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| - Fact Check: फ्रांस में टॉपलेस महिला एक्टिविस्ट्स की तस्वीरों को फेक दावे से किया जा रहा शेयर
विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में हमने पाया कि 24 नवंबर 2024 का यह फ्रांस का वीडियो महिलाओं के खिलाफ हो रही हिंसा और उनके अधिकारों के लिए आवाज उठाने से जुड़ा हुआ है। वीडियो में दिख रही महिलाएं 'FEMEN' नामक एक फेमिनिस्ट ग्रुप से जुड़ी हुई हैं, जो अपने विरोध प्रदर्शनों के लिए जाना जाता है।
By: Umam Noor
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Published: Feb 21, 2025 at 06:24 PM
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Updated: Feb 25, 2025 at 06:08 PM
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नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ महिलाओं को टॉपलेस अवस्था में एक जगह पर प्रदर्शन करते हुए देखा जा सकता है। इस वीडियो को साझा करने वाले यूजर्स दावा कर रहे हैं कि यह प्रदर्शन फ्रांस में ईरानी महिलाओं द्वारा हिजाब और बुर्का के खिलाफ किया गया है और यह घटना पेरिस में हाल ही में हुई है।
विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में हमने पाया कि 24 नवंबर 2024 का यह फ्रांस का वीडियो महिलाओं के खिलाफ हो रही हिंसा और उनके अधिकारों के लिए आवाज उठाने से जुड़ा हुआ है। वीडियो में दिख रही महिलाएं ‘FEMEN’ नामक एक फेमिनिस्ट ग्रुप से जुड़ी हुई हैं, जो अपने विरोध प्रदर्शनों के लिए जाना जाता है।
‘FEMEN’ ग्रुप की महिलाएं अक्सर अपने प्रदर्शनों में टॉपलेस होकर समाज में महिलाओं के साथ हो रहे अन्याय और हिंसा के खिलाफ आवाज उठाती हैं। इस वीडियो में भी उन्होंने ऐसा ही एक प्रदर्शन अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस से पहले किया था, जिसे गलत तरीके से फैलाया जा रहा है।
क्या है वायरल पोस्ट में?
फेसबुक यूजर ने वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, “एक ओर फ्रांस के पेरिस में ईरान की मुस्लिम महिलाएं हिजाब और कट्टरपंथियों के खिलाफ अनोखे तरह से प्रदर्शन करने को मजबूर हो रही हैं वहीं उसी मजहब के कट्टरपंथी पाकिस्तान अफगानिस्तान, बांग्लादेश व भारत में उन्हें बुर्का हिजाब, तीन तलाक हलाला जैसी बंधनकारी कुप्रथाओं में जकड़कर नारकीय जीवन जीने को मजबूर कर रही हैं। हालांकि प्रदर्शन के ये दृश्य भी सभ्य समाज में उचित नहीं हैं। महिलाओं को कोई और तरीका अपनाना चाहिए था। एक समय ईरान बहुत लिबरल देश माना जाता था जहां, महिलाएं आधुनिक कपड़े पहना करती थीं। किंतु, कट्टरपंथियों का कहर वहां भी बरपने लग गया।”
पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखें।
पड़ताल
अपनी पड़ताल को शुरू करते हुए सबसे पहले हमने वायरल किए जा रहे इस वीडियो को गौर से देखा, वीडियो में ‘brut’ का नाम लिखा हुआ नजर आया। वहीं, वीडियो में लिखे फ्रेंच का हमने स्क्रीनशॉट लिया और गूगल ट्रांसलेट की मदद से अनुवाद किया। दी गई जानकारी के मुताबिक, यह फ्रांस में महिला एक्टिविस्ट हैं जो दुनिया भर में महिलाओं के साथ हो रही हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं।
इसी बुनियाद पर हमने अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाया और कीवर्ड के साथ वीडियो को Brut की सोशल मीडिया हैंडल्स पर सर्च किया। सर्च किये जाने पर हमें यह वीडियो Brut ऑफिशियल के इंस्टाग्राम हैंडल पर 23 नवंबर 2024 को अपलोड किया हुआ मिला। यहां वीडियो के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक, पेरिस में फीमेन (FEMEN) एक्टिविस्ट ने पूरी दुनिया में महिलाओं पर हो हिंसा के खिलाफ टॉपलेस होकर प्रदर्शन में हिस्सा लिया।
इसी मामले से जुड़ी खबर हमें ‘shethepeople.tv’ की वेबसाइट पर भी मिली। यहां खबर में दी गई विस्तृत जानकारी के अनुसार, 25 नवंबर को फीमेन की सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने फ्रांस के पेरिस में लौवर संग्रहालय के बाहर ”अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस” के मौके पर टॉपलेस विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में “फेम, वी, लिबर्टे” (महिलाएं, जीवन, आजादी) के नारे के तहत 100 से अधिक एक्टिविस्टों ने हिस्सा लिया, जिनके शरीर पर “स्टॉप वॉर ऑन वुमन ” और “महिलाएं, जीवन, आजादी” जैसे नारे लिखे हुए थे। फीमेन ने इसे “वैश्विक महिला अधिकारों के उल्लंघन का प्रतीक” बताया, जो अफगानिस्तान, ईरान, सूडान, यूक्रेन, फिलिस्तीन और अन्य देशों में उत्पीड़न झेल रही महिलाओं के साथ एकजुटता दर्शाता है। यह प्रदर्शन लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ एक वैश्विक आंदोलन बनता जा रहा है।
