एक टेंट के अंदर पानी के कीचड़ में सोते हुए दो बच्चों की तस्वीर को फिलिस्तीन की हालिया तस्वीर बताकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर किया जा रहा है.
वायरल पोस्ट क्या कहते हैं?: तस्वीर शेयर करने वालों ने इसे इस कैप्शन के साथ अपलोड किया है, "हम कभी नहीं भूलेंगे. हम यह लिखना कभी बंद नहीं करेंगे. फिलिस्तीन को आजाद करो."
कई अन्य तस्वीरें भी यह दावा करते हुए शेयर की जा रही हैं कि वे गाजा में लोगों की तकलीफ दिखा रही है.
(इसी तरह के दावों के अन्य आर्काइव यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं.)
सच क्या है?: ये सभी तस्वीरें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल्स की मदद से तैयार की गई हैं.
हमें इन तस्वीरों में कुछ गड़बड़ लगी इसलिए हमने इन तस्वीरों को एक डिटेक्शन टूल की मदद से चेक किया, जिससे हमें यह अंदाजा लगा कि यह सभी असल में AI-जनरेटेड तस्वीरें थी.
वायरल फोटो से मिला हिंट : इन बच्चों के पैरों में से एक के पास एक विकृत पैर की उंगलियां दिखाई देती हैं जो आमतौर पर AI टूल की मदद से बनाई गई तस्वीर की तरह दिखती हैं.
इसके अलावा, हमने देखा कि वायरल तस्वीर में एक वॉटरमार्क भी है जिस पर लिखा है "BingAi by LB."
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इस तस्वीर में हमें कुछ गड़बड़ी मालूम हुई.
(सोर्स- वायरल इमेज/स्क्रीनशॉट/)
तस्वीर के सोर्स की तलाश: हमनें गूगल पर "lb" कीवर्ड का इस्तेमाल कर के कीवर्ड सर्च किया जिसने हमें 'lb_tengkorak' नाम के इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर की गई उसी फोटो तक पहुंचाया.
यह पोस्ट 28 जनवरी को शेयर की गई थी और इसके कैप्शन में #bingimagecreator #crazyimaginations जैसे कई हैशटैग थे.
इससे हमें AI टूल की मदद से यह तस्वीरें तैयार होने की संभावना का संकेत मिला.
पोस्ट में वे सभी तस्वीरें शामिल हैं जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गई हैं.
हम इस अकाउंट के यूजर से उनके इनपुट के लिए संपर्क कर चुके हैं और प्रतिक्रिया मिलने पर इस रिपोर्ट को अपडेट कर दिया जाएगा.
सभी तस्वीरों की डिटेक्शन टूल के जरिए जांच: टीम वेबकूफ ने इन तस्वीरों को वेरीफाई करने के लिए 'Hive Moderation' नाम के AI डिटेक्शन टूल का इस्तेमाल किया.
टूल ने स्पष्ट रूप से यह संकेत दिया कि सभी वायरल तस्वीरें AI-जनरेटेड होने की संभावना थी, प्रत्येक मामले में संभावना 98 प्रतिशत से ज्यादा थी.
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इस टूल की जांच में इन तस्वीरों के AI से बने होने की संभावना मिली
(सोर्स - Hive Moderation/स्क्रीनशॉट)
निष्कर्ष: यह स्पष्ट है कि कई AI-जनरेटेड तस्वीरों को गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि वे गाजा के हालिया हालातों को दिखाती हैं.
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