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| - सारांश
हमें जांच के लिए भेजा गया एक बंगाली भाषा में लिखा व्हाट्सएप सन्देश यह दावा करता है कि एक भारतीय ने सबसे पहले कोरोना वायरस से बचाव का टीका खोज कर भारत को विश्व में गर्वान्वित किया है| हमने जांच करके पता लगाया कि सन्देश में किया गया दावा सही नहीं है, हालांकि उसमे भेजी गयी फोटो में दिखाए गए व्यक्ति का कोरोना वायरस से बचाव का टीका खोजने की दिशा में काफी योगदान है|
दावा
हिंदी में अनुवाद करने के बाद, इस सन्देश का अर्थ नीचे दिया गया है: यह भारतीय, वायरलोजिस्ट श्री एस एस वासन हैं जिन्होंने कोरोना वायरस से बचाव के टीके की खोज करके पूरे विश्व को अचंभित कर दिया| गर्व से आगे शेयर करें|
फैक्ट चेक
सबसे पहले यह जानना आवश्यक है कि कोरोना वायरस (COVID -19) से बचाव का टीका अभी, (19 मार्च, 2020 तक) नहीं मिल पाया है | लगभग 35 देशों की संस्थाएं इस वायरस से बचाव का टीका खोजने की दौड़ में शामिल हैं| टाइम पत्रिका में छपी तत्कालीन रिपोर्ट (स्रोत : यहां क्लिक करें) के अनुसार, मानवों पर इस टीके का ट्रायल शुरू होने वाला है| सी एन बी सी तथा फोर्ब्स पत्रिका
में प्रकाशित हुई रिपोर्ट्स (स्रोत :- यहां क्लिक करें और क्लिक करें) के अनुसार, एक पहले से ही फ्लू के वायरस के विरुद्ध उपयोग होने वाली दवा या टीका, कोरोना वायरस से होने वाली बीमारी, COVID-19 को ठीक करने में भी असरदार है|
हमने गूगल रिवर्स इमेज सर्च में फोटो की जांच की और पता चला कि यह फोटो प्रोफेसर एस एस वासन की है जो ऑस्ट्रेलिया स्थित कॉमन वेल्थ देशों के वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसन्धान संस्थान में ख़तरनाक रोगजनकों पर शोध की टीम का नेतृत्व करते हैं| वह एक भारत में जन्मे शोधकर्ता हैं जो अभी हाल ही में COVID -19 बीमारी से बचाव के टीके और दवा की खोज के सम्बन्ध में सुर्ख़ियों में रहे और कोरोना वायरस को पहली बार चीन के बाहर विकसित करने वाली टीम का नेतृत्व कर रहे हैं| इससे शोधकर्ताओं को पूरी मात्रा में वायरस का स्ट्रेन मिल पायेगा ताकि इस वायरस के खिलाफ दवा या टीका खोजा जा सके| हालांकि, इसका अभिप्राय यह बिलकुल नहीं की टीका या दवा पहले ही विकसित हो चुकी है|
टीके की खोज की खबर लगभग सभी भारतीय मीडिया जिसमे टाइम्स ऑफ़ इंडिया(स्त्रोत : यहां क्लिक करें), द हिंदू (स्त्रोत : यहां क्लिक करें), और विऑन (स्त्रोत : यहां क्लिक करें) भी शामिल है ने प्रकाशित की है| इन खबरों के हैडलाइन से भी यह लग एकता है की प्रोफेसर वासन ही टीके की खोज किया है , लेकिन ऐसा नहीं है ।
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