक और ट्विटर पर अलग-अलग यूज़र्स द्वारा शेयर किया जा रहा है।
हमारे आधिकारिक WhatsApp नंबर (9999499044) पर भी, वायरल दावे की सत्यता जानने की अपील की गई थी।
Crowd Tangle टूल पर किए गए विश्लेषण से पता चलता है कि वायरल दावे को सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स द्वारा शेयर किया गया है।
वायरल पोस्ट के आर्काइव वर्ज़न को यहां, यहां और यहां देखा जा सकता है।
टोक्यो में आयोजित हो रहे ओलंपिक खेलों में वालंटियर्स को मेडल दिया जायेगा? क्या इस बार उन्हें मिलने वाले मेडल पर हिंदी में ‘स्वयं सेवक’ लिखा गया है? इसी दावे का सच जानने के लिए हमने पड़ताल शुरू की। चूँकि, जहाँ तक हमारी जानकारी थी, खेलों के इस तरह के आयोजनों में सिर्फ जीतने वाले खिलाडियों को ही मेडल दिया जाता है, लिहाजा यह वायरल दावा बेहद अटपटा लगा। इसलिए हमने इसकी पड़ताल शुरू की। कुछ कीवर्ड्स की मदद से गूगल खंगालने पर, हमें वायरल दावे से संबंधित कोई आधिकारिक रिपोर्ट नहीं मिली, जिससे साबित होता हो कि इस बार ओलंपिक में दिए जाने वाले मेडल पर हिंदी में ‘स्वयंसेवक’ लिखा गया है। अगर IOA द्वारा इस तरह का फैसला लिया गया होता, तो यह खबर मेनस्ट्रीम मीडिया में जरूर होती।
पड़ताल के दौरान, ओलंपिक की आधिकारिक वेबसाइट पर हमें एक लिस्ट मिली। इस लिस्ट में वॉलेंटिर्यस को दिए जाने वाले सामान के बारे में बताया गया है। लेकिन, इस लिस्ट में कहीं भी मेडल के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। वॉलेंटियर्स को खाना, पानी सहित यूनिफॉर्म जैसे, टीशर्ट, पैंट, जैकेट, बैग और जुराब आदि दिया जाता है। इसके साथ-साथ वॉलेंटियर्स को आने-जाने का खर्चा भी दिया जाता है।
पड़ताल के दौरान, हमने टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) की आधिकारिक वेबसाइट को खंगाला। खोज के दौरान, हमें टोक्यो ओलंपिक 2020 में दिए जाने वाले मेडल की तस्वीरें दिखीं। वेबसाइट पर मौजूद सभी मेडल्स को देखने पर हमें वायरल तस्वीर में नज़र आ रहे मेडल से मिलती-जुलती कोई तस्वीर नहीं मिली। टोक्यो ओलंपिक में दिए जाने वाले तीनों मेडल्स की तस्वीरों को नीचे देखा जा सकता है। इन तीनों मेडल्स में गोल्ड मेडल (Gold Medal), सिल्वर मेडल (Silver Medal) और ब्रॉन्ज मेडल (Bronze Medal) शामिल हैं।
YouTube खंगालने पर हमें Tokyo 2020 के आधिकारिक चैनल पर, 24 जुलाई 2019 को अपलोड की गई वीडियो मिली। इस वीडियो में टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympic) में दिए जाने वाले वाले सभी मेडल्स को देखा जा सकता है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर को Google Reverse Image Search की मदद से खंगालने पर हमें अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी (American e-commerce company) e-bay का लिंक मिला। वेबसाइट पर मिली जानकारी के मुताबिक, यह तस्वीर, टोक्यो ओलंपिक 2020 में वॉलेंटियर को दिए जाने वाले पिन (Olympic Tokyo 2020 Pin Volunteer) की है। गौरतलब है कि ऐसे पिन स्वयं सेवकों के कपड़ों पर लगाने के लिए आयोजन समिति द्वारा प्रदान किए जाते हैं। हालांकि, इस वेबसाइट पर छपे चित्र से, यह साबित नहीं होता कि यह पिन टोक्यो में आयोजित होने वाले ओलम्पिक के स्वयं सेवकों को दिए जाने हैं।
वायरल दावे की तह तक जाने के लिए, हमने आईओए अध्यक्ष ध्रुव बत्रा (IOA President Narinder Dhruv Batra) से संपर्क किया। बातचीत में उन्होंने हमे बताया कि, “सोशल मीडिया पर जिस मेडल की तस्वीर वायरल हो रही है, उसका स्वयंसेवक पदक (Volunteer Medal) से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने हमें बताया कि वॉलेंटियर्स को मेडल नहीं दिया जाता है। मेडल केवल उन्हें दिया जाता है, जो जीतते हैं। जो तस्वीर वायरल हो रही है, वह किसी मेडल की नहीं, बल्कि Momentum की है। उन्होंने हमें बताया कि यह आयोजन समिति पर निर्भर करता है कि वो वॉलेंटियर्स को क्या देना चाहती है। लेकिन अभी हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि इस तरह का कोई Momentum वॉलेंटियर्स को दिया भी जायेगा या नहीं।”
Read More: नहीं बदला गया भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम, फेक दावा हुआ वायरल
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे दावे का बारीकी से अध्ययन करने पर, हमने पाया कि खेलों में जीतने वाले खिलाड़ियों को ही मेडल दिए जाते हैं। स्वयंसेवकों को किसी तरह का मेडल नहीं दिया जाता है। एक अमेरिकी E -commerce कंपनी पर मौजूद, एक पिन की तस्वीर को सोशल मीडिया पर गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
Phone Verification
किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in
Komal Singh
February 10, 2025
Komal Singh
January 24, 2025
Komal Singh
December 26, 2024
|