FEMEN के इंस्टाग्राम अकाउंट पर भी हमें इस प्रदर्शन से जुड़ी तस्वीरें मिलीं। कैप्शन में दी गई जानकारी में बताया गया, हम उन सभी प्रताड़ित लड़कियों और महिलाओं के साथ खड़े हैं, जो अफगानिस्तान, ईरान, इराक, कुर्दिस्तान, यूक्रेन, फिलिस्तीन, इजरायल , सूडान, लीबिया और ऐसी कई जगहों पर हैं। गायिका लियो के नेतृत्व में हमने “L’Hymne des Femmes” (महिलाओं का गीत) गाया, जबकि हम सभी काले रंग के हिजाब में थे, जो महिलाओं के शोक और उनके अस्तित्व को मिटाए जाने का प्रतीक है। @victoriagugenheim के नेतृत्व में फारसी में “The Song of Equality” (समानता का गीत) गाया, जो ईरानी महिलाओं के प्रतिरोध का गीत है। हर एक कार्यकर्ता ने अपना हिजाब उतारकर आज़ादी मनाई। हमारे शरीर, जिन पर प्रतिरोध के नारे और संदेश लिखे हैं वह हमारे विद्रोह का एलान हैं। घूंघट उतारना सिर्फ एक प्रतीकात्मक कदम नहीं है; यह एक ऐसा कदम है, जिसके जरिये हम अपने अधिकार वापस ले रहे हैं। यह दुनिया को एक संदेश है कि हम चुप नहीं रहेंगे, हमें मिटाया नहीं जा सकता और हम अपनी और बाकी महिलाओं की आज़ादी के लिए लड़ते रहेंगे।
वहीं, यूरो न्यूज़ की 23 नवंबर 2024 की खबर के मुताबिक, शनिवार को फ्रांस और इटली में हज़ारों लोगों ने महिलाओं के खिलाफ हिंसा के विरोध में मार्च निकाला। यह प्रदर्शन अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस से दो दिन पहले आयोजित किया गया। प्रदर्शनकारियों ने महिलाओं के खिलाफ हर तरह की शारीरिक, मानसिक और आर्थिक हिंसा का विरोध किया।
फोटो एजेंसी अलामी डॉट कॉम पर भी इस मामले से जुड़ी तस्वीर मिली। यहां भी बताया गया, फीमेन एक्टिविस्ट ने 24 नवंबर, 2024 को अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस से पहले पेरिस में लौवर संग्रहालय के सामने मध्य पूर्व में महिलाओं के खिलाफ हिंसा का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया।
फीमेन की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, यह एक अंतरराष्ट्रीय महिला आंदोलन है, जिसमें बहादुर टॉपलेस महिला कार्यकर्ता शामिल हैं।
वायरल वीडियो से जुड़ी पुष्टि के लिए हमने फ्रांस के Les Vérificateurs के फैक्ट चेकर एलेक्जेंडर कैपरून से संपर्क साधा और वायरल पोस्ट उनके साथ शेयर की। उन्होंने हमें बताया, यह फीमेन की कार्यकर्ताएं हैं, जिन्होंने महिलाओं के खिलाफ हिंसा को लेकर प्रदर्शन किया था, इनकी धार्मिक पहचान का कहीं जिक्र नहीं है।”
अब बारी थी फर्जी पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की सोशल स्कैनिंग करने की। हमने पाया कि यूजर ने खुद को बिहार के सिवान का बताया है। वहीं, यूजर के तकरीबन 5 हजार एफबी फ्रेंड्स हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में हमने पाया कि 24 नवंबर 2024 का यह फ्रांस का वीडियो महिलाओं के खिलाफ हो रही हिंसा और उनके अधिकारों के लिए आवाज उठाने से जुड़ा हुआ है। वीडियो में दिख रही महिलाएं ‘FEMEN’ नामक एक फेमिनिस्ट ग्रुप से जुड़ी हुई हैं, जो अपने विरोध प्रदर्शनों के लिए जाना जाता है। इस ग्रुप की महिलाएं अक्सर अपने प्रदर्शनों में टॉपलेस होकर समाज में महिलाओं के साथ हो रहे अन्याय और हिंसा के खिलाफ आवाज उठाती हैं। इस वीडियो में भी उन्होंने ऐसा ही एक प्रदर्शन किया था, जिसे गलत तरीके से फैलाया जा रहा है।
Claim Review : यह प्रदर्शन फ्रांस में ईरानी महिलाओं द्वारा हिजाब और बुर्का के खिलाफ किया गया है और यह घटना पेरिस में हाल ही में हुई है।
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Claimed By : FB User- Rajesh Shukla
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Fact Check : भ्रामक
